राजस्थान विसभा चुनाव: रिटायर्ड आईएएस, आईपीएस, डीजी तक टिकट की लाइन में

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जयपुर। राजस्थान विधानसभा चुनाव (Rajasthan Assembly Elections) में सात महीने से भी कम वक्त बचा है। मौजूदा विधायकों, पूर्व विधायकों, विधायक प्रत्याशियों, सांसदों, पूर्व सांसदों और राजनेताओं के अलावा दर्जनभर से ज्यादा ब्यूरोक्रेट्स भी टिकट की आस लगाकर चुनावी तैयारियों में जुटे हैं।

बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों में टिकट दावेदारी के लिए ब्यूरोक्रेट्स ने लॉबिंग करना और टिकट दिलाने में सक्षम कद्दावर नेताओं के यहां हाजिरी लगाना तेज कर दिया है। पार्टी संगठन में बायोडेटा देने का सिलसिला बढ़ गया है। तमाम सियासी समीकरण और जीत के दावे इन बायोडेटा में पेश किए जा रहे हैं।

टिकट की दावेदारी कर रहे आईएएस अफसर
निरंजन आर्य, पूर्व मुख्य सचिव राजस्थान, सोजत सीट
चंद्रमोहन मीणा पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, बस्सी सीट
लालचंद असवाल, आईएएस, टोंक या दौसा सीट
अशफाक हुसैन, आईएएस, झुंझुनू सीट
हनुमान सिंह भाटी, पूर्व संभागीय आयुक्त, पुष्कर सीट
केसी वर्मा, पूर्व जयपुर संभागीय आयुक्त, निवाई सीट
ओमप्रकाश सैनी, पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव, भरतपुर या अलवर सीट

आईपीएस अफसर ठोक रहे ताल
महेंद्र चौधरी, पूर्व आईपीएस, बाड़मेर सीट
विजेंद्र सिंह झाला, पूर्व ट्रैफिक एसपी, बिलाड़ा सीट
अनिल गोठवाल, पूर्व आईपीएस, चाकसू सीट
सतवीर सिंह, पूर्व आईपीएस, अलवर सीट
हरिप्रसाद शर्मा, पूर्व आईपीएस और कर्मचारी चयन बोर्ड अध्यक्ष, फुलेरा सीट
मदन लाल मेघवाल, पूर्व आईपीएस, बीकानेर से

डीजी होमगार्ड और पूर्व डीजीपी भी तैयारी में
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी और एनकाउंटर स्पेशलिस्ट रहे गोपाललाल मीणा इस बार जयपुर के जमवारामगढ़ से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ने के लिए टिकट की दावेदारी कर रहे हैं। गोपाललाल मीणा ने योगी सरकार में पांच साल डीजीपी रहकर 200 से ज्यादा एनकाउंटर किए हैं। वह एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में जाने जाते हैं। 36 साल का इनका बेदाग कैरियर रहा है। गोपाललाल मीणा ने बनारस में जबरदस्त काम किया था, इनका गांव राजस्थान में चिताणु कलां है। जहां पर वह छुट्टियों में आते रहे हैं। इनकी पत्नी सोनिया गांव की निर्विरोध सरपंच हैं।

इसी तरह मध्यप्रदेश के डीजी होमगार्ड पवन कुमार जैन धौलपुर के राजाखेड़ा से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उनका कहना यह है कि मेरा परिवार 25 साल से क्षेत्र में जनता की सेवा में जुटा है और अभी केवल तीन महीने का कार्यकाल बाकी बचा है। कार्यकाल के बाद क्षेत्र में चुनाव लड़ने की इच्छा है।