जयपुर। मल्टीस्टेट क्रेडिट को -ऑपरेटिव सोसायटीज की धोखाधड़ी के शिकार निवेशकों को न्याय का इंतजार लंबा होता जा हरा है। राज्य सरकार ने मल्टीस्टेट क्रेडिट कंपरेटिव सोसायटीज के संचालकों के खिलाफ इस्तगासा दायर करने के लिए केंद्रीय रजिस्ट्रार कार्यालय से इनके नाम भेजने के लिए करीब 10 बार चिट्ठी लिखी। इसमें 2 बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पीएम नरेंद्र मोदी को, एक बार केंद्रीय कृषि मंत्री और 7 बार सहकारिता रजिस्ट्रार ने केंद्रीय रजिस्ट्रार को लिखा।
केंद्रीय रजिस्ट्रार कार्यालय की तरफ से राज्य सरकार को 48 मल्टीस्टेट क्रेडिट कंपरेटिव सोसायटीज के संचालकों के नाम भेजे गए लेकिन अधूरे। इसमें आदर्श क्रेडिट कंपरेटिव साेसायटी के 2008 के संचालक मंडल के नाम भेजे गए। अब सहकारिता रजिस्ट्रार कार्यालय ने मंगलवार को फिर से केंद्रीय रजिस्ट्रार को चिट्ठी लिखकर पूरी सूचना मांगी है।
50 सोसायटी के खिलाफ 86 हजार से ज्यादा शिकायतें
प्रदेश में 50 मल्टीस्टेट क्रेडिट कंपरेटिव सोसायटीज के खिलाफ 86 हजार से ज्यादा निवेशकों ने रजिस्ट्रार कार्यालय में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। निवेशकों का आरोप है कि इन सोसायटीज ने करीब 1700 करोड़ का वित्तीय फ्रॉड किया है। इसमें सबसे ज्यादा शिकायतें आदर्श क्रेडिट कंपरेटिव सोयायटी के खिलाफ मिली है।
आदर्श क्रेडिट कंपरेटिव सोसायटी के खिलाफ 37 हजार निवेशकों की शिकायतें अब तक सरकार को मिल चुकी हैं जिसमें 991 करोड़ रुपए से ज्यादा का वित्तीय गबन के आरोप हैं। राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम 2019 को लागू किया जा चुका है। दोषी पाए जाने पर 7 साल की सजा और कम से कम 5 लाख और अधिकतम 25 करोड़ रुपए के जुर्माने का भी प्रावधान है।
उपरजिस्ट्रार कार्यालय को इस्तगासे दायर करने के आदेश
सहकारिता रजिस्ट्रार मुक्तानंद अग्रवाल का कहना है कि केंद्रीय रजिस्ट्रार कार्यालय से मिली सूची में जिन सोसायटीज के का पूरा ब्योरा दिया है उनके खिलाफ कोर्ट में इस्तगासे दायर करने के लिए उप रजिस्ट्रार कार्यालय को निर्देश दे दिए गए हैं शेष पूरी सूचना के लिए केंद्रीय रजिस्ट्रार कार्यालय को चिट्ठी भेजी जा रही है।