जयपुर। Bhajan Lal Sharma Chief Minister Rajasthan: राजस्थान में नए मुख्यमंत्री की घोषणा हो गई है। भजन लाल शर्मा होंगे राजस्थान के नए मुख्यमंत्री, सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक हैं वो। इसके अलावा वो राजस्थान बीजेपी के महामंत्री है। विधायक दल की बैठक में भजनलाल के नाम का एलान हुआ। दीया कुमारी और प्रेम चंद बैरवा को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। वासुदेव देवनानी को विधानसभा स्पीकर की जिम्मेदारी दी गई है।
बैठक के दौरान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का राजनाथ सिंह के पास कॉल आया। इसके बाद एक पर्ची पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के हाथ में दी गई। इस पर्ची में राज्य के होने वाले सीएम का नाम था। वसुंधरा राजे ने मीडिया के सामने आकर भजनलाल शर्मा के नाम का ऐलान कर दिया।
राज्य में अनीता भदेल और कैलाश चौधरी को डिप्टी सीएम बनाया गया है। केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, सह-पर्यवेक्षक विनोद तावड़े और सरोज पांडेय की मौजूदगी में नव निर्वाचित विधायकों ने सर्वसम्मति से यह फैसला लिया। कुछ देर बाद ही प्रतिनिधिमंडल सरकार बनाने का दावा पेश करने राजभवन जाएगा।
इसके साथ ही नौ दिन से जारी सियासी उथल-पुथल पर आखिरकार विराम लग गया। बीजेपी आलाकमान के आगे वसुंधरा राजे की सारी तिकड़म धरी की धरी रह गई। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी।
वसुंधरा ने चुनावी नतीजों के बाद पार्टी के कई विधायकों को डिनर पार्टी दी थी, जिसे दबाव की राजनीति के तौर पर देखा गया था। हालांकि, नड्डा से मुलाकात के बाद वसुंधरा के सुर बदले-बदले नजर आए थ और उन्होंने खुद को पार्टी का अनुशासित कार्यकर्ता बताया था।
इसके बाद पार्टी ने राज्य के लिए पर्यवेक्षकों की नियुक्ति कर दी थी। उन्हें राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर जारी सस्पेंस पर विराम लगाने और विधायक दल का नेता चुनने के लिए सभी की सहमति बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। इसके बाद मंगलवार को हुई विधायक दल की बैठक में भजन लाल शर्मा को चुना गया।
इससे पहले राजस्थान के राजसमंद की सांसद दीया कुमारी, जयपुर के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, राज्यसभा सदस्य किरोड़ी लाल मीणा और अलवर के सांसद बाबा बालक नाथ ने विधानसभा चुनाव जीतने के बाद इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि पार्टी वसुंधरा के अलावा किसी दूसरे चेहरे पर दांव खेल सकती है।
राजस्थान में कायम रहा रिवाज
राजस्थान में इस बार फिर तीन दशक पुराना रिवाज कायम रहा। जनता ने कांग्रेस की 5 साल पुरानी सरकार को हटाकर भाजपा को मौका दिया। 25 नवंबर को हुए मतदान में भाजपा ने पूर्ण बहुमत प्राप्त किया। 3 दिसंबर को जब नतीजे सामने आए तो भाजपा को 115 सीटों पर जीत मिली। कांग्रेस को 69 सीटों से संतोष करना पड़ा।