सरकार की मंशा नया बनाने से ज्यादा पुराने एयरपोर्ट की जमीन बेचने में

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राजस्थान की पिछली अशोक गहलोत के नेतृत्ववाली कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री रहे शांति धारीवाल ने यह गंभीर आरोप केंद्र और राजस्थान की डबल डेकर सरकार पर लगाया है। जिसने राज्य में सत्ता परिवर्तन होते ही केंद्र सरकार से पुराने एयरपोर्ट को बेचकर कोटा में शंभूपुरा में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का एमओयू हस्ताक्षरित कर लिया। शांति धारीवाल ने यहां यह महत्वपूर्ण सवाल खड़ा किया है कि क्या केंद्र और राज्य सरकारों के पास नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपए भी नहीं है?

-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि राज्य की भाजपा सरकार की दिलचस्पी कोटा में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण से कही अधिक पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचकर खुर्दबुर्द करने की कोशिश में है जबकि पिछली कांग्रेस सरकार यहां मिनी सचिवालय और अधिशेष जमीन पर शहर के मध्य ऑक्सीजोन विकसित करने की वजह थी।

श्री धारीवाल ने यहां जारी एक बयान में कहा कि यही वजह है कि पिछले विधानसभा चुनाव के बाद डबल इंजन सरकार बनते ही नई सरकार ने आनन-फ़ानन में केंद्र सरकार से पुराने एयरपोर्ट को बेचकर कोटा में नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण का एमओयू हस्ताक्षरित कर लिया।

श्री धारीवाल ने सवाल उठाया कि क्या केंद्र और राज्य सरकारों के पास नया ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट के निर्माण के लिए एक हजार करोड़ रुपए भी नहीं है जो नया एयरपोर्ट बनाने के लिए पुराने एयरपोर्ट की बेशकीमती और बहुउपयोगी जमीन को बेच देना चाहती है? डबल डेकर सरकार को पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार से सबक सिखाना चाहिए जिसने अपने दम पर कोटा में 6000 करोड़ के विकास कार्य करवाये, जिसकी सुविधाओं का लाभ आज भी शहरवासियों को मिल रहा हैं।

सच्चाई यह है कि केंद्र की बीजेपी सरकार तो बीते 10 साल में एयरपोर्ट की डीपीआर भी तैयार नही करवा सकी। पूर्व मंत्री शांति धारीवाल ने बयान जारी कर भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने कोटा में नए एयरपोर्ट के लिए जमीन आवंटित की। जमीन के साथ-साथ अन्य राज्य सरकार की ओर से किए जाने वाले कार्यों को भी अति संवेदनशीलता के साथ पूरा किया।

भाजपा वाले 10 साल से कोटा में नए एयरपोर्ट के काम को अड़चने पैदा कर एयरपोर्ट को बनाने में अक्षमता जाहिर करते रहे। नये नये खर्च राज्य सरकार पर डाल रहे थे, क्योंकि उनकी मंशा पुराने एयरपोर्ट की जमीन बेचने की थी। अब जैसे ही केंद्र और राज्य में भाजपा की सरकार बनी है। पुराने एयरपोर्ट की जमीन को बेचकर नया एयरपोर्ट निर्माण करवाने का एमओयू किया गया है। पुराने एयरपोर्ट की जमीन के बेचान करने की योजना बनाना कोटा शहर के लोगो के साथ कुठाराघात है।

पूर्व मंत्री श्री धारीवाल ने भाजपा पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा है कि केन्द्र और पूर्व की राज्य की भाजपा सरकारों ने कोटा में एयरपोर्ट को लेकर कभी गंभीर प्रयास ही नहीं किया। पहले झालावाड़ की कोलाना हवाई पट्टी को लेकर कोटा एयरपोर्ट प्रोजेक्ट को नजरअंदाज किया गया और जब कांग्रेस सरकार ने कोटा में नए एयरपोर्ट के लिए जमीन आवंटित कर दी तो केंद्र की सरकार ने उसमें रोडे अटकाकर परियोजना को पूरा नही होने दिया।

अशोक गहलोत सरकार में प्रभावशाली नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री रहे श्री धारीवाल ने पुराने एयरपोर्ट की जमीन बेचकर नया बनाने पर सवालिया निशान खड़े करते हुए कहा कि पुराने एयरपोर्ट की जमीन पर मिनी सचिवालय बनाने के हमने प्रयास किये।

पुराने एयरपोर्ट की कुल 467 एकड़ में से सिर्फ 9 एकड़ भूमि पर मिनी सचिवालय प्रस्तावित था, जिसमें कोर्ट परिसर सहित अन्य सरकारी विभागों के कार्यालय बनाना प्रस्तावित था। इसके साथ ही बाकी बची शेष जमीन पर सघन वृक्षारोपण कर कोटा वासियों को शुद्ध पर्यावरण उपलब्ध करवाने का प्रोजेक्ट बनाया था लेकिन, भाजपा सरकार शहर वासियों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर मिनी सचिवालय की मिलने वाली सुविधाओं से कोटा वासियों को वंचित रखना चाह रहे हैं।