नई दिल्ली। कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (BJP) की करारी हार के बाद शेयर बाजार में गिरावट आ सकती है। बाजार विशेषज्ञों का कहना है आम तौर पर विधानसभा चुनावों का शेयर बाजार पर ज्यादा असर नहीं पड़ता मगर दक्षिणी राज्य में कांग्रेस का शानदार प्रदर्शन 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले भाजपा के विरोधियों को उत्साहित कर सकता है।
अल्फानीति फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट ने कहा, ‘कर्नाटक चुनाव के बाद लोग यह सोचना शुरू कर सकते हैं कि सत्ता में बदलाव संभव है।’ उन्होंने कहा, ‘आम चुनाव नजदीक आने के कारण बाजार थोड़ा महंगा दिख सकता है। चुनावी साल आम तौर पर बाजार के लिए अच्छा नहीं रहता।’
कर्नाटक विधानसभा में कांग्रेस ने सीटों और मत प्रतिशत दोनों के लिहाज से करीब तीन दशक में सबसे बड़ी जीत दर्ज की है। कांग्रेस ने 137 सीट जीतीं, जो 2018 के चुनावों से 57 अधिक हैं। उसका मत प्रतिशत भी बढ़कर 42.9 फीसदी हो गया।
भट्ट ने कहा, ‘कर्नाटक विधानसभा में एक दशक बाद किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत मिला है। इसे सत्तारूढ़ दल के लिए झटका माना जा सकता है। इससे बाजार में उठापटक हो सकती है। अब निवेशक किसी अन्य राज्य में विधानसभा चुनाव का इंतजार करेंगे ताकि अंदाजा लगा सकें कि केंद्र में सत्तारूढ़ दल बरकरार रहेगा या नहीं।’
2024 में लोकसभा चुनाव होने से पहले राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे अहम राज्यों में विधानसभा चुनाव होने हैं। मगर राज्य के चुनावी नतीजों के आधार पर केंद्र के चुनावों का अनुमान लगाने में जोखिम हो सकता है।
अवेंडस कैपिटल के मुख्य कार्याधिकारी (CEO) एंड्रयू हॉलैंड ने कहा, ‘जब केंद्र का चुनाव होता है तो राज्य के मतदाता अलग सोच के के साथ मतदान करते हैं। मगर बाजार में एक-दो दिन उठापटक देखी जा सकती है।’ 2018 में कांग्रेस ने राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव जीते थे मगर 2019 के आम चुनाव में उसे इन्हीं राज्यों में जबरदस्त झटका लगा था।
विशेषज्ञों ने कहा कि हो सकता है कि निवेशक सत्ता में बदलाव के पक्ष में नहीं हों क्योंकि वे नीति निर्माण में निरंतरता को सही मानते हैं। साथ ही नई सरकार आने से सरकारी खर्च बढ़ने और तुष्टीकरण की राजनीति हावी होने की चिंता बढ़ सकती है। भट्ट ने कहा, ‘सत्ता में बदलाव होता है तो केंद्र सरकार का नेतृत्व अलग-अलग दलों का गठबंधन कर सकता है, जिनके उद्देश्य अलग-अलग हो सकते हैं।’
फिलहाल बाजार में तेजी का रुख है और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक भी खूब दांव लगा रहे हैं। नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी लगातार तीसरे हफ्ते बढ़त पर बंद हुआ है और यह सर्वकालिक उच्चतम स्तर से 3 फीसदी ही पीछे है।
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट में शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘कर्नाटक चुनाव के नतीजे बाजार के हौसले पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। मगर बाजार में इसकी ज्यादा प्रतिक्रिया दिखने की संभावना कम ही है।’
उन्होंने कहा कि निफ्टी को 18,440 के स्तर पर प्रतिरोध का सामना करना पड़ सकता है। इस स्तर पर कुछ मुनाफावसूली हो सकती है। इससे ऊपर निकलने पर निफ्टी 18,630 से 18,690 के दायरे में पहुंच सकता है। निचले स्तर की बात करें तो 18,200 पर यह रुक सकता है और इससे नीचे जाने पर यह 18,000 पर ठहर सकता है। पिछले शुक्रवार को निफ्टी 18,315 पर बंद हुआ था।