नई दिल्ली। अब सरकार आपकी रिहायश और व्यवसाय करने की जगह का डिजिटल एड्रेस तैयार करेगी ठीक वैसे जैसे आपकी व्यक्तिगत पहचान के लिए आधार कार्ड नंबर दिया गया है। इसके लिए संचार मंत्रालय ने एक पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया है।
डिजिटल एड्रेस में छह अंकों का एक एड्रेस होगा जो लोगों के पते की पहचान बन जाएगा। शुरुआत में तीन पोस्टल कोड पर यह काम किया जा रहा है, इसमें एक दिल्ली और दूसरा नोएडा का है।
पोस्टल एड्रेस डिजिटल होने पर पता लग सकेगा कि प्रॉपर्टी किसके नाम पर है, उसका टैक्स रिकॉर्ड भी देखा जा सकेगा और यह भी पता लग सकेगा कि उस प्रॉपर्टी पर बिजली-पानी और गैस कनेक्शन है या नहीं। सरकार यह काम ‘मैप माई इंडिया’ नाम की कंपनी के साथ मिलकर कर रही है।
कैसा होगा डिजिटल एड्रेस: मानिए कि किसी का एड्रेस 147, पॉकेट XX, 2A, जनकपुरी है तो इसका डिजिटल एड्रेस 8GDTYX कुछ इस तरह होगा। जो कि काफी छोटा और सरल होगा। मैप माई इंडिया इस काम के लिए इसरो और नेशनल सेटलाइट इमेजरी सर्विस ‘भुवन’ की मदद ले रही है।