नई दिल्ली ।भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने ग्राहकों को स्पष्ट किया है कि छोटे बचत खाते, बेसिक सेविंग्स बैंक अकाउंट्स, जन धन अकाउंट और कॉर्पोरेट सैलरी अकाउंट धारकों को न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करने की जरुरत नहीं है। बैंक ने यह जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी है। बैंक ने एक अप्रैल से सेविंग अकाउंट में मिनिमम बैलेंस सीमा को बढ़ा दिया था।
जानिए किन खातों के लिए मिनिमम बैलेंस है जरूरी
एसबीआई ने में मेट्रो शहरों के लिए मिनिमम बैलेंस 5,000 रुपये, शहरी इलाकों के लिए 3,000 रुपये, अर्द्ध-शहरी (सेमी अर्बन) इलाकों के लिए 2,000 रुपये और ग्रामीण इलाकों के लिए 1,000 रुपये तय की है। एक अप्रैल से यह नियम प्रभावी हो चुका है। आपको बता दें कि यह जुर्माना जरूरी मिनिमम बैलेंस और उसमें कमी के बीच के अंतर पर आधारित होगा।
बैंक की वेबसाइट के मुताबिक एसबीआई के बचत खाताधारकों को मासिक आधार पर न्यूनतम राशि को अपने खाते में रखना होगा। ऐसा न करने पर ग्राहकों को 20 रुपये (ग्रामीण शाखा) से 100 रुपये (महानगर) देने पड़ सकते हैं।बैंक में 31 मार्च तक बिना चेक बुक वाले बचत खाते में 500 रुपये और चेक बुक की सुविधा के साथ 1,000 रुपये रखने की आवश्यकता थी।
अरुंधति भट्टाचार्य ने दिया था स्पष्टीकरण
एसबीआई प्रमुख अरुंधति भट्टाचार्य ने बताया था कि न्यूनतम बैलेंस के नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है। उन्हों ने यह स्पष्ट किया है कि 5000 रुपये का मिनिमम ऐवरेज बैलेंस केवल छह महानगरों के लिए है।शहरी क्षेत्रों के लिए यह राशि 3,000 रुपये, अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों के लिए 2,000 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 1,000 रुपये रखी गई है।