सरकार अब मोबाइल वेरिफिकेशन के लिए राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट के इस्तेमाल पर विचार कर रही
नई दिल्ली। अगर आपने अब तक अपना मोबाइल नंबर आधार कार्ड से लिंक नहीं करवाया है तो घबराने की बात नहीं है। सरकार अब मोबाइल वेरिफिकेशन के लिए राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट के इस्तेमाल पर विचार कर रही है। वहीं दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मोबाइल को आधार से लिंक करने को लेकर खुलकर विरोध में में आ गई हैं।
ममता बनर्जी पहले भी बीजेपी के नोटबंदी और जीएसटी के फैसले का विरोध कर चुकी हैं। इसकी कड़ी में अब एक और मुद्दा जुड़ गया है। मोबाइल को आधार से लिंक कराने को लेकर ममता ने साफ कर दिया है कि वो आधार को मोबाइल से लिंक नहीं करवाएंगी चाहें उनका नंबर बंद कर दिया जाए।
मोबाइल को आधार से लिंक करन पर लगातार आलोचना झेल रही केंद्र सरकार इसमें कुछ बदलाव करने पर विचार कर रही है। एक अधिकारी के मुताबिक हम और विकल्पों के विस्तार पर विचार कर हैं। हम राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट जैसे किसी आईडी प्रूफ के इस्तेमाल पर विचार कर रहे हैं। हालांकि इस बात पर भी अभी कोई आम सहमति नहीं बनी है।
एक अंग्रेजी वेबसाइट में छपी एक खबर के मुताबिक सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुरूप ही काम करेगी। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद टेलीकॉम मंत्रालय ने मोबाइल नंबर को आधार से लिंक करना अनिवार्य कर दिया है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार के इस आदेश के खिलाफ याचिका भी दायर की गई है।
मोबाइल और बैंक अकाउंट को आधार से जोड़ने की अनिवार्यता और इसकी संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। याचिकाकर्ता ने आधार को बैंक अकाउंट और मोबाइल से लिंक करने की अनिवार्यता को गैरकानूनी बताया है।
ममता बनर्जी का साफ इनकार
मोबाइल को आधार कार्ड से लिंक कराने को लेकर ममता बनर्जी ने साफ इनकार कर दिया है। तृणमूल कांग्रेस की बैठक में ममता ने कहा कि केंद्र सरकार लोगों की प्राइवेसी में दखल दे रही है। मेरा नंबर चाहें बंद कर दिया जाए लेकिन मैं अपना आधार से लिंक नहीं करवाऊंगी। मुझे लगता है मोबाइल कंपनियों को आधार संख्या नहीं देनी चाहिए।
ममता ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि मोबाइल को आधार से लिंक कराने को लेकर सरकार लोगों की निजता में दखलअंदाजी कर रही हैं। ये लोगों की प्राइवेसी पर सीधा हमला है।
ममता ने आगे कहा कि कोई भी सरकार के खिलाफ आवाज नहीं उठाता। लेकिन तृणमूल पार्टी इसका खुलकर विरोध करती है। चाहें पार्टी के सभी नेताओं को जेल ही क्यों ना भेज दिया जाए, हम कायर नहीं है।