नई दिल्ली। सरकार 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले किसानों की कर्ज की समस्या को दूर करने के लिए समय पर कर्ज चुकाने वालों को ब्याज माफ करने की योजना पर विचार कर रही है। सूत्रों के मुताबिक, इससे सरकार पर सालाना 15,000 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा खाद्य फसलों के वास्ते बीमा पॉलिसी पर प्रीमियम से पूरी तरह छूट देने का भी प्रस्ताव है। इसमें हॉर्टीकल्चर फसलों पर प्रीमियम भी घटाया जा सकता है।
ब्याज से छूट देने पर विचार कर रही सरकार
केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार देश के तीन अहम राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में हाल में हुए चुनाव में कांग्रेस के हाथों शिकस्त खाने के बाद एग्रीकल्चर सेक्टर की मुश्किलों को दूर करने की दिशा में सक्रिय दिख रही है। सूत्रों के मुताबिक, बीते दिनों में कई राउंड की मीटिंग के बाद उच्च स्तर पर बंपर उत्पादन के बीच कई फसलों पर किसानों की कम आमदनी को देखते हुए किसानों की समस्याओं को दूर करने के लिए एक योजना बनाई है।
अभी समय पर कर्ज चुकाने वालों को मिलता है 3 फीसदी इंसेंटिव
इस क्रम में किसानों को फौरी राहत देने के लिए निश्चित तारीख से पहले कर्ज लौटाने वाले किसानों को एग्री लोन पर 4 फीसदी ब्याज दर से छूट देने पर अध्ययन किया जा रहा है। वर्तमान में किसानों को 7 फीसदी ब्याज दर पर 3 लाख रुपए तक शॉर्ट टर्म लोन मिलता है। इस पर समय से रिपेमेंट करने वाले किसानों को 3 फीसदी इंसेंटिव दिया जा रहा है।