IIT को सुप्रीम कोर्ट का निर्देश- बताए विवादित प्रश्न का सही उत्तर
नई दिल्ली। NEET Supreme Court hearing: नीट यूजी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई कल तक के लिए टाल दी है। कल मंगलवार को शीर्ष अदालत फिर से मामले की सुनवाई करेगी। कोर्ट ने आईआईटी दिल्ली के निदेशक को मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट के विवादित प्रश्न के सही उत्तर पर राय बनाने के लिए संबंधित विषय के तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने को कहा है।
आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञ कल मंगलवार दोपहर 12 बजे तक सही उत्तर कोर्ट को बताएंगे। दरअसल कुछ छात्रों ने प्रश्न संख्या 19 के दो विकल्पों के लिए अंक देने के एनटीए के फैसले को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ता छात्र का कहना है कि उसने नेगेटिव मार्किंग के डर से उस प्रश्न को छोड़ दिया था।
4,20,774 स्टूडेंट्स ने विकल्प 2 (पुराने एनसीईआरटी संस्करण का उत्तर) को चुना था जबकि 9,28,379 ने विकल्प 4 (नए एनसीईआरटी संस्करण का उत्तर) चुना था। एनटीए ने दोनों विकल्पों को सही उत्तर मानते हुए इन्हें चुनने वाले स्टूडेंट्स को मार्क्स दिए हैं। याचिकाकर्ता छात्र का तर्क है कि परीक्षा नियमों के मुताबिक एक प्रश्न का एक ही उत्तर हो सकता है। मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ नेसोमवार को सुनवाई शुरू होते ही पूछा कि नीट के सेंटर व सिटी वाइज रिजल्ट से क्या निकला?
याचिकाकर्ता के वकील नरेन्द्र हुड्डा ने कहा कि हमने डेटा पर आधारित नोट सब्मिट कर दिया है। उन्होंने दावा किया कि नीट का पेपर परीक्षा के दिन 5 मई से दो दिन पहले ही लीक हो चुका था। उन्होंने कहा कि नीट का पेपर 3 मई को या उससे पहले लीक हो चुका था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के बयानों से पता चलता है कि नीट पेपर लीक 4 मई से पहले हुआ। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे बी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ नीट को लेकर दायर 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई की।
सुनवाई के दौरान सीजेआई ने याचिकाकर्ता के वकील नरेन्द्र हुड्डा से कहा कि आप कैसे साबित कर सकते हैं कि नीट पेपर लीक पूरे देश में फैल गया? अदालत के समक्ष कोई ठोस आधार रखा जाए। अभी तक हमारे पास ऐसा कोई ठोस सबूत नहीं है। अगर कुछ सेंटरों के ज्यादा मार्क्स देखने में आए हैं तो उन्हें पेपर लीक से कैसे जोड़ें। याचिकाकर्ताओं ने वकील ने यह भी मांग की कि 5 मई को हुई नीट को प्रीलिम्स मान लिया जाए और अब मेन्स परीक्षा कराई जाए। एक अन्य सुझाव यह दिया कि सभी नीट क्वालिफाई करने वाले स्टूडेंट्स को एक बार फिर से टेस्ट होना चाहिए।
इससे पहले राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने शनिवार को शार्ष अदालत के आदेश का पालन करते हुए नीट के सेंटर वाइज व सिटी वाइज परिणाम जारी किए। एनटीए द्वारा जारी सेंटर वाइज रिजल्ट के डेटा के विश्लेषण से पता चला है कि पेपर लीक और अन्य अनियमितताओं से कथित तौर पर लाभान्वित होने वाले उम्मीदवारों ने अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।
हालांकि कुछ केंद्रों पर अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों की संख्या अधिक रही। जांच के दायरे में आए केंद्रों के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन तुलनात्मक रूप से काफी खराब था। नीट देने वाले करीब 24 लाख अभ्यर्थी परीक्षा पर न्यायालय के अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि हजारीबाग और पटना में नीट का पेपर लीक हुआ। शीर्ष अदालत ने साफ कहा है कि यदि पूरी परीक्षा प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जा सकता है। यानी कोर्ट तभी पूरे देश में री-एग्जाम कराने का आदेश देगी जब यह साबित हो कि नीट पेपर लीक का दायरा बड़ा हो व देश भर में मेडिकल प्रवेश परीक्षा प्रक्रिया पर असर पड़ा हो।
एनटीए और केंद्र सरकार नीट के री-एग्जाम के खिलाफ है। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने जवाब में एनटीए ने आईआईटी मद्रास की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए नीट-यूजी की परीक्षा में किसी भी तरह की अनियमितता से इनकार किया था।
आईआईटी के विशेषज्ञ बताए विवादित प्रश्न का सही उत्तर
नीट पेपर के प्रश्न संख्या 19 के उत्तर के संबंध में IIT दिल्ली से एक विशेषज्ञ की राय मांगी जानी चाहिए। हम IIT दिल्ली के निदेशक से संबंधित विषय के तीन विशेषज्ञों की एक टीम गठित करने का अनुरोध करते हैं। निदेशक द्वारा गठित विशेषज्ञ टीम से अनुरोध है कि वे सही विकल्प पर राय तैयार करें और कल दोपहर 12 बजे तक रजिस्ट्रार को राय भेजें। रजिस्ट्रार जनरल से अनुरोध है कि वे आदेश को आईआईटी दिल्ली के निदेशक को सूचित करें ताकि राय तैयार करने के लिए जल्द कदम उठाए जा सकें।