कोटा। शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर पाटनपोल पर अधिकमास पर सोमवार को छप्पनभोग मनोरथ के दर्शन हुए। इस दौरान छप्पनभोग की झांकी सजाई गई। दर्शनों के लिए भक्तों का तांता लगा रहा। भक्तों ने मथुराधीश प्रभु के जयकारों से आसमान गूंजा दिया।
युवराज मिलन कुमार बाबा ने बताया कि वल्लभ कुल पुष्टिमार्ग संप्रदाय में षटऋतु के अनुसार भोग की परंपरा है। अधिक मास में ठाकुर जी के छप्पन भोग का महात्म्य माना गया है।छप्पन भोग में मथुराधीश प्रभु को लड्डू, बर्फी, ऋतु फल समेत विभिन्न मिष्ठान और ऋतुकाल के अनुसार छप्पन प्रकार के व्यंजनों से भोग लगाया गया।
इस दौरान प्रभु का नवरत्नों से श्रृंगार किया गया। प्रभु के प्रिप्यर्थ नवरत्नों के आभूषणों और भारी श्रृंगार के साथ कूल्हे जोड़ चंद्रिका धराई गई। श्रृंगार आभूषणों में हीरा, पन्ना, मोती, माणक, कुन्दन, सोने के आभूषणों की शोभा की गई। सुन्दर से सुन्दर, उत्तम से उत्तम प्रकार के आभूषणों को धरा कर ठाकुर जी के दर्शन का लाभ लेने के लिए भक्त उमड़ पड़े। वहीं सजावट भी विशेष प्रकार से की गई थी।