शिक्षा, रक्षा और संघर्ष के सम्मान की गवाह बनी शिक्षा की काशी कोटा

1436

कोटा। कॅरियर सिटी कोटा रविवार को ऐतिहासिक आयोजन की साक्षी बनी। ऐसा आयोजन जिसमें त्रिवेणी का सम्मान हुआ। ऐसी त्रिवेणी जो देश को नई दिशा दे रही है। ये त्रिवेणी शिक्षा, रक्षा और संघर्ष की रही। कोटा शिक्षा विकास मंच की ओर से आयोजित समारोह में जवाहर नगर स्थित समरस सभागार में 75 से अधिक शिक्षण संस्थाओं का सम्मान किया गया, जिनमें शहर के सात बड़े कोचिंग संस्थान भी शामिल रहे।

सबसे पहले शिक्षक सम्मान समारोह में शिक्षा के रूप में शिक्षकों का सम्मान किया गया। इसके बाद ऐसे संघर्षशील विद्यार्थियों का सम्मान किया गया, जिन्होंने विपरीत स्थितियों, बदतर हालातों में हार नहीं मानी, कोटा में रहकर पढ़ाई की और आज देश ही नहीं वरन विदेशों में बड़ी कंपनियों में कार्यरत हैं।

कार्यक्रम में विपरीत परिस्थितियों में संघर्ष करते हुए आगे बढ़ने वाले करीब 40 तथा देश सेवा में जान देने वाले 30 शहीद सैनिकां के बच्चों का सम्मान किया गया। इसके साथ ही रक्षा का सम्मान उन योद्धाओं की याद में किया गया, जिन्होंने हिन्दुस्तान की सरहदों की रक्षा करते हुए जान की बाजी लगा दी। कोई करगिल में शहीद हो गया तो कोई पुलवामा और अलग-अलग हिस्सों में हुई घटनाओं में शहीद हुए।

कार्यक्रम में डॉ.सविता खंडेलिया ने शहीदों की याद में ‘ए मेरे वतन के लोगों……‘ गीत प्रस्तुत किया। कार्यक्रम के अंत में कोटा शिक्षा विकास मंच की ओर से रेजोनेन्स के निदेशक आर.के.वर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

कोटा को पर्यटन व शिक्षा के क्षेत्र में और आगे ले जाएंगे : बिरला
कार्यक्रम में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि कोटा के शिक्षण की गुणवत्ता किसी से छिपी हुई नहीं है, हमारा प्रयास है कि कोटा और आगे बढ़े। देश ही नहीं विदेशों तक इसका नाम हो। हम चाहते हैं कि यहां एक से बढ़कर शिक्षण संस्थान स्थापित हों।

मैं इस मंच के माध्यम से कहना चाहता हूं कि यहां बड़ा से बड़ा संस्थान लाने की कोशिश करूंगा, इसके लिए जमीन राज्य सरकार और विशेषरूप से नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल उपलब्ध करवाएं। कोटा में पर्यटन के क्षेत्र में भी अपार संभावनाएं हैं। यहां मुकुंदरा टाइगर रिजर्व शुरू होने के बाद पर्यटन को पंख लगेंगे। इसे बढ़ाने की कोशिश होगी, हवाई अड्डे की शहरवासियों की मांग जल्द पूरी होगी।

कोचिंग पर 18 प्रतिशत जीएसटी क्यों ? : धारीवाल
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कोटा के कोचिंग संस्थान दिन-रात मेहनत करके बच्चों का कॅरियर बना रहे हैं। गुणवत्तापूर्ण शिक्षा की कमी पूरी करने की कोशिश कर रहे हैं तो फिर इस पर 18 प्रतिशत जीएसटी क्यों लिया जाता है। मैंने हर स्तर पर यह मुद्दा उठाया है, उम्मीद है मानव संसाधन विकास मंत्री इस पर विचार करेंगे। यही नहीं कोटा सबसे बेहतर रिजल्ट देता है लेकिन शहर से भेदभाव होता है, यहां आईआईटी की प्रवेश परीक्षाओं के परीक्षा केन्द्र नहीं दिए जाते।

देश के शिक्षकों ने दुनिया में पहचान कायम की : निशंक
कार्यक्रम में मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि कुंदन बनने के लिए तपना पड़ता है, जिस तरह सोना तपता है। शिक्षक भी साधक बनकर अपने शिष्यों को कुंदन बनाते हैं। शिक्षकों का ऐसा सम्मान देखकर अभिभूत हूं। नकारात्मक नहीं होना चाहिए, सकारात्मक रहें। देश के शिक्षक पूरी दुनिया में हैं, मैं यूक्रेन गया, वहां बड़ी संख्या में भारतीय छात्र थे, जब पूछा कि इन्हें विदेशी भाषा में परेशानी नहीं आती तो जवाब मिला कि यहां शिक्षक भी भारतीय ही हैं। यह जानकर खुशी हुई।

इनका हुआ सम्मान
कार्यक्रम में विपरीत स्थितियों में संघर्ष करते हुए आगे बढ़ने वाली बालिका वधू रूपा यादव, कैंसर से जंग लड़ते हुए पढ़कर डॉक्टर बनने वाली अनीशा गोयल, अपने भाई को कंधों पर बिठाकर एनआईटी तक पहुंचाने वाले कृष्ण बंसत, बैसाखियों के सहारे आगे बढ़ते हुए पढ़ने वाला सावन कुमार समेत ऐसे करीब 40 विद्यार्थियों का सम्मान किया गया। इसके साथ ही पुलवामा हमले में कोटा के सांगोद निवासी शहीद हेमराज मीणा, उत्तराखंड के शहीद मोहनलाल तथा देश में करगिल, दंतेवाड़ा, कश्मीर के अन्य क्षेत्रों में हुई मुठभेड़ों में शहीद हुए सैनिकों के करीब 30 बच्चों का भी यहां सम्मान किया गया।