जयपुर। देश के पश्चिमी प्रान्त-राजस्थान में बेमौसमी वर्षा तेज हवा तथा ओलावृष्टि जैसी प्राकृतिक आपदाओं के कारण इस वर्ष गेहूं की क्वालिटी प्रभावित हुई है। कई क्षेत्रो में दाने रह अपरिपक्व रह गए है कई अन्य इलाको में उसकी चमक घट गई। इससे किसानो को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर अपना गेहूं बेचने में भारी कठिनाई हो रही थी।
लेकिन केन्द्रीय खाद्य मंत्रालय ने किसानो को राहत देते हुए गेहूं गुणवत्ता मानदंडों (क्वालिटी स्टैंडर्ड) में भारी रियायत प्रदान कर दी है जिससे वहां सरकारी खरीद में इजाफा होने लगा है। ज्ञात हो कि मध्य प्रदेश की भांति राजस्थान में भी गेहूं की खरीद पर किसानो को 2275 रुपए प्रति क्विंटल के न्यूनतम समर्थन मूल्य से ऊपर 125 रुपए प्रति क्विंटल की दर से अतिरिक्त बोनस देने की घोषणा की गई है जिससे किसानो को 2400 रुपए प्रति क्विंटल मिल रहा है।
गुणवत्ता मानदंड में रियायत के तहत गेहूं के स्टॉक में अपरिपक्व एवं टूटे-सिकुड़े दाने की अधिक सीमा को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत तथा चमकहीन दाने की सीमा को बढ़ाकर 70 प्रतिशत निर्धारित किया गया है। इसका मतलब यह है कि 70 प्रतिशत तक चमकहीन डेन वाले गेहूं की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर दी जाएगी। आम तौर पर व्यापारी एवं मिलर्स ऐसे गेहूं की खरीद कम दाम पर करते है।
प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राजस्थान में पिछले साल 27 अप्रैल तक केवल 64 हजार टन गेहूं खरीदा गया था जो चालू वर्ष में उछलकर 3.60 लाख टन पर पहुंच गया। राज्य में इस बार कुल 20 लाख टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य रखा गया है और सरकार को यह लक्ष्य हासिल हो जाने की उम्मीद है।