कोटा। सोपा फसल सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) में सोयाबीन के आयात में जहां 177 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, वहीं सोया डीओसी का निर्यात इस दौरान 62.13 फीसदी घट गया।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (सोपा) के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में सोयाबीन का आयात बढ़कर पांच लाख टन का हुआ है, जबकि पिछले फसल सीजन 2018-19 में 1.80 लाख टन सोयाबीन का आयात हुआ था। सोया डीओसी का निर्यात फसल सीजन 2019-20 में घटकर 8.25 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले फसल सीजन के दौरान 21.79 लाख टन का निर्यात हुआ था।
सोपा के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में सोयाबीन का उत्पादन 93.06 लाख टन का हुआ था, जबकि पिछले साल का 1.70 लाख टन का बकाया स्टॉक बचा हुआ था। ऐसे में कुल उपलब्धता 94.76 लाख टन की थी, इसमें पांच लाख टन आयात एवं सितंबर में दो लाख टन नई फसल की आवक को भी जोड़ दे तो 101.76 लाख टन की उपलब्धता बैठी। इसमें से 12 लाख टन की खपत बीज में हुई इसलिए क्रेसिंग के लिए 89.76 लाख टन की उपलब्धता रही।
पहली अक्टूबर 2019 से सितंबर 2020 तक मंडियों में सोयाबीन की आवक 79.45 लाख टन की हुई, जबकि क्रेसिंग 81.50 लाख टन की हुई। दो लाख टन की डायरेक्ट खपत हो गई, जबकि 0.90 लाख टन निर्यात हो गया। अत: पहली अक्टूबर 2020 को बकाया स्टॉक 5.36 लाख टन का बचा है, जोकि पिछले साल के बकाया 1.73 लाख टन से ज्यादा है।