कोटा। बाघ- चीता (चम्बल संसद) मित्रों ने बाघिन एमटी-4 को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि मुकुंदरा में बाघिन एमटी- 4 की उपचार के दौरान मौत मुकुंदरा टाईगर रिजर्व के लिए एक बड़ा धक्का है।
हालांकि मुकुंदरा के वन विभाग की टीम ने पशु चिकित्सकों की के साथ बाघिन को बचाने के प्रयासों में कमी नहीं रखी। पूर्व में भी चार बाघों की एक साथ मौत ने बड़े सवाल खडे किए थे। बाघ चीता मित्र संयोजक बृजेश विजयवर्गीय, डाॅ कृष्णेंद्र सिंह ने कहा कि विशेषज्ञ चिकित्सकों को इस पहलू पर भी गौर करना चाहिए कि क्या बाघिन संक्रमित थी? 2020 में बाघों की मौत के समय डाक्टरों ने कहा था कि मौत का कारण संक्रमण है।
विजयवर्गीय ने सवाल उठाया कि यदि रणथभ्भौर के बाघों की संतति संक्रमित है तो फिर वहां से बाघों का मुकुंदरा लाना क्या उचित होगा। देश के अन्य टाईगर रिजर्व से बाघों को लाकर संक्रमण के खतरे से पूर्व बचाव किया जाना चाहिए था।
वन विभाग को इस सवाल पर भी नए पहलू से जांच करनी चाहिए। बाघ चीता मित्रों ने वन विभाग के उच्चाधिकारियों को अपनी आशंकाओं से अवगत करा दिया है। मुकुंदरा में बाघों की स्थिति पर बाघ चीता मित्रों की एक बैठक शीघ्र बुलाई जाएगी।