जयपुर। वसुंधरा राजे वर्तमान में पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं, लेकिन वे राजस्थान में होने वाले विधानसभा चुनाव में अपनी दावेदारी छोड़ने को तैयार नहीं हैं।
उनके गुट की तरफ से लगातार आलाकमान पर यह दवाब बनाया जा रहा है कि पार्टी उन्हें सीएम फेस घोषित कर चुनाव में उतरे, लेकिन राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों को देखते हुए पार्टी आलाकमान काफी पहले ही सैद्धांतिक तौर पर यह फैसला कर चुका है कि पार्टी प्रदेश में सामूहिक नेतृत्व में चुनाव में उतरेगी। चुनाव पीएम मोदी के चेहरे के साथ ही लड़ा जाएगा।
हालांकि, समय-समय पर हाईकमान यह भी संदेश देता रहता है कि वसुंधरा राजे के राजनीतिक कद और अनुभव को देखते हुए पार्टी उन्हें विधानसभा चुनाव के मद्देनजर कोई बड़ी भूमिका दे सकती है। लेकिन राज्य भाजपा में लगातार बदल रहे समीकरणों की वजह से वसुंधरा राजे का गुट अपने आपको असहज महसूस कर रहा है।
हाल ही में पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष ने प्रदेश के सवाई माधोपुर में आयोजित विजय संकल्प बैठक में राजस्थान भाजपा के नेताओं को संबोधित करते हुए दो टूक शब्दों में यह नसीहत दी थी कि भाजपा को प्रदेश में सरकार बनानी है, राजस्थान बहुत महत्वपूर्ण राज्य है और इसलिए सभी नेताओं को आपस में गिले-शिकवे दूर कर विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुट जाना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक, बीएल संतोष ने कुछ नेताओं के रवैये पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए यह भी कहा था कि संगठन के किसी भी नेता की अनदेखी ठीक नहीं है और प्रदेश में सभी को एकजुट होकर राजस्थान की कांग्रेस सरकार को विधानसभा चुनाव में हराने के लिए जुट जाना चाहिए।