दरीखाने में झलका राजसी वैभव, शाही अंदाज में निकली लक्ष्मीनारायण की सवारी

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कोटा। Kota Dussehra 2024: राष्ट्रीय मेला दशहरा 2024 के तहत शनिवार को गढ़ में पूजा- अर्चना के बाद गढ़ के दरीखाने से राजसी वैभव और ठाट-बाट के साथ हाथी पर सवार होकर भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी निकाली गई। उनके पीछे पूर्व महाराव इज्येराज सिंह खुली जीप में सवार होकर चल रहे थे।

साथ ही, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर, ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, विधायक संदीप शर्मा, मेला समिति अध्यक्ष विवेक राजवंशी समेत मेला समिति सदस्य, अधिकारी और जनप्रतिनिधि तथा ठिकानेदार भी शोभायात्रा में साथ चल रहे थे। सवारी गढ़ पैलेस से रवाना होकर किशोरपुरा दरवाजे से होते हुए दशहरा मैदान स्थित विजयश्री रंगमंच पहुंची।

भगवान लक्ष्मीनारायण जी की सवारी में झांकियों के अलावा राम और रावण की सेना युद्ध करते हुए दिखी। राक्षस घोड़ों पर सवार थे तो वानर सेना हाथों में गदा लिए उनसे लड़ रही थी। माँ कालिका द्वारा असुर संहार और रौद्र रूप भी जनता को रास आया। शोभायात्रा मार्ग में दोनों ओर खड़े लोगों ने भगवान लक्ष्मीनारायण के जयकारे लगाए।

भगवान लक्ष्मीनारायण की सवारी में सबसे आगे घुडसवार थे। प्रभु श्रीराम, लक्ष्मण, काली माता, सुग्रीव, अंगद, जामवंत, विभीषण, भगवान हनुमान व रावण, मेघनाद समेत विभिन्न झांकियां थी। रावण बने राजाराम कर्मयोगी भी चल रहे थे।

उसके बाद अलग अलग प्रदेशों के लोक कलाकारों के दल कच्ची घोड़ी नृत्य तथा कजरी नृत्य करते नजर आ रहे थे। शोभायात्रा में वानर सैनिक और रावण के सैनिक युद्ध करते हुए चल रहे थे। साथ ही, रावण और जटायु के बीच युद्ध का दृश्य भी जीवंत हो रहा था। इस दौरान घोड़ा बग्घी, ऊंटगाड़ी भी मौजूद रही।

भगवान की सवारी के साथ ऊँट गाड़ी में युद्ध के नगाड़े बजते हुए युद्ध दृश्य बना रहे थे। मधुर स्वर लहरियां बिखेरते बैंड के साथ साथ ही मशक बैंड और पुलिस बैंड भी मौजूद रहा। गोदावरी धाम की वानर सेना भी भगवा पताकाएं थामें जय श्रीराम का उद्घोष करती हुई चल रही थीं। शोभायात्रा में पंजाब का पाइप बैंड आकर्षण का केन्द्र था। मार्ग में जगह स्वागत द्वार बने थे जहां शरबत दिया जा रहा था।

दरीखाने में झलका राजसी वैभव
राष्ट्रीय मेला दशहरा 2024 के तहत गढ़ पैलेस में परम्परागत दरीखाना सजा। जिसमें हाड़ौती के पूर्व ठिकानों के प्रतिनिधि परम्परागत वेशभूषा में सज-धज कर मौजूद रहे। सभी ने एक दूसरे को दशहरा की बधाई देते हुए रामा श्यामी की।

दशहरा मेला पहुंचे विदेशी पाहुणे
कोटा दशहरा मेला में रावण दहन और भगवान लक्ष्मीनारायण की भव्य सवारी को देखने के लिए विदेश से भी मेहमान पहुंचे। जर्मनी के 8 पर्यटकों का दल कोटा पहुंचा। जिन्होंने दशहरे मेले और राजस्थानी लोक संस्कृति की भव्यता को खूब सराहा।

मथुराधीश मंदिर से आया बीड़ा
शुद्धाद्वैत प्रथम पीठ श्री बड़े मथुराधीश मंदिर से परंपरागत रूप से बीड़ा आया। जिसे पूर्व महाराज इज्यराज सिंह को सौंपा गया। मंदिर की ओर से प्रथम पीठ युवराज मिलन कुमार बाबा के प्रतिनिधि मोनू व्यास ने पूर्व महाराज को प्रसाद की पोटली का बीड़ा सौंपा।