मुंबई। वर्ष 2024 के दौरान हल्दी का घरेलू बाजार भाव आमतौर पर ऊंचा एवं तेज रहने का अनुमान लगाया जा रहा है क्योंकि इसका निर्यात प्रदर्शन बेहतर होने के आसार हैं। हल्दी के बिजाई क्षेत्र में भी कुछ कमी आई है। वर्ष 2023 में हल्दी के वायदा मूल्य में करीब 69 प्रतिशत का जबरदस्त इजाफा दर्ज किया गया।
विश्लेषकों के मुताबिक वर्ष 2024 में जीरा तथा धनिया की तुलना में हल्दी से उत्पादकों को ज्यादा रिटर्न मिल सकता है। अगले साल हल्दी का दाम नीचे में 9000 रुपए प्रति क्विंटल से लेकर ऊपर में 20,000-21,000 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच सकता है।
समझा जाता है कि नई फसल की जोरदार आवक के सीजन में व्यापारी-स्टॉकिस्ट एवं निर्यातक हल्दी की खरीद करके इसका विशाल स्टॉक बना सकते हैं जिससे आपूर्ति के ऑफ सीजन में निर्यात मांग निकलने पर इसका दाम स्वाभाविक रूप से ऊंचा एवं तेज हो जायेगा। 22 दिसंबर 2023 को ही अप्रैल अनुबंध के लिए हल्दी का वायदा मूल्य बढ़कर 14250 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गया था। अप्रैल 2024 तक हल्दी की अच्छी आवक हो सकती है और उसके बाद आपूर्ति में गिरावट आने लगेगी।
मोटे अनुमान के अनुसार पिछले साल की तुलना में 2023-24 सीजन के दौरान हल्दी का बिजाई क्षेत्र तेलंगाना में करीब 10-15 प्रतिशत तथा महाराष्ट्र में 15-20 प्रतिशत घट गया। एक व्यापारिक प्रतिष्ठान ने तो राष्ट्रीय स्तर पर हल्दी के क्षेत्र में 40 प्रतिशत की जोरदार गिरावट का अनुमान लगाया है।
मसाला बोर्ड के आकड़ों से पता चलता है कि 2022-23 के सीजन में हल्दी का कुल रकबा 3,23,838 हेक्टेयर रहा था। तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश में मिचौंग तूफ़ान से हल्दी की फसल को थोडा-बहुत नुकसान होने की आशंका है।
तमिलनाडु में तो अत्यंत मूसलाधार बारिश और बाढ़ का भी प्रकोप देखा जा रहा है। भारत से हल्दी के कुछ उत्पादन के 12-15 प्रतिशत का निर्यात होता है जबकि वैश्विक निर्यात बाजार में भारत की भागीदारी 80-85 प्रतिशत रहती है। बांग्लादेश इसका सबसे प्रमुख खरीदार है जबकि कई अन्य देश भी भारत से हल्दी का आयात करते हैं।