जयपुर। उद्योग- व्यापार क्षेत्र के अग्रणी संघों- संगठनों ने 2023-24 के रबी सीजन में राष्ट्रीय स्तर पर 123 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान लगाया है जिसमें उत्तर प्रदेश में 18 लाख टन, राजस्थान में 53 लाख टन, मध्य प्रदेश में 16 लाख टन, हरियाणा-पंजाब में 12 लाख टन, गुजरात में 5 लाख टन तथा बंगाल-बिहार सहित अन्य राज्यों में 19 लाख टन का अनुमानित उत्पादन शामिल है।
इसके अलावा सरकारी एजेंसियों- नैफेड / हैफेड के पास 1 मार्च 2024 को 7.50 लाख टन तथा अन्य स्रोतों के पास 4.50 लाख टन को मिलाकर करीब 12 लाख टन सरसों का स्टॉक मौजूद था।
इसे मिलाकर सरसों की कुल उपलब्धता 135 लाख टन पर पहुंचने की उम्मीद है। इसमें से 7 लाख टन की आवक फरवरी में हो गई और 1 मार्च की स्थिति के अनुसार चालू मार्केटिंग सीजन में 128 लाख टन सरसों का स्टॉक उपलब्ध रहेगा।
जयपुर (राजस्थान) के चांदपोल की अनाज मंडी में स्थित मशहूर प्रतिष्ठान मैसर्स मरुधर ट्रेडिंग एजेंसी के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल चतर के अनुसार मार्च 2024 के दौरान घरेलू मंडियों में 15.50 लाख टन सरसों की आवक हुई जिसमें से 13.00 लाख टन की क्रशिंग हो गई और 2.50 लाख टन का स्टॉक बच गया।
उधर किसानों के पास 104.90 लाख टन का स्टॉक बचेगा क्योंकि 10 हजार टन की सरकारी खरीद हुई जिससे उसका स्टॉक 7.50 लाख टन से बढ़कर 7.60 लाख टन हो गया। इस तरह घरेलू प्रभाग में 1 अप्रैल 2024 से कुल मिलाकर 115 लाख टन सरसों का स्टॉक उपलब्ध रहने का अनुमान है।
हरियाणा में 26 मार्च से हैफेड द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से सरसों की खरीद शुरू करने की घोषणा हुई थी जबकि केन्द्रीय एजेंसी नैफेड की खरीद मार्च में आरंभ नहीं हो सकी। अब खरीदारी शुरू होने वाली है।