-कृष्ण बलदेव हाडा-
कोटा। गुजरात का कथित मॉडल अब बीते समय के बात हो चुका है। आज देश के सभी राज्यों को राजस्थान मॉडल को अपनाना चाहिए जिसके चलते पूरे राज्य में न केवल विकास कार्य हुए हैं बल्कि चार सालों ने स्वास्थय सहित अन्य सभी सार्वजनिक सेवाओं को प्रदान करने के मामले में बहुत आगे बढ़कर काम किया गया है।
यह बात राजस्थान में भारत जोड़ो यात्रा के मीडिया प्रभारी और पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री लाल बहादुर शास्त्री के सुपौत्र दिवाकर शास्त्री ने आज कोटा में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कही। श्री शास्त्री ने कहा कि पिछले चार सालों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में राजस्थान में अपूर्व विकास कार्य हुये है। कोटा शहर तो उसका एक अभिनव उदाहरण है जहां की पूरी सूरत अब बदल चुकी है और कोटा एक नया शहर ही नजर आता है।
राजस्थान में इन बीते चाार सालों में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अगुवाई में सभी क्षेत्रों में अद्भुत विकास के काम करवाए गए हैं जिनकी पूर्ववर्ती भारतीय जनता पार्टी सरकार के शासनकाल में कल्पना भी मुश्किल थी और अब राजस्थान ‘मॉडल स्टेट’ बन कर उभर रहा है। वैसे भी जिस गुजरात मॉडल की बात की जाती है, वह कभी था ही नहीं लेकिन निश्चित रूप से राजस्थान नए मॉडल राज्य के रूप में देश के अन्य राज्यों के सामने अपने आप को प्रस्तुत कर रहा है और सभी को इसका अनुकरण करना चाहिए।
श्री शास्त्री का कहना था कि- तीन-चार महीने से भारत जोड़ो यात्रा के तहत राजस्थान का प्रभार मिला तो इस दौरान गांव-कस्बों में भी घूमने का मौका मिला है। देख रहा हूं कि गहलोत सरकार ने राज्य में बहुत ही अच्छे काम कराएं हैं। इसमें श्री शास्त्री ने विशेषकर स्वास्थ्य के क्षेत्र में चिरंजीवी योजना की तारीफ करते हुए कहा कि घुटना ट्रांसप्लांट, जो तीन लाख रुपए में होता है, वह भी निःशुल्क हो रहा है। शिक्षा के क्षेत्र में भी बेहतर काम हुआ है। शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था अच्छी हो तो हर व्यक्ति खुश रहता है।
रोजगार के क्षेत्र में भी गहलोत सरकार ने बहुत अच्छे काम किए हैं। इसी क्रम में श्री शास्त्री ने राज्य कर्मचारियों की वापस बहाल की गई पेंशन योजना का भी जिक्र किया। इन्ही सब बातों को ध्यान में रखकर राजस्थान मॉडल की बात हो कि बाकी राज्यों को भी इसी मॉडल को अपना कर सरकारें चलानी चाहिए। विशेषकर गुजरात के राजनेताओं से भी अपील है कि वह यहां पर आएं, और जिस ईमानदारी से सरकार चलानी चाहिए, वह सीखें।
श्री शास्त्री ने मीडिया को इंगित करते हुए कहा कि- हम आप के माध्यम से ही जनता तक अपनी आवाज पहुंचा सकते हैं, मगर ‘गोदी मीडिया’ के पत्रकार प्रभावित हैं। उन पर भी किसी भी समय ईडी आदि की रेड हो जाती है। पत्रकार ईमानदारी से लिखें, जो भी सच्चाई नजर आए, वही लिखें। यह भी आवश्यक नहीं है कि अच्छा काम नहीं हो रहा तो भी आप तारीफ करते जाएं।