Gold Price: सोना नए ऑल-टाइम हाई पर, अब तक 12 हजार रु. से ज्यादा हुआ महंगा

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नई दिल्ली। Gold Price Today: घरेलू फ्यूचर्स मार्केट में मंगलवार सुबह सोने ने नया रिकॉर्ड बनाया है। यह उछाल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ नीतियों के आर्थिक प्रभाव को लेकर बढ़ती अनिश्चितता के बीच आया है।

हफ्ते के दूसरे कारोबारी दिन यानी मंगलवार को फ्यूचर्स और स्पॉट दोनों में गोल्ड अपने नए ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। इससे पहले घरेलू और ग्लोबल मार्केट में शुक्रवार को सोना रिकॉर्ड हाई पर दर्ज किया गया था। घरेलू मार्केट में इस साल अब तक सोना 12 हजार रुपये से ज्यादा यानी 16 फीसदी मजबूत हुआ है।

ग्लोबल मार्केट में भी इस दौरान 15 फीसदी की तेजी आई है। गोल्ड में किस कदर तेजी है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि इस बेशकीमती धातु ने ग्लोबल मार्केट में इस साल अब तक 14 दफे रिकॉर्ड हाई बनाया है।

आज कारोबार के दौरान एमसीएक्स (MCX) पर सोने का बेंचमार्क कॉन्ट्रैक्ट रिकॉर्ड 88,513 रुपये तक ऊपर गया। पिछले शुक्रवार (14 मार्च) को यह 88,310 के हाई पर पहुंच गया था। घरेलू स्पॉट मार्केट में भी मंगलवार को शुरुआती कारोबार में सोना 24 कैरेट (999) 88,256 रुपये के रिकॉर्ड हाई तक ऊपर गया।

ग्लोबल लेवल पर भी यही हाल है। बेंचमार्क स्पॉट गोल्ड आज कारोबार के दौरान 3,021.02 डॉलर प्रति औंस के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया। बेंचमार्क यूएस गोल्ड फ्यूचर्स तो 3,029.60 डॉलर के रिकॉर्ड हाई पर दर्ज किया गया।

ज्यादातर जानकार सोने को लेकर फिलहाल बेहद बुलिश हैं। उनका मानना है कि ग्लोबल लेवल पर ट्रेड वॉर छिड़ने की आशंका के मद्देनजर जो अनिश्चतिता की स्थिति बनी है उसमें बतौर सुरक्षित विकल्प (safe-haven) सोने की मांग बरकरार रह सकती है।

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें इस सत्र में 3,012.05 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गईं। निवेशकों ने ट्रम्प की आक्रामक टैरिफ नीतियों से गंभीर आर्थिक नुकसान की आशंकाओं के बीच सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख किया।

अब सभी की नजर 19 मार्च को अमेरिकी फेडरल ओपन मार्केट कमेटी (FOMC) के नीतिगत निर्णय पर है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के पॉलिसी रेट्स को अपरिवर्तित रखने की उम्मीद है। विशेषज्ञों का मानना है कि फेड की हॉकिश नीति सोने की कीमतों पर दबाव डाल सकती है।

आर्थिक अनिश्चितता के दौर में सोने की कीमतें बढ़ती हैं। हालांकि, ब्याज दरों में वृद्धि सोने के लिए नकारात्मक होती है। उच्च दरों के कारण, बॉन्ड और सेविंग अकाउंट जैसे फिक्स्ड-इनकम एसेट्स बेहतर रिटर्न देते हैं, जिससे सोना निवेशकों के लिए कम आकर्षक हो जाता है।

सोने की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर क्यों
सोने की कीमतों को कई कारकों ने समर्थन दिया है। इनमें सबसे प्रमुख ट्रम्प की टैरिफ नीतियों से पैदा हुआ ट्रेड वॉर है, जिससे आर्थिक मंदी का खतरा बढ़ गया है। सोने को आमतौर पर आर्थिक अनिश्चितता और मुद्रास्फीति के खिलाफ सुरक्षित संपत्ति माना जाता है।

एक और कारक डॉलर इंडेक्स में गिरावट है। चूंकि सोने की कीमत अमेरिकी डॉलर में तय होती है, इसलिए डॉलर में कमजोरी आने पर सोना अन्य मुद्राओं में सस्ता हो जाता है, जिससे इसकी मांग बढ़ती है। इसके अलावा, केंद्रीय बैंकों की मजबूत खरीदारी भी सोने की कीमतों को समर्थन दे रही है। पिछले कुछ सालों में दुनिया भर के प्रमुख केंद्रीय बैंक सोने की भारी खरीदारी कर रहे हैं।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के कमोडिटी रिसर्च के सीनियर एनालिस्ट मानव मोदी ने कहा, “सोने की कीमतों को कई कारकों ने बढ़ावा दिया है। इनमें डॉलर इंडेक्स में गिरावट प्रमुख है। मिश्रित-से-सकारात्मक मैक्रोइकॉनॉमिक संकेतकों के बावजूद, डॉलर इंडेक्स सुस्त रहा है, जो 107 से गिरकर लगभग 103.50 पर आ गया है। इसके अलावा, टैरिफ वॉर को लेकर अनिश्चितता ने निवेशकों की चिंता बढ़ा दी है, जो सोने की कीमतों को समर्थन दे रही है।”

मोदी ने आगे कहा, “सोने की मांग मजबूत बनी हुई है। पिछले साल, घरेलू बाजार में सोने और चांदी के आयात में उछाल आया था और इस साल की शुरुआत भी इसी तरह मजबूत रही है। केंद्रीय बैंकों की खरीदारी भी लगातार जारी है, जो कीमतों को अतिरिक्त समर्थन दे रही है।”