धार्मिक आयोजन जनमानस में सद्भावना और आध्यात्मिक चेतना जगाते हैं: ऊर्जा मंत्री नागर

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विश्व धर्म चेतना मंच के अष्ट लक्ष्मी महायज्ञ कार्यक्रम को किया संबोधित

कोटा। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर शनिवार को श्रीसिद्धेश्वर तीर्थ तिरुपति धाम पहुंचे। उन्होंने सपत्नीक भगवान तिरुपति के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया। वहीं प्रदेश में खुशहाली की कामना की। इस दौरान श्री नागर ने ब्रह्मर्षि आश्रम तिरुपति में भी सिद्धगुरु महाराज के चरणों में वंदन, नमन कर आशीर्वाद लिया।

इस दौरान श्री हीरालाल नागर विश्व धर्म चेतना मंच की ओर से आयोजित अष्ट लक्ष्मी महायज्ञ कार्यक्रम में भी शामिल हुए। उन्होंने महालक्ष्मी के दिव्य दर्शन किए और महाआरती में भी शामिल हुए।

ऊर्जा मंत्री श्रीनागर ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि धार्मिक और आध्यात्मिक आयोजन जनमानस में सद्भावना व नैतिकता का प्रसार करते हैं और आध्यात्मिक चेतना का विस्तार करते हैं। हमारी यही विरासत हमें प्रेरणा देती है तथा सही मार्ग दिखाती है।

उन्होंने कहा कि श्रीसिद्धेश्वर तीर्थ ब्रह्मर्षि आश्रम में आयोजित हो रहे श्रीअष्टलक्ष्मी महायज्ञ में देश और दुनिया से पहुंचे गुरुभक्त श्रद्धालुओं का महासमागम सनातन संस्कृति की ऊर्जा, दिव्यता एवं भव्यता को प्रदर्शित कर रहा है। यह कार्यक्रम सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुवर द्वारा हमारी नई पीढ़ी को सनातन संस्कृति से परिचित करने का भगीरथ प्रयास है।

यह भारत की महान संस्कृति के प्रचार प्रसार में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सुसंस्कारित, वैभवशाली समाज के सृजन में श्रीसिद्धगुरु की भूमिका तथा उनका योगदान अति महत्वपूर्ण है। इस जगत में सुष्ट और दुष्ट प्रवृत्ति का संघर्ष चलता रहता है, मगर समाज को संगठित कर एक शक्ति के रूप में खड़े करने का प्रयास अभिनंदनीय व समायोजित धर्म कार्य है।

ऊर्जा मंत्री नागर ने कहा कि शक्ति, ईश्वर की वह कल्पित माया है जो उसकी आज्ञा से सब काम करने वाली और सृष्टि रचना करने वाली मानी जाती है। यह अनंतरूपा और अनंत सामर्थ्य संपन्ना भी कही गई है।

उन्होंने कहा कि पूज्य गुरुवर के कृपामय आशीर्वाद से वे भी अपने पद एवं गरिमा के अनुरूप समाज में सनातन, धर्म, संस्कृति के तहत राष्ट्रहित में अपना सर्वस्व योगदान देने का पूरा प्रयास करेंगे। इस दौरान आश्रम के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेश सांखला व इंदु राठौर ने ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर का सपत्नीक शॉल ओढ़ाकर सम्मान किया।

कार्यक्रम में श्री अष्टलक्ष्मी महायज्ञ के दौरान प्रतिदिन पूजन, अभिषेक, आरती के कार्यक्रम पंडित आचार्य श्रीनिवास श्रीमाली के आचार्यत्व में आयोजित हो रहा है। सुहाग सुहागिन पूजा, फुल होली व 51 कुंडिय महायज्ञ में आहुतियों के क्रम के साथ-साथ बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने श्रीसिद्धगुरुजी से गुरुमंत्र दीक्षा भी ग्रहण की। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्मर्षि आश्रम की ग्लोबल चेयरपर्सन सरला बोथरा ने किया।