पांच सत्रों की गिरावट से निवेशकों के 15.74 लाख करोड़ रुपये डूबे

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मुंबई। पिछले पांच सत्रों की गिरावट से निवेशकों के 15.74 लाख करोड़ रुपये डूब गए। वहीं, बृहस्पतिवार को सेंसेक्स और निफ्टी लुढ़ककर एक साल से अधिक समय के निचले स्तर पर पहुंच गए। महंगाई पर काबू पाने के लिए अमेरिकी फेडरल रिजर्व की ओर से 1994 के बाद नीतिगत दरों में सबसे ज्यादा 0.75 फीसदी की बढ़ोतरी करने के बाद वैश्विक बाजारों में नरमी आई, जिसका घरेलू बाजार पर भी असर पड़ा।

सुबह के कारोबार में अच्छी शुरुआत के बावजूद चौतरफा बिकवाली से सेंसेक्स 1,045.60 अंक यानी 1.99 फीसदी गिरकर 51,495.79 पर बंद हुआ। निफ्टी 331.55 अंक या 2.11 फीसदी टूटकर 15,360.60 पर बंद हुआ। यह सेंसेक्स और निफ्टी का एक साल से अधिक का निचला स्तर है।

इस गिरावट के एक दिन में सूचीबद्ध कंपनियों की पूंजी 5.54 लाख करोड़ घटकर 239.20 लाख करोड़ रुपये रह गई। उधर, ब्रेंट क्रूड 0.66 फीसदी सस्ता होकर 117.68 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि फेडरल रिवर्ज का नीतिगत दर में वृद्धि का फैसला उम्मीद के अनुरुप था। इसलिए शुरुआती कारोबार में बाजार में बढ़त रही।

29 कंपनियां नुकसान में:बाजार में गिरावट से बीएसई पर सूचीबद्ध 30 में 29 कंपनियों के शेयर लाल निशान में बंद हुए। सिर्फ नेस्ले के शेयरों में ही बढ़त रही। टाटा स्टील, टेक महिंद्रा, भारती एयरेल, विप्रो, इंडसइंडबैंक, बजाज फाइनेंस, कोटक महिंद्रा बैंक, एनटीपीसी, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक, एचडीएफसी आदि 6.04 फीसदी तक नुकसान में रहे। बीएसई स्मॉल कैप में 2.87 फीसदी और मिडकैप में 2.34 फीसदी गिरावट रही। धातु सूचकांक सबसे अधिक 5.48 फीसदी टूट गए। दूरसंचार में 3.04 फीसदी, रियल्टी में 2.69 फीसदी, टेक में 2.51 फीसदी, आईटी में 2.48 फीसदी गिरावट रही।

गिरावट के अन्य प्रमुख कारण

  • मजबूत हिस्सेदारी रखने वाले रिलायंस इंडस्ट्रीज, एचडीएफसी बैंक और एचडीएफसी लिमिटेड के शेयरों में भारी बिकवाली।
  • बैंक ऑफ इंग्लैंड और स्विस नेशनल बैंक के 15 साल में पहली बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की है।
  • मंदी की आशंका ने वैश्विक धारणा को प्रभावित किया। इससे घरेलू बाजार पर भी दबाव बढ़ा।
  • विदेशी संस्थागत निवेश लगातार पूंजी निकासी कर रहे हैं। बृहस्पतिवार को उन्होंने 3,257.65 करोड़ के शेयर बेचे।