धर्म और आस्था का प्रमुख केंद्र बनेगा कीर-केवट समाज का रामजानकी मंदिरः बिरला

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कोटा। संसदीय क्षेत्र बूंदी के दौरे पर लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला बुधवार देर रात केशवरायपाटन क्षेत्र में कीर-केवट समाज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में सम्मिलित हुए। यहां वे समाज की ओर से बनवाए जा रहे रामजानकी मंदिर के शिलान्यास समारोह में सम्मिलित हुए। इसी अवसर पर आयोजित समाज के सामूहिक विवाह सम्मेलन में उन्होंने नवविवाहित दम्पतियों को भी आशीर्वाद दिया।

चम्बल नदी के किनारे देर रात तक जमा भारी भीड़ के बीच समारोह को संबोधित करते हुए स्पीकर बिरला ने कहा कि इस मंदिर के शिलान्यास कार्यक्रम में सम्मिलित होना सौभाग्य का विषय है। इस मंदिर का निर्माण सबके सामूहिक प्रयासों से जल्द पूरा होगा और बहुत जल्द हम यहां प्रभु श्रीराम और माता सीता की प्रतिमाओं के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के भी साक्षी बनेंगे।

उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कीर-केवट समाज ने प्रभु श्री राम के काल से सदैव मानवता की सेवा का पथ प्रशस्त किया है। सर्वकल्याण की संस्कृति इस समाज में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी को मिलती है। समाज की ओर से बनाया जा रहा यह मंदिर भव्य स्वरूप धारण कर आस्था और श्रद्धा के प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा।

सामूहिक विवाह सम्मेलन के माध्यम से विवाह बंधन में बंधने जा रहे नवदम्पतियों को भी स्पीकर बिरला ने शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि समाज की यह पहल सराहनीय है। सामाजिक भेदभाव को पीछे छोड़ते हुए सभी एक साथ समाज के बेटे-बेटियों के विवाह का उत्सव मना रहे हैं, इससे अधिक खुशी का अवसर नहीं हो सकता।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केशवरायपाटन विधायक चंद्रकांता मेघवाल ने कहा कि कीर-केवट समाज आज एक प्रगतिशील समाज बन चुका है। समाज के लोगों के जीवन में सामाजिक-आर्थिक बदलाव का ही उदाहरण है कि अब यहां भी शिक्षा के प्रति जागरूकता उत्पन्न हुई है। इसी कारण अब हम समाज के लोगों को विशिष्ट उपलब्धियां प्राप्त करते हुए भी देख रहे हैं।

विशिष्ठ अतिथि हरिनंदन केवट ने कहा कि कभी अतिपिछड़ा रहा यह समाज अब बदलाव के नए दौर से गुजर रहा है। समाज अब राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में भी सक्रिय योगदान दे रहा है। इस सहभागिता में किस प्रकार अभिवृद्धि की जा सकती है इसके लिए समाजबंधुओं को मिलकर कार्ययोजना बनानी होगी।

मंदिर के लिए निशुल्क उपलब्ध करवाई भूमि
मंदिर निर्माण को लेकर कीर-केवट समाज में विशेष उत्सह है। यह रामजानकी निर्बाध बन सके, इसके लिए समाजबंधू आगे आकर सहयोग दे रहे हैं। रामलाल केवट की ओर जहां मंदिर के लिए भूमि निशुल्क उपलब्ध करवाई गई, वहीं शिलान्यास के समय भी बड़ी संख्या में लोगों ने आर्थिक सहयोग की घोषणा की।