कोटा। शहर में कोरोना की तीसरी लहर की आशंका तेज हो गई है। दूसरी लहर में सबसे ज्यादा कमी ऑक्सीजन की सामने आई थी। उसी की वजह से लोगों ने दम तोड़ा था। ऐसे में दूसरी लहर की खामियों से सबक लेते हुए चिकित्सा विभाग ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर होने लगा है।
कोटा में दूसरी लहर के दौरान ही आगे की तैयारियां शुरू कर दी गयी थी। इसके तहत ही कोटा में 24 ऑक्सीजन प्लांट बनाये जाने का काम शुरू किया गया था। इनमें से 13 का काम पूरा हो चुका है। ये शुरू भी किये जा चुके है। जबकि 11 का काम अभी चल रहा है। कहा जा रहा है कि ये प्लांट भी जल्द शुरू कर दिए जाएंगे। इसके अलावा 2 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, ऑक्सीजन सिलेंडर भी उपलब्ध है।
3100 सिलेंडर की क्षमता
अस्पतालों के फिलहाल 1600 सिलेंडर रोज के हिसाब से ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। जब सभी 24 प्लांट शुरू हो जाएंगे तो ये क्षमता बढ़कर 3100 सिलेंडर रोज हो जाएगी। हालांकि अभी की स्थिति को देखें तो अस्पतालों के पास पर्याप्त ऑक्सीजन मौजूद है। अस्पताल प्रशासन का कहना है बाकी बचे प्लांट में भी ज्यादातर तैयार है,लेकिन ऑक्सीजन की ज्यादा डिमांड के चलते इन्हें शुरू नहीं किया है।
2200 बेड ऑक्सीजन के
नए अस्पताल अधीक्षक डॉ. सीएस सुशील ने बताया कि अस्पताल में दूसरी लहर के दौरान 140 बेड ऑक्सीजन के थे, अब 700 बेड ऑक्सीजन के है। जबकि सुपर स्पेशलिटी विंग के मिलकर 1300 बेड तैयार है। वहीं एमबीएस अस्पताल के भी बेड जोड़े तो 2200 ऑक्सीजन बेड उपलब्ध होंगे। वर्तमान में कोरोना मरीजों के लिए 150 बेड रिज़र्व है।