जयपुर। Baba Balaknath Cm Face In Rajasthan: बाबा बालकनाथ राजस्थान में बीजेपी के सीएम फेस होंगे? दौसा में ठेला सब्जी जैसे छोटे व्यापारियों के साथ नुक्कड़ सभा के दौरान भाजपा विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने राजस्थान में भी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ जैसा मुख्यमंत्री बनाने की बात कह दी है।
क्या नाथ सम्प्रदाय के मुख्य महंत को राजस्थान में बीजेपी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की तरह हिंदुत्व का चेहरा बनाएगी। महंत बाबा बालक नाथ अलवर से सांसद हैं। मेवात और दिल्ली एनसीआर में उनका क्षेत्र आता है। यह हरियाणा बॉर्डर से भी लगता है। बाबा बालकनाथ का नाम तेज़ी से इसलिए उभरा है क्योंकि राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से बीजेपी की सर्वे टीमें घूम रही है।
भाजपा की राष्ट्रीय टीम में दिल्ली, यूपी, एमपी, हरियाणा, उत्तराखंड समेत कई राज्यों के नेता, विधायक और RSS से जुड़े नेता शामिल हैं। जो विचारधारा और रीति नीति के आधार पर और गहलोत की योजनाओं से निपटने के लिए बड़ा स्थानीय चेहरा राजस्थान में सीएम फेस के रूप में तलाश रहे हैं।
दौसा आए विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने किसी का नाम तो नहीं लिया, लेकिन इशारों में काफी कुछ कह दिया। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जैसा सीएम राजस्थान में बनाने की बात कहकर उन्होंने राजस्थान बीजेपी में नेताओं के चेहरे पर भी सियासी शिकन डाल दी है। यदि ऐसा हुआ तो राजस्थान में वसुंधरा राजे, राजेन्द्र राठौड़, सतीश पूनियां, गजेंद्र सिंह शेखवात समेत कई वरिष्ठ नेताओं के समर्थकों के अपने नेता को मुख्यमंत्री बनने वाले मंसूबों पर पानी फिर सकता है।
उत्तर प्रदेश की योगी जैसी सरकार के बारे में बताते हुए विधायक मोहन सिंह बिष्ट ने कहा है कि कल राजस्थान पुलिस का जवान बदमाशों से लोहा लेते हुए शहीद हो गया। ऐसा अगर उत्तर प्रदेश में होता तो बात ही कुछ और होती। वहां गुंडों और बदमाशों के लिए कोई जगह नहीं है।
राजस्थान की कांग्रेस सरकार जिस तरीके से वादे करके सत्ता में आई, उसके बाद जनता से किए गए वादे भूल गई। आज राजस्थान का हर आदमी परेशान है। राजस्थान में रेहड़ी वाला, पटरी और खोमचे वाला हर आदमी आतंकित है। बिष्ट ने कहा कि इसलिए राजस्थान में योगी जैसी सरकार होना बहुत जरूरी है।
दौसा में शनिवार को छोटे व्यापारियों के साथ नुक्कड़ सभा करते हुए विधायक मोहन सिंह बिष्ट प्रदेश कांग्रेस पर जमकर बरसे। उन्होंने अशोक गहलोत सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने राजस्थान में पानी की समस्या के समाधान के लिए 32000 करोड़ रुपये भेजे थे और वो करोड़ों रुपये बंदरबांट में चले गए।
राजस्थान की जनता आज भी पानी के लिए तरस रही है। राजस्थान की सरकार को राजस्थान की जनता के पानी के लिए डीपीआर बनाकर भेजनी थी, जिसे नहीं भेजा। बिष्ट ने कहा कि पांच सालों के अंदर जनता के लिए जिस प्रकार के वादे किए गए। आज रेहड़ी, पटरी पर व्यापार करने वाले और रिक्शावालों की क्या दुर्दशा हो रही है। जबकि इस सरकार ने उनको बार-बार कहा था कि हम सरकार में आएंगे, तो उनकी हर सुविधाओं का ध्यान रखेंगे। वह सुविधाओं को ध्यान रखने वाले कहां गए?