निजी क्षेत्र में भी जैविक कृषि में शोध की असीम संभावना – डॉ. डीसी जोशी

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जैविक कृषि अनुसंधान केन्द्र कोटा का भ्रमण करते कृषि विवि के कुलपति

कोटा। कोटा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. डीसी जोशी व सयुंक्त निदेशक कृषि विभाग पीके गुप्ता, ग्रामीण विकास संस्थान कोटा के निदशक ताराचंद गोयल ने गोयल ग्रामीण विकास संस्थान कोटा के कैथून रोड स्थित जैविक कृषि अनुसंधान केंद्र के प्रक्षेत्र पर भ्रमण किया। विजिट के दौरान शोध कार्य को देख कर कुलपति डाॅ. जोशी ने कहा कि निजी क्षेत्र में भी जैविक कृषि में शोध की असीम संभावना है। विश्वविद्यालय के साथ इनके कार्य भी प्रशंसनीय है।

केन्द्र के निदेशक ताराचंद गोयल व केंद्र से प्रेरित कृषक मंडल द्वारा कुलपति के स्वागत के बाद केंद्र के धन्वंतरि हर्बल गार्डन में पौधारोपण किया। एक ही जगह पर लगने वाली 150 तरह की औषधि वनस्पतियों की एकांत योजना को देखा।

केंद्र पर संचालित गौ आधारित कृषि के शोध कार्य के साथ केन्द्र में संचालित सभी प्रदर्शन इकाइयों का अवलोकन किया। विशेष तौर पर गौ आधारित जैविक कृषि प्रणाली में वर्ष भर में उत्पादित 55 प्रकार की जैविक सब्जियां, सैकड़ों औषधीय पेड़, फूल, फल, अनाज, तिलहन, दलहन के साथ चारा फसलों का भी निरीक्षण किया।

विशेष कार्ययोजना मे बांस निर्मित ग्रीन हाउस, सन ड्रायर, खाद यूनिट, कीट नियंत्रण यूनिट, मशरूम इकाई, गिलोय दरबार, इंडो इजरायल मॉडल, खेत की मेड़ पर पेड़ व इनसे होने वाली कमाई, जल सरंक्षण के लिए लगी ड्रिप यूनिट, वर्षा जल से भूमि रिचार्ज सिस्टम, गौ गृह, बेल चलित उपकरण, वेल्यू एडिसन के कार्यों को निकटता से देखा।