नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने दो दिन पहले राज्यों के मुख्यमंत्रियों को कहा था कि वह कोविड-19 के बाद विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए खास कोशिश करें, अब वे स्वयं अपने कैबिनेट के सहयोगियों के साथ भारत को देशी-विदेशी निवेशकों का पसंदीदा स्थल बनाने की नई रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
गुरुवार को पीएम मोदी ने इस संबंध में एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई जिसमें भावी रणनीति का खाका खींचा गया। इस रणनीति में निवेशकों को आसानी से जमीन उपलब्ध कराने से लेकर उन्हें राज्यों के स्तर पर हर तरह की मंजूरी को बगैर किसी समस्या के देने का इंतजाम होगा।
पीएम ने अपने सभी सहयोगियों को निर्देश किया कि कोई भी निवेश प्रस्ताव हो, उस पर समयबद्ध तरीके से फैसला होना चाहिए। पीएम के स्तर पर इस पहल का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है कि कोविड-19 की वजह से वैश्विक इकोनोमी में अफरा-तफरी मचा हुआ है और चीन में निवेश करने वाली कंपनियां इसके विकल्प की तलाश में है।
बैठक में चर्चा का एक खास मुद्दा था मौजूदा औद्योगिक जमीन, प्लॉट पर कंपनियों को ‘प्लग एंड प्ले’ तर्ज पर मैन्यूफैक्चरिंग की सुविधा देना। इसका मतलब यह हुआ कि देशी विदेशी कंपनियों को जमीन हर तरह की मंजूरियों के साथ सरकार देगी, कंपनियों को वहां सिर्फ प्लांट लगाना होगा और माल तैयार करना होगा। कई मामलों में प्लांट भी सरकार ही देती है जहां ठेके पर कंपनियों को सामान बनाने की इजाजत होती है। इसके लिए वित्त की सुविधा भी सरकार की तरफ से दी जाती है।
पीएम ने अपने सहयोगियों को कहा कि निवेशकों को हर तरह की सुविधा देने का एप्रोच होना चाहिए। उनकी समस्याओं के समाधान के लिए केंद्रीय व राज्यों की मंजूरियां समयबद्ध तरीके से मिले, इसे भी सुनिश्चित करने में केंद्रीय एजेंसियों को भूमिका निभानी चाहिए। इस क्रम में गुरुवार की बैठक में विदेशी निवेशकों को फास्ट-ट्रैक तरीके से लाने और घरेलू निवेशकों को प्रोमोट करने के दूसरे उपायों पर भी विचार किया गया।