राष्ट्रीय युवा दिवस पर ‘विकसित युवा, विकसित भारत’ पर पाठक संवाद कार्यक्रम
कोटा। राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा में सनातन संस्कृति व भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी के रूप में याद करते हुए स्वामी विवेकानंद जयंती को राष्ट्रीय युवा दिवस के रुप मे मनाया गया।
इस अवसर पर ‘विकसित युवा, विकसित भारत‘ विषय पर पाठक संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं सारंग साहित्य समिति कोटा के अध्यक्ष रामकरण प्रभाती ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय मोहन राकेश नाटय लेखन सम्मान 2023 से पुरस्कृत राम शर्मा थे।
उदघाटन सत्र को संबोधित करते हुये संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि युवा समाज की शक्ति होते हैं। युवा बहुत कुछ सकारात्मक या नकारात्मक तरीके से काम कर सकते हैं। यह इस बात पर निर्भर करता है कि युवा को उनके परिवार में, शैक्षणिक संस्थानों में या समाज में किस तरह की सलाह या मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
मुख्य अतिथि राम ने कहा कि विषम परिस्थितियों में अपने अस्तित्व को जो बचाकर रख लेता है, सही मायने मे वही युवा है। उन्होंने युवाओं को आह्वान करते हुये कहा कि चट्टानों को चटका दे, रवानी उसको कहते हैं। दिल पर नक्श जो हो जाये, कहानी उसको कहते हैं। नहीं मालूम तुझको कि करिश्मा क्या होता है। उलट दे जो हिमालय को जवानी उसको कहते हैं।
अध्यक्षता कर रहे प्रभाती ने इस मौके पर स्वामी विवेकानंद को सनातन संस्कृति व भारतीय अध्यात्म परंपरा को वैश्विक क्षितिज पर पुनर्स्थापित करने वाले महान संन्यासी और युवाओं के आदर्श के रूप में याद किया। विशिष्ठ अतिथि सुरेश ने कहा कि राष्ट्रीय युवा महोत्सव को मनाने के पीछे लोगों के अधिकारों के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और उनके बारे में जानकारी प्रदान करना है। स्वामी विवेकानंद के आदर्शों को जीवित रखना और युवाओं को प्रेरित करना उत्सव का मुख्य उद्देश्य है।
कार्यक्रम का संचालन डबली कुमारी परामर्शदाता सावित्री बाई फुले वाचनालय राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय ने किया। इस अवसर पर युवा पाठक चंचल, रेखा गौड़, अक्षिता गौत्तम, वंदना श्रृंगी, मानसी पांचाल, ट्विंकिल गुर्जर, अंतिम श्रृंगी, दक्ष गौतम, अशोक राठौड़, विकास शर्मा, मोहन सुमन, दीपक नामदेव एवं योगेन्द्र सिंह ने भी विचार व्यक्त किये ।