मुंबई। सार्वजानिक क्षेत्र की कम्पनी एलआईसी के शेयर (LIC Share) आज सूचीबद्ध (Listed) होंगे। इसे लेकर निवेशकों के बीच अच्छा माहौल नहीं है, टेंशन में हैं। इससे पहले भी सरकारी कंपनियों (पीएसयू) के साथ निवेशकों का अनुभव अच्छा नहीं रहा है। 2009 से लेकर अब तक यानी 13 वर्षों में कुल 26 कंपनियां शेयर बाजारों में सूचीबद्ध हुईं। इनमें 15 ने घाटा दिया है, जबकि 11 ने फायदा दिया है।
सबसे ज्यादा 87 फीसदी का घाटा जनरल इंश्योरेंस ऑफ इंडिया (जीआईसी) ने दिया। इसका आईपीओ 2017 में 912 रुपये के भाव पर आया था, जिसके शेयर की कीमत अब 113 रुपये है। वहीं, निवेशकों को सबसे ज्यादा फायदा आईआरसीटीसी ने दिया। 2019 में 320 रुपये पर इसका आईपीओ आया था। अब भाव 652 रुपये है। यह 6,400 रुपये तक गया था। बाद में इसमें एक शेयर में पांच शेयर बनाए गए थे।
694 रुपये गिरा न्यू इंडिया इंश्योरेंस: बीएसई के पीएसयू इंडेक्स के मुताबिक, सबसे ज्यादा घाटा देने वालों में न्यू इंडिया इंश्योरेंस भी है। इसने भी 87% घाटा दिया है। 2017 में 800 रुपये पर आईपीओ आया था और अब 104 रुपये पर है। पंजाब एंड सिंध बैंक के शेयर ने भी 87 फीसदी का घाटा दिया है। यह 2010 में 120 रुपये पर आया था और अब 15 रुपये पर है।
ऑयल इंडिया ने दिया घाटा: ऑयल इंडिया के शेयर ने 79 फीसदी का घाटा दिया है। 2009 में इसका आईपीओ 1,050 रुपये पर आया था। अब यह 227 रुपये पर है। एनबीसीसी का शेयर 2012 में 106 रुपये पर बेचा गया था। यह अब 33 रुपये पर कारोबार कर रहा है। इसमें निवेशकों को 69 फीसदी का नुकसान हुआ है।
निवेशकों को नुकसान: घाटा देने वाले अन्य सरकारी कंपनियों के शेयरों में एनएचपीसी ने 12 फीसदी, कोल इंडिया ने 30, एनएमडीसी के शेयर ने 58 फीसदी, मॉयल ने 58, हुडको ने 47, कोचिन शिपयार्ड ने 27 फीसदी और आईआरएफसी के शेयर ने 18 फीसदी का नुकसान कराया है।