नई दिल्ली। निवेशकों ने गोल्ड ETF का चलन बढ़ रहा है। इसी का नतीजा है कि नवंबर में गोल्ड ETF 683 करोड़ रुपए का निवेश आया है। जो अक्टूबर के मुकाबले दोगुने से भी ज्यादा है। अक्टूबर में इसमें 304 करोड़ रुपए का निवेश किया था। इन दिनों अगर आप भी सोने में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं तो आप भी गोल्ड ETF में निवेश कर सकते हैं।
गोल्ड ETF क्या है ?
यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने के गिरते-चढ़ते भावों पर आधारित होता है। यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है। गोल्ड ETF की खरीद-बिक्री शेयर की ही तरह BSE और NSE पर की जा सकती है। हालांकि इसमें आपको सोना नहीं मिलता। आप जब इससे निकलना चाहें तब आपको उस समय के सोने के भाव के बराबर पैसा मिल जाएगा।
कितना टैक्स देना होगा?
डिजिटल गोल्ड खरीदने (निवेश) पर भी सोने की तरह ही 3% GST देना होता है। वहीं इसे बेचने पर लगने वाला टैक्स भी फिजीकल गोल्ड (सोना) की तरह ही होता है। अगर आपने सोना खरीदने के 3 साल के अंदर बेचा है तो इसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस बिक्री से होने वाले फायदे पर आपके इनकम टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स लगता है। वहीं अगर सोने को 3 साल के बाद बेचा है तो इसे लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन माना जाता है। इस पर 20.8% टैक्स देना होता है।
कैसे कर सकते हैं निवेश?
गोल्ड ETF खरीदने के लिए आपको अपने ब्रोकर के माध्यम से डीमैट अकाउंट खोलना होता है। इसमें NSE पर उपलब्ध गोल्ड ETF के यूनिट आप खरीद सकते हैं और उसके बराबर की राशि आपके डीमैट अकाउंट से जुड़े बैंक अकाउंट से कट जाएगी। आपके डीमैट अकाउंट में ऑर्डर लगाने के दो दिन बाद गोल्ड ETF आपके अकाउंट में डिपॉजिट हो जाते हैं। ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ETF को बेचा जाता है।