राजस्थान में 2.18 लाख अपात्र लोगों ने ली पीएम किसान सम्मान निधि

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जयपुर। केंद्र सरकार की किसानों को हर साल 6 हजार रुपए देने की किसान सम्मान निधि स्कीम में गड़बड़ी सामने आई है। जांच में सामने आया है कि राजस्थान में कई इनकम टैक्स देने वाले, सरकारी कर्मचारी, पेंशन लेने वाले और लाखों कमाने वालों ने भी साधारण किसानों की योजना का पैसा ले लिया। गलत तरीके से पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा लेने वालों से अब वसूली होगी।

राजस्थान में अब तक 2 लाख 18 हजार 934 ऐसे लोग सामने आए हैं, जिन्हें पात्र नहीं होते हुए भी किसान सम्मान निधि के 6 हजार रुपए लिए। अब तक केंद्र सरकार ऐसे अपात्र लोगों को 147 करोड़ रुपए दे चुकी है। श्रीगंगानगर से भाजपा सांसद निहालचंद के सवाल के लिखित जवाब में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने इसकी जानकारी दी है। योजना में रुपए का दुरुपयोग रोकने और वास्तविक किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए सरकार ने अपात्र लोगों से पैसा वसूल करने के निर्देश जारी किए हैं। इनकम टैक्स देने वालों की पहचान के लिए एसओपी और दिशा निर्देश तैयार किए गए हैं। अपात्र लोगों से वसूली और इनकम टैक्स देने वालों की पहचान को लेकर सभी राज्यों को दिशा निर्देश भेजे हैं।

केंद्रीय कृषि मंत्री के मुताबिक एम-किसान स्कीम के तहत किसानों के पंजीकरण और सत्यापन के दौरान राज्यों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। पीएम-किसान लाभार्थियों के भौतिक सत्यापन के लिए राज्य सरकारों को निर्देश जारी किए हैं।

किसानों को केंद्र ने दिए 9135 करोड़
पीएम सम्मान निधि के तहत राजस्थान में 2018 से लेकर अब तक 73.07 लाख किसानों का चयन किया गया। इस योजना में जुलाई तक 9,135.9 करोड़ रुपए राजस्थान के किसानों को दिए गए हैं।

लाभार्थियों की पहचान का जिम्मा राज्य सरकार का
पीएम किसान सम्मान निधि योजना में लाभार्थी किसानों के चयन करने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। किसानों का चयन कर पीएम किसान पोर्टल पर ऑनलाइन ब्योरा और डेटाबेस देना राज्य सरकारों का ही काम है। केंद्र सरकार राज्य के दिए ब्यौरे का आधार कार्ड नंबरों के आधार पर जांच करती है। उसके बाद पात्र किसानों को पैसा उपलब्ध करवाया जाता है।

आधार-पैन लिंक होने के बाद पकड़ में आई गड़बड़ी
किसान सम्मान योजना में गड़बड़ी तब पकड़ में आई जब राजस्थान के लाभार्थियों के ब्योरे का वेरिफिकेशन किया गया। आधार और पैन नंबर लिंक होने के बाद जांच और वेरिफिकेशन आसान हो गया। आधार और पैन नंबर से इनकम टैक्स देने वालों का डेटा सामने आ गया। यह भी पकड़ में आ गया कि इनकम टैक्स देने वाले भी गलत तरीके से इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।

किसान सम्मान योजना पर पहले खूब हुई है राजनीति
किसान सम्मान योजना की शुरुआत राजस्थान में विधानसभा चुनाव के वक्त हुई, तब आरोप लगे थे। बाद में केंद्र सरकार ने राजस्थान की गहलोत सरकार पर किसानों का पूरा डेटा नहीं देने और किसानों को योजना से वंचित करने का आरोप भी लगाया था। अब इस योजना में गलत लोगों के चयन के मामले सामने आ रहे हैं।

पीएम किसान योजना में ये पात्र नहीं
इनकम टैक्स देने वाले किसान पात्र नहीं हैं। नेता इस योजना में पात्र नहीं हैं। वर्तमान, पूर्व मंत्री, वर्तमान, पूर्व सांसद, विधायक, महापौर व जिला प्रमुखों को योजना का फायदा नहीं मिलेगा। राज्य सरकार के वेतनभोगी कर्मचारी, पेंशनर्स, बोर्ड, निगमों व सार्वजनिक उपक्रमों में काम करने वाले नियमित कर्मचारी भी इसी श्रेणी में रखे गए हैं। डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टेड अकाउंटेंट व आर्किटेक्ट भी योजना का फायदा नहीं ले सकते।