न्यूयार्क। फोर्ब्स ने पहली बार क्रिप्टो करंसी होल्डर्स की रिच लिस्ट जारी की। इसमें रिप्पल कंपनी के को-फाउंडर क्रिस लारसेन टॉप पर हैं। फोर्ब्स के मुताबिक, उनके पास 8 बिलियन डॉलर (करीब 51 हजार करोड़ रुपए) की क्रिप्टो करंसी है। लिस्ट में दुनियाभर के 400 अमीरों को जगह दी गई है। लोगों ने तीन क्रिप्टो करंसी बिटकॉइन, एनथेरम, और XRP पर ज्यादा भरोसा दिखाया है। 2017 में इन क्रिप्टो करंसी में 14,409% की बढ़ोत्तरी हुई।
लिस्ट में ये हैं टॉप 5 क्रिप्टो रिच
1.क्रिस लारसेन- 8 बिलियन डॉलर
2.जोसफ ल्यूबिन- 5 बिलियन डॉलर
3.चेंग पेंग झाओ- 2 बिलियन डॉलर
4. कैमेरोन- 1.1 बिलियन डॉलर
5. मैथ्यू मेलन- 1 बिलियन डॉलर
अमीरों की लिस्ट में ये भी शामिल
– फोर्ब्स की लिस्ट में ब्रियन, रोसजैक, एनथनी डी, ब्रेंडन ब्लमर, डेन लरिमर, वेलेरी, चार्ल्स हॉस्किंग्सन, टिम ड्रेपर, सोंग सी ह्यूंग के भी नाम शामिल हैं। साथ ही लिस्ट में सबसे ज्यादा 67 अमेरिकियों को जगह मिली है।
कैसे तैयार हुई क्रिप्टो रिच लिस्ट?
– क्रिप्टो होल्डर्स की रिच लिस्ट में फोर्ब्स ने 42 साल से ज्यादा उम्र के अमीरों को शामिल किया है। जिनके पास 350 मिलियन डॉलर की क्रिप्टो करंसी है।
– इसके लिए 5 कैटेगरी आइडियोलिस्ट, अपोरचुनिस्ट, बिल्डर, इन्वेस्टर और इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार की गईं। एक शख्स को कई कैटेगरी में जगह दी गई है।
– फोर्ब्स के मुताबिक, लिस्ट बनाने के लिए अलग-अलग नेट वर्थ के लिए अलग रेंज तैयार की गई। क्रिप्टो करंसी की वैल्यू एस्टिमेटेड है, जिसकी कीमत 19 जनवरी तक ट्रेडर्स और बिजनेस के आधार पर आंकी गई।
कितनी तरह की क्रिप्टो करंसी, वैल्यू क्या है?
– फोर्ब्स के मुताबिक, फिलहाल दुनिया में करीब 1500 क्रिप्टो करंसी हैं। इनकी वैल्यू करीब 500 बिलियन डॉलर है। फोर्ब्स के एडिटर रेनडेल लेन ने बताया कि क्रिप्टो करंसी से जो नतीजे निकल कर सामने आ रहे हैं, उन्हें छिपाया नहीं जा सकता।
भारत में क्रिप्टो करंसी पर सरकार का क्या स्टैंड है?
– बता दें कि भारत में क्रिप्टो करंसी को गैर-कानूनी माना गया है। ‘बिटकॉइन’ में भारतीयों ने काफी पैसा इन्वेस्ट किया था जिसके बाद फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली ने इसको लेकर चेतावनी भी जारी की थी।
– जेटली ने लोगों को सभी तरह की क्रिप्टो करंसी में इन्वेस्ट करने से भी रोका था। इस साल बजट स्पीच में वित्त मंत्री ने कहा था कि केंद्र सरकार क्रिप्टो करंसी पर रोक लगाने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी। इसे पेमेंट सिस्टम से दूर रखने के लिए भी काम किया जा रहा है।