- वन भूमि के डायवर्जन को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की मंजूरी
- लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से मिली स्वीकृति
कोटा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के प्रयासों से वन भूमि के डायवर्जन को वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की स्वीकृति मिल गई है। साथ ही सेंट्रल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने भी कोटा में ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट के लिए हरी झंडी दे दी है।
वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ भूपेंद्र यादव की अध्यक्षता में हुई बैठक में इसकी स्वीकृति मिली। स्वीकृति जारी होने के बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने पीएम नरेंद्र मोदी और वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ भूपेंद्र यादव का आभार जताया है।
स्वीकृति जारी होने के बाद अब वन एवं पर्यावरण मंत्रालय,राज्य सरकार के नाम पत्र जारी करेगा। पत्र मिलने के बाद राज्य सरकार को डायवर्जन का पैसा जमा कराना होगा। डायवर्जन राशि जमा होने के बाद ये जमीन एयरपोर्ट अथॉरिटी के नाम हो जाएगी। जमीन अपने नाम होते ही एयरपोर्ट अथॉरिटी डीपीआर का टेंडर निकालेगी।
हालांकि बिरला के निर्देश पर एयरपोर्ट अथॉरिटी ने पहले से डीपीआर के टेंडर की तैयारी कर रखी है। डीपीआर की मंजूरी के बाद नए साल में कोटा के ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट का निर्माण कार्य शुरू होगा।
अटका हुआ था मामला: दरअसल, राज्य सरकार ने शंभूपुरा क्षेत्र में 1250 एकड़ जमीन मुफ्त देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। जिस एरिया में एयरपोर्ट प्रस्तावित है। वह 466 हेक्टेयर भूमि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के बफर( टाइगर रिजर्व का हिस्सा) में शामिल है। कुछ समय पहले ही केंद्रीय वन पर्यावरण मंत्रालय ने मामले की रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी थी। इसमें कहा था कि प्रस्तावित एरिया बफर क्षेत्र में है। स्टेट व नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड की मंजूरी चाहिए होगी।