कोटा। राजस्थान के हाड़ौती क्षेत्र के कोटा, बूंदी और बारां जिलों में अत्यधिक बारिश होने से सोयाबीन और उड़द की फसल को भारी नुकसान होने की रिपोर्ट है। कुछ क्षेत्रों में फसलों को 90 फीसदी तक नुकसान होने की आशंका है। इन क्षेत्रों में फसल डूब गई है। अगर जल्द मौसम नहीं खुला तो फसल को बचाना मुश्किल होगा। जबकि पूरे क्षेत्र में अभी बारिश के आसार बने हुए हैं।
व्यापारियों के अनुसार कोटा संभाग के इन जिलों में पिछले 10-12 दिनों में काफी खेतों में सोयाबीन और उड़द की लेट बुवाई की गई है। इसलिए पौधे बहुत छोटे होने के कारण पानी में बहने, खराब होने की आशंका और ज्यादा है। राज्य कृषि विभाग के आकलन के मुताबिक सोयाबीन और उड़द का 2 लाख हैक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र अतिवृष्टि के चलते प्रभावित है। कोटा, बारां और बूंदी जिले में व्यापक पैमाने पर उड़द तथा सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है।
कृषि विभाग के आकलन के मुताबिक 31 जुलाई से 4 अगस्त तक सोयाबीन का 1.48 लाख हेक्टेयर क्षेत्र ज्यादा बारिश से प्रभावित हुआ है। उड़द का कुल 54,026 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित है। सोयाबीन और उड़द की फसल में 90 फीसदी तक का नुकसान है। धान और तिल की फसल को भी नुकसान हुआ है।
कृषि विभाग की रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक ज्यादा बारिश से केवल तीन जिलों कोटा, बारां और बूंदी में नुकसान देखने को मिला है। कोटा में 24 हजार 400 हेक्टेयर में उड़द बोई गई थी, जबकि सोयाबीन की बुवाई 1 लाख 17 हजार 200 हेक्टेयर में की गई थी। कोटा जिले में उड़द का 21 हजार 182 हेक्टेयर क्षेत्र और सोयाबीन का 74 हजार 644 हेक्टेयर क्षेत्र ज्यादा बारिश से प्रभावित हुआ है।
कोटा जिले में लाडपुरा, सांगोद, रामगंजमंडी, दीगोद, पीपलदा आदि क्षेत्रों में फसल को क्षति हुई है। बारां जिले में 33 हजार 290 हेक्टेयर में उड़द और 2 लाख 35 हजार 600 हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई थी। यहां उड़द में 9 हजार 758 हेक्टेयर क्षेत्र में और सोयाबीन में 49 हजार 634 हेक्टेयर क्षेत्र में बारिश से क्षति है। बारां जिले में अंता, मांगरोल, बारां, किशनगंज, शाहबाद, अटरू छबड़ा और छीपाबड़ौद क्षेत्र में फसल में नुकसान हुआ है।
बूंदी जिले में 70 हजार 800 हेक्टेयर में उड़द और 40 हजार 440 हेक्टेयर में सोयाबीन बोई गई थी। यहां उड़द में 23 हजार 66 हेक्टेयर और सोयाबीन में 24 हजार 199 हेक्टेयर क्षेत्र ज्यादा बारिश से प्रभावित हुआ है। यहां बूंदी, तालेड़ा, केशोरायपाटन, नैनवा, इन्द्रगढ़ और हिण्डौली क्षेत्र में नुकसान हुआ है।