शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों की वजह से भारत विश्वगुरु बनने की ओर अग्रसर: बिरला

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कोटा। शिक्षक समाज में उच्च आदर्श स्थापित करने वाला व्यक्तित्व होता है। शिक्षक अपने जीवन काल में बच्चों को शिक्षित करने के साथ संस्कारित एवं राष्ट्रवान नौजवान तैयार कर देश के भविष्य को संवारते हैं। हमारे शिक्षकों एवं वैज्ञानिकों की वजह से भारत आज विश्व गुरु बनने की ओर अग्रसर है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने नवभारत के निर्माता शिक्षकों के प्रति यह विचार रविवार को आयोजित सेवानिवृत्त गुरुजनों के सम्मान समारोह में व्यक्त किए।

लोकसभा अध्यक्ष बिरला की पहल पर जवाहर नगर स्थित सौहार्द सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में कोटा जिले के 2500 से ज्यादा शिक्षकों एवं शिक्षिकाओं को सम्मानित किया गया। इस मौके पर शहर के महापौर महेश विजय, जन अभाव अभियोग समिति के पूर्व अध्यक्ष एस.एन.गुप्ता, कोटा दक्षिण विधायक संदीप शर्मा, रामगंजमण्डी विधायक मदन दिलावर, पूर्व विधायक हीरालाल नागर एवं पूर्व कृषि मंत्री प्रभुलाल सैनी भी मौजूद रहे। इससे पूर्व एलन कॅरियर इंस्टीट्यूट के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी, राजेश माहेश्वरी, नवीन माहेश्वरी एवं बृजेश माहेश्वरी ने अतिथियों का स्वागत किया।

शिक्षा की तीर्थनगरी बना कोटा
मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने बतौर मुख्य अतिथि मानव संसाधन मंत्री रमेश निशंक पोखरियाल ने कहा कि आज कोटा का नाम पूरे हिंदुस्तान में गर्व के साथ लिया जा रहा है। क्योंकि एक तो कोटा पूरे देश में अपने कोचिंग सिस्टम के लिए पूरे देश में शिक्षा का तीर्थ बन चुका है और दूसरा हमारे लोकसभा अध्यक्ष भी कोटा से ही है।

उन्हीं की वजह से देश में एक निशान, एक विधान और एक प्रधान लागू हो चुका है। आज कोटा में आप सभी शिक्षकों के बीच आकर अच्छा लगा। शिक्षक किसी भी राष्ट्र की रीढ होते हैं। यही वजह है कि इस सम्मान समारोह में भाग लेने की बात जब आई, मैं तो खुद को नहीं रोक सका।

बीते दिनों को याद कर भावुक हुए शिक्षक
कार्यक्रम में कोटा जिले के सेवानिवृत्त शिक्षक शामिल हुए। अधिकांश शिक्षक ऐसे थे, जिन्होने पहले किसी विद्यालय या संस्थान में साथ काम किया था। उन्हें इस कार्यक्रम के माध्यम से एक-दूसरे से मिलने का मौका मिला। इस दौरान कई शिक्षक भावुक हो गए। शिक्षकों ने इस आयोजन के लिए लोकसभा अध्यक्ष बिरला को बधाई दी। कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष बिरला ने अपने शिक्षक प्रभुनारायण गुप्ता, आरपी गुप्ता एवं प्रेमनारायण शर्मा का आशीर्वाद लेकर उनका अभिनंदन भी किया।

सम्मान पाकर प्रफुल्लित हुऐ गुरूजन
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षकों का द्वार पर ही कुमकुम तिलक लगाकर, नारियल भेंटकर एवं शाॅल ओढ़ाकर स्वागत किया। शिक्षक सम्मान पाकर अभिभूत हो गए। इस दौरान कई शिक्षक ऐसे भी मौजूद थे, जिनकी उम्र 65 से 95 के बीच थी।