उत्पादन घटने से ग्वार में अच्छी तेजी के आसार

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नई दिल्ली। उत्पादन घटने से ग्वार में अच्छी तेजी के आसार ग्वार का घरेलू उत्पादन कम होने तथा पुराना स्टॉक 80 प्रतिशत निपट जाने से रुक-रुक कर तेजी का रुख बना हुआ है। आगे नई फसल आने पर भी इस बार मंदे के आसार नहीं दिखाई दे रहे हैं तथा वर्तमान भाव पर जल्दी 500 रुपए की और तेजी के आसार बन गए हैं। पिछले एक दशक के अंतराल किसानों तथा व्यापारियों को ग्वार में इतना जबरदस्त नुकसान लगा है, जिससे लगातार बिजाई में कमी आती रही है।

वास्तविकता यह है कि गम की खपत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पिछले 10 वर्षों में काफी कम रह गई थी, क्योंकि उसकी जगह पर कुछ अन्य उपयोग होने लगा था, वह इस बार फिर से ग्वार गम की लोकप्रियता बढ़ जाने से भारतीय गम मिलों से वहां के आयातकों की मांग बढ़ गई है। इधर किसान लगातार ग्वार की खेती से मुख मोड़ने लगे थे। यही कारण है कि पुराना स्टाक मंदे में कटते चले गए हैं तथा लगातार उत्पादन में कमी होते-होते इस बार एक दशक पहले की अपेक्षा केवल 20 प्रतिशत ही उत्पादन रह जाने का अनुमान आ रहा है।

इन दोहरे सकारात्मक ग्वार के व्यापार में खबर आते ही चौतरफा लिवाली आ गई है। पिछले दिनों सट्टेबाजी में कारोबारियों ने बहुत जल्दी करके ऊंचे भाव में माल खरीद लिए थे, लेकिन धीरे-धीरे वह माल गम मिलें प्रोसेस में करके गम का डिस्पैच निर्यात हेतु काफी मात्रा में कर चुकी है

पाइपलाइन में माल अभी भी नहीं है। दूसरी ओर डिब्बा व्यापार में भी डिलीवरी ज्यादा नहीं है।फलत: मंडियों में माल की उपलब्धि, खपत के हिसाब से बहुत कम है। वायदा बाजार में भी तेजी का ही समर्थन मिल रहा है। आज भी अक्टूबर का वायदा बढ़कर बंद हुआ तथा जोधपुर, अहमदाबाद, बीकानेर, मेड़ता की मंडियों में फिर क्वालिटी अनुसार माल 5700/5800 रुपए प्रति क्विंटल पर पहुंच गए।

गम भी 9900/10000 रुपए के नजदीक पहुंच गया। आने वाली फसल 20-25 लाख बोरी से अधिक नहीं बैठेगी, इन परिस्थितियों को देखते हुए ग्वार में अक्टूबर में 500 रुपए प्रति क्विंटल की चालू माह के अंतराल तेजी की संभावना दिखाई देने लगी है तथा ग्वार गम भी इसी अनुपात में तेज हो जाएगा