देश में पहली बार मेट्रो ट्रैन गंगा नदी के नीचे से दौड़ेगी, जानें खासियत

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कोलकाता। देश में पहली बार मेट्रो ट्रैन गंगा नदी के नीचे से दौड़ेगी। इतना ही नहीं, अगर सब कुछ ठीक रहा तो देश को अगले वर्ष जनवरी 2023 तक देश को एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन भी मिल जाएगा। यह महत्वकांक्षी परियोजना अब अपने अंतिम चरण में है।

ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना के तहत कोलकाता के साल्टलेक सेक्टर- 5 से हावड़ा मैदान को जोड़ने वाली महत्वाकांक्षी मेट्रो परियोजना के तहत गंगा (हुगली) नदी के नीचे से मेट्रो दौड़ेगी। ये देश में अपनी तरह की पहली मेट्रो परियोजना है। इसके साथ ही हावड़ा शहर को अगले वर्ष जनवरी तक एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन मिल जाएगा।

हावड़ा स्टेशन के ठीक नीचे बन रहा मेट्रो स्टेशन कई मायनों में खास है। अधिकारियों की माने तो यह मेट्रो स्टेशन जमीन से 33 मीटर नीचे होगा। गौरतलब है कि अभी एशिया का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन हांगकांग में है, जिसकी गहराई करीब 60 मीटर है। यानी हांगकांग के बाद हावड़ा स्टेशन एशिया का दूसरा सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन होगा।

ईस्ट-वेस्ट मेट्रो परियोजना 16.55 किलोमीटर लंबी है। इस परियोजना का लगभग 10.81 किलोमीटर का क्षेत्र भूमिगत होगा जबकि 5.74 किलोमीटर रेल लाइन एलिवेटेड (ऊपरी हिस्से) होगा। इस लाइन पर कुल 12 स्टेशन होंगे। इस लाइन पर हावड़ा स्टेशन के बाद का रास्ता हुगली नदी के नीचे से होते हुए कोलकाता के महाकरण (राइटर्स) मेट्रो स्टेशन तक पहुंचेगा। इसकी मदद से हावड़ा और सियालदह जैसे देश के व्यस्ततम स्टेशन सीधे मेट्रो सेवा से भी जुड़ जाएंगे। इससे लाखों यात्रियों को काफी लाभ होगा। कुछ हिस्से पर मेट्रो सेवा पहले ही शुरू हो चुकी है।

कोलकाता मेट्रो रेल कॉरपोरेशन के जीएम (एडमिन) ए.के.नंदी ने कहा, ईस्ट वेस्ट मेट्रो परियोजना का काम जनवरी 2023 तक पूरा कर लिया जाएगा। हुगली नदी के नीचे मेट्रो सुरंग भी तैयार हो चुका है। हावड़ा मैदान व हावड़ा मेट्रो स्टेशन का काम भी लगभग पूरा हो चुका है। अब अंतिम चरण में काम चल रहा है। अगले साल जनवरी तक हावड़ा मैदान तक मेट्रो सेवाएं आम यात्रियों के लिए शुरू हो जाएगी।

परियोजना की खास बातें

  1. अधिकतम रफ्तार 80 किमी प्रतिघंटे की होगी।
  2. नदी के नीचे से गुजरने में 60 सेकंड से भी कम समय लगेगा।
  3. हावड़ा मैदान से एसप्लैनेड तक जाने में छह मिनट का समय लगेगा
  4. कुल 16.55 किमी के मार्ग में 10.8 किमी जमीन के भीतर से है। इसमें नदी का नीचे का हिस्सा भी शामिल है।
  5. यह पूरा मेट्रो मार्ग वर्ष 2023 में बनकर तैयार हो जाएगा।
  6. इस मेट्रो लाइन पर वर्ष 2035 तक 10 लाख यात्री सफर करेंगे।