सोया खली का निर्यात अक्टूबर में दोगुने से ज्यादा बढ़कर 50,000 टन के पार

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इंदौर। भारतीय सोया खली की कीमतों में गिरावट के चलते अक्टूबर के दौरान इसका निर्यात दोगुना से ज्यादा होकर 50,000 टन के पार पहुंच गया। पिछले साल अक्टूबर में देश से 22,000 टन सोया खली का निर्यात गया था। प्रसंस्करणकर्ताओं के इंदौर स्थित संगठन सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सोपा) के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।

सोपा के कार्यकारी निदेशक डी एन पाठक ने LEN DEN NEWS को बताया,‘‘अक्टूबर में भारतीय सोया खली के दाम में कमी के कारण इसकी अंतरराष्ट्रीय मांग में इजाफा दर्ज किया गया था। हालांकि, नवंबर में भारतीय सोया खली की कीमतें फिर बढ़ गई हैं।’’गौरतलब है कि सोया खली के अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत को अमेरिका, ब्राजील और अर्जेंटीना सरीखे शीर्ष निर्यातकों से कड़ी मूल्य प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ता है।

प्रसंस्करण कारखानों में सोयाबीन का तेल निकालने के बाद बचे उत्पाद को सोया खली कहते हैं। यह उत्पाद प्रोटीन का बड़ा स्रोत है। इससे सोया आटा और सोया बड़ी जैसे खाद्य पदार्थों के साथ पशु आहार तथा मुर्गियों का दाना भी तैयार किया जाता है।