सभी इंश्योरेंस पॉलिसी अब पूरी तरह से डिजिटल होंगी, क्लेम सेंटर बनेंगे

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नई दिल्ली। Digital Insurance Policy: सभी प्रकार की इंश्योरेंस पॉलिसी नए साल में पूरी तरह से डिजिटल हो जाएंगी। वहीं क्लेम के निपटान के लिए विशेष क्लेम सेंटर भी स्थापित किए जा रहे हैं। ताकि क्लेम को सेटल करने में कोई देरी नहीं हो।

हेल्थ इंश्योरेंस की तरह अन्य इंश्योरेंस से जुड़े क्लेम के निपटान में तेजी के लिए सभी रीजन में क्लेम सेंटर खोले जा रहे हैं। नए साल में जल्द ही बीमा सुगम पोर्टल भी लांच होने जा रहा है जिससे इंश्योरेंस लेने वाले ग्राहकों को एक जगह ही सभी कंपनियों के उत्पाद व उनके प्रीमियम दिख जाएंगे और ग्राहक अपनी सुविधा और भुगतान क्षमता के मुताबिक उत्पाद खरीद सकेंगे।

सभी व्यक्ति को इंश्योरेंस के दायरे में लाना लक्ष्य: इंश्योरेंस उत्पाद की पहुंच छोटे-छोटे शहर व गांव तक करने के लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) की तरफ से बीमा सुगम पोर्टल तैयार किया जा रहा है। इरडा ने बीमा कंपनियों को कम प्रीमियम वाले छोटे-छोटे उत्पाद भी लांच करने के लिए कहा है।

ऑनलाइन उत्पाद अनिवार्य: इरडा सूत्रों के मुताबिक इंश्योरेंस कंपनियों को वर्ष 2023 के आखिर तक फिजिकल या दस्तावेजी रूप में रखे गए सभी पुराने इंश्योरेंस उत्पाद को ऑनलाइन उत्पाद का रूप देना अनिवार्य होगा। वर्ष 2023 के दिसंबर के बाद कोई भी इंश्योरेंस उत्पाद कागजी रूप में नहीं रहेगा।

इंश्योरेंस क्लेम: सूत्रों के मुताबिक हेल्थ इंश्योरेंस की तरह ही अन्य सभी इंश्योरेंस के क्लेम को अधिकतम 30 दिनों में सेटल करने की कोशिश शुरू हो गई है। अभी मोटर वाहन संबंधित इंश्योरेंस के निपटान में 30 दिन से अधिक का समय लग जाता है।

क्लेम सेंटर: इसलिए क्लेम सेंटर खोले जा रहे हैं जहां सिर्फ क्लेम सेटल करने का ही काम होगा। इंश्योरेंस विशेषज्ञों के मुताबिक टीयर-2 व टीयर-3 शहरों में हेल्थकेयर पर काफी निवेश हो रहा है और नए साल में हेल्थ इंश्योरेंस के दायरे को और बढ़ाने के लिए हेल्थकेयर सुविधा मुहैया कराने वाले और इंश्योरेंस कंपनियों के बीच एक इकोसिस्टम तैयार करने की जरूरत है। इरडा के बीमा सुगम पोर्टल से इस काम में भी मदद मिलेगी। वर्ष 2047 तक देश के सभी व्यक्ति को इंश्योरेंसे के दायरे में लाने का लक्ष्य है।