अगर कोई इन मकानों को खरीदने के लिए बैंक से कर्ज नहीं लेता है तो भी उसे डेढ़ लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी, यह राशि भी सरकार की ओर से ही मिलेगी
नई दिल्ली। रियल एस्टेट मार्केट बुरी तरह टूटने के बाद सरकार ने किफायती घरों के निर्माण को बढ़ावा देने के इरादे से इसमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) स्कीम लाने का फैसला किया है। इस स्कीम के तहत अगर प्राइवेट जमीन पर भी मकान बनाया जाता है, तो उस स्थिति में भी सरकार सहायता राशि प्रदान करेगी।
आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय की इस पॉलिसी के तहत अगर प्राइवेट जमीन पर बिल्डर मकान बनाता है, तो उसे खरीदने को लिए लोन के ब्याज में केंद्र सरकार अधिकतम ढाई लाख रुपये तक की छूट देगी।
हालांकि, अगर कोई इन मकानों को खरीदने के लिए बैंक से कर्ज नहीं लेता है तो भी उसे डेढ़ लाख रुपये तक की सहायता राशि दी जाएगी। यह राशि भी सरकार की ओर से ही मिलेगी।
हाउजिंग मिनिस्ट्री के सूत्रों का कहना है कि केंद्र सरकार यह पॉलिसी इसलिए लेकर आई है क्योंकि अधिकांश बिल्डर महंगे और आलीशान मकानों का ही निर्माण करते हैं, जबकि इस वक्त ऐसे मकानों की जरूरत है जो किफायती और सस्ती दर पर मिलनेवाले हों।