Sunday, October 6, 2024
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कैश में एक चालान पर 10 हजार से ज्यादा जमा नहीं होगा जीएसटी

नई दिल्ली । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) लागू होने में अब तीन महीने से भी कम समय बचा है। बहुत से व्यवसायी जो फिलहाल सेवा कर, उत्पाद शुल्क या वैट के असेसी हैं वे या तो जीएसटी के लिए पंजीकरण करा चुके होंगे या फिर कराने जा रहे होंगे। इस सबके बीच आपको एक बात ध्यान रखने की जरूरत है कि जीएसटी के तहत कैश में एक चालान पर 10,000 रुपये से अधिक टैक्स जमा नहीं होगा। इसलिए आपको एक जुलाई से पहले यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि आपके पास क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड या नेट बैंकिंग जरूर हो।
जीएसटी काउंसिल ने वस्तु व सेवा कर के भुगतान से संबंधित नियम तैयार कर लिए हैं। सरकार ने इन नियमों का मसौदा हाल में सार्वजनिक किया है। इन नियमों के अनुसार आप इंटरनेट बैंकिंग, क्रेडिट या डेबिट कार्ड से जीएसटी का भुगतान कर सकते हैं।
इसके अलावा नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर (एनईएफटी) और रीयल टाइम ग्रॉस सेटलमेंट (आरटीजीएस) के माध्यम से भी किसी बैंक से जीएसटी का भुगतान किया जा सकता है। हालांकि कैश, चेक या डिमांड ड्राफ्ट के जरिये प्रति चालान मात्र दस हजार रुपये का जीएसटी भुगतान ही किया जा सकता है।
वैसे, सरकारी विभागों के संबंध में यह सीमा लागू नहीं होगी। अगर किसी व्यक्ति पर जीएसटी बकाया है और उसकी चल-अचल संपत्ति बेचकर इस कर को वसूला जाता है तो उस मामले में भी यह सीमा लागू नहीं होगी। जो व्यक्ति समय पर जीएसटी भुगतान नहीं करेगा, उसे 18 प्रतिशत तक ब्याज चुकाना पड़ सकता है।
जीएसटी भुगतान करते समय व्यापारी को प्रत्येक ट्रांजैक्शन की एक पहचान संख्या दी जाएगी। इससे वह उस भुगतान के संबंध में जरूरत पड़ने पर पूछताछ कर सकेगा। खास बात यह है कि जीएसटी के लिए पंजीकृत सभी कारोबारियों का एक इलेक्ट्रॉनिक टैक्स लायबिलिटी रजिस्टर रखा जाएगा।
केंद्रीय जीएसटी कानून की धारा 49 की उपधारा सात के तहत यह रजिस्टर बनाया गया है। इसमें उक्त कारोबारी की ओर से जमा किए गए और बकाया टैक्स का पूरा ब्योरा होगा।
साथ ही इस रजिस्टर में इस बात का विवरण भी होगा कि किस कारोबारी के खाते में कितनी राशि इनपुट क्रेडिट के रूप में है। वह इसका इस्तेमाल केंद्रीय जीएसटी, राज्य जीएसटी, संघ राज्य क्षेत्र जीएसटी या एकीकृत जीएसटी के भुगतान के लिए कर सकेगा। इससे कारोबारियों को आयकर का लाभ लेना आसान हो जाएगा।

किशोर सागर बालाजी मंदिर में शिवलिंग पर उभरा चमत्कारिक नेत्र

दरा-कनवास मार्ग पर किशोर सागर बालाजी मंदिर में ढाई माह से शिवलिंग पर एक नेत्र देखने उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़
-अरविन्द गुप्ता 
कोटा। दरा से महज एक किमी दूर कनवास मार्ग स्थित ऐतिहासिक किशोर सागर श्रीबालाजी मंदिर में दिव्य शिवलिंग प्रतिमा पर निकले चमत्कारिक नेत्र को देखने के लिए इन दिनों श्रद्धालुओं का तांता लगा है। महाकालेश्वर रूपी इस दिव्य प्रतिमा पर ढाई माह पूर्व से प्राकृतिक शिव नेत्र दिखने लगा। निरंतर शिव साधना चलती रही, नवरात्र में यहां चमत्कारिक नेत्र स्पष्ट दिखाई देने से भक्तों की आस्था और बढ़ गई।
मंदिर पुजारी पं.लखनलाल शर्मा ने बताया कि लगभग 5 वर्ष पूर्व उन्होंने मप्र में नर्मदा नदी के औंकारेश्वर तट स्थित ज्योतिर्लिंग ममलेश्वर पर अभिषेक किया। वहां से किशोर सागर बालाजी मंदिर में स्थापना के लिए शिवलिंग एवं नंदी प्रतिमा लेकर दूसरे ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर, उज्जैन में विधि-विधान से पूजा-अनुष्ठान किया।
उसके बाद मंदिर परिसर में बालाजी के एक ओर महाकाल के पूजा स्थल का निर्माण प्रारंभ हुआ। गत वर्ष 16 अप्रैल,2016 को किशोर सागर बालाजी मंदिर में शिव-नन्दी प्रतिमा को अवतरित किया गया। उस समय शिवलिंग पर कोई नेत्र नहीं था। नियमित जलाभिषेक करते हुए धीरे-धीरे प्राकृतिक नेत्र ज्योति स्वतः प्रस्फुटित होने लगी। श्रद्धालुओं ने बताया कि नंदी की प्रतिमा में अचानक सामने की ओर कुछ झुकाव भी देखने को मिला। शास्त्रों में उल्लेख है कि शिव नेत्र से कष्ट एवं काल को पटखनी मिलती है।
मंदिर समिति के अध्यक्ष दुर्गाशंकर गुर्जर ने बताया कि दरा के वन क्षेत्र में विरासतकालीन किशोर सागर किनारे स्थित दक्षिणमुखी श्री बालाजी मंदिर में आकर श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक उर्जा मिलती है। मंदिर परिसर में अखंड ज्योति प्रज्ज्वलित है। नियमित तीन समय बालाजी का विशेष श्रंगार, पूजा-अर्चना एवं हवन-महाआरती होती है। पुजारी पं.लखनलाल शर्मा ने 25 वर्षों से नियमित पूजा-अनुष्ठान करते हुए श्री बालाजी की प्रतिमा को भव्य मंदिर का स्वरूप दिया। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को रक्षासूत्र के साथ किशमिश एवं मुंगफली दाने का प्रसाद वितरित किया जाता है।
नवरात्र में 15 हजार श्रद्धालु उमड़ते हैं
दरा स्टेशन के बाबूलाल खटाणा ने बताया कि प्रतिवर्ष नवरात्र में इस वन भूमि पर लगभग 15 हजार श्रद्धालुओं का भंडारा होता है। जिसमें कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़ जिले के अलावा मप्र से सैकड़ों भक्त नवरात्र दर्शन के लिए आते हैं। दरा के काश्तकार आनंदीलाल यहां 25 वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। पोस्ट मास्टर दुर्गाशंकर मेवाड़ा ने बताया कि बालाजी मंदिर में बाहर से जो भक्त मनोरथ लेकर आते हैं, वे कभी खाली हाथ नहीं लौटते। रामगंजमंडी के डाॅ. विजय सिंह ने बताया कि यहां आने से कई असाध्य रोगों से पीड़ितों को स्वास्थ्य लाभ मिला है। वरिष्ठ कम्पाउंडर त्रिलोक गुप्ता कई वर्षों से नवरात्र में 9 दिन यहां ठहरते हैं। आईसीयू में भर्ती मरीजों के परिजनों ने बताया कि हास्पिटल में जब डाॅक्टर जवाब दे देते हैं तो यहां की सिद्धि रोगियों को अचानक स्वस्थ कर देती है। मोरूखुर्द के अध्यापक रमेशचंद्र रघुवंशी, दरा के मुनीम राजेश चैहान, कनवास के संतोष जैन ने बताया कि यहां दर्शन मात्र से मनवांछित फल पूरे होते हैं। दिव्य शिवलिंग पर अलौकिक नेत्र के प्रकाश से हजारों भक्तों में आस्था की किरण जाग उठी।

सख्त हुए नियम: शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार का जुर्माना होगा

नई दिल्ली। शराब पीकर गाड़ी चलाना आने वाले दिनों में लोगों को महंगा पड़ेगा। नशे की हालत में गाड़ी चलाते पकड़े जाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भरना पड़ेगा। अभी यह 2000 रुपये था। इस संबंध में लोकसभा में शुक्रवार को एक महत्वपूर्ण विधेयक पेश किया गया।
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बिल पेश करते हुए कहा कि वर्ष 1988 के मोटर यान कानून में 30 साल बाद संशोधन के लिए यह विधेयक लाया गया है। उन्होंने बिल को जल्द से जल्द पारित करने की सदन से अपील की। उन्होंने शराब पीकर होने वाले हादसों के लिए कम प्रभावी ड्राइविंग लाइसेंस नियमों से लेकर यातायात नियमों को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि जनता में यातायात नियमों के प्रति न सम्मान है और न ही डर।
ई-गर्वनेंस अनिवार्य 
गडकरी ने बताया कि बिल में यातायात नियमों और ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने के संबंध में राज्यों के लिए ई-गर्वनेंस को अनिवार्य किया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत एक ऐसा देश है जहां ड्राइविंग लाइसेंस बहुत आसानी से मिल जाता है और एक व्यक्ति चार राज्यों में जाकर ड्राइविंग लाइसेंस बनवा लेता है।
घर बैठे आवेदन
परिवहन मंत्री ने कहा कि लोग अब घर बैठे लर्निंग लाइसेंस के लिए आवेदन कर सकेंगे लेकिन स्थायी लाइसेंस बनवाने के लिए कंप्यूटर के जरिए परीक्षा देनी होगी। उन्होंने कहा कि नेता, अभिनेता या पत्रकार चाहे कोई भी हो, सभी को परीक्षा देकर ही लाइसेंस मिल सकेगा।
प्रशिक्षित ड्राइवरों की कमी 
गडकरी ने कहा कि देश में 22 लाख प्रशिक्षित ड्राइवरों की कमी है और मोटर यान कानून में संशोधन से लोगों को रोजगार के साथ ही सड़क हादसों में भी कमी लाने में मदद मिलेगी।
सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन होगा
मंत्री ने कहा कि नए कानून के प्रभावी होने के बाद यदि मंत्री भी यातायात नियमों का उल्लंघन करता है तो कैमरों के जरिए जुर्माना पर्ची डाक से घर पहुंचा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जल्द ही सरकार एक राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा बोर्ड का गठन करने जा रही है जिसके बाद सुरक्षित यातायात के संबंध में एक अभियान चलाया जाएगा।
शराब का दुष्प्रभाव
5 लाख से अधिक सड़क हादसे हर साल होते हैं
1.5 लाख लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ता है
नए विधेयक में क्या 
अब ड्राइविंग लाइसेंस को आधार से जोड़ा जाएगा, जिससे गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन डीलर ही करेगा। रजिस्ट्रेशन, ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ई-रजिस्ट्रर बनेगा और स्क्रैपिंग के लिए अलग गाइडलाइंस बनेगी। अब लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आइडेंटिटी वेरिफिकेशन जरूरी कर दिया गया है।
ट्रैफिक नियम तोड़ने पर भारी जुर्माना
हेलमेट न लगाने पर 25 सौ रुपये, लाल बत्ती तोड़ने पर 1000 रुपये, सीट बेल्ट न लगाने पर 1000 और वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करने पर 5,000 रुपये जुर्माना लगेगा। किसी नाबालिग की गाड़ी से दुर्घटना में मौत होने पर उसके परिजनों पर 25,000 रुपये तक का जुर्माना और 3 साल तक की कैद का प्रावधान किया गया है।
अब सड़क दुर्घटना में मौत होने पर उनके परिजनों को 4 महीने के भीतर मुआवजे के रूप में 5 लाख रुपये मिलेंगे, जबकि पहले इसमें 5 साल तक लग जाते थे। इसके अलावा आपका लाइसेंस भी रद्द हो सकता है। लाइसेंस नियमों के उल्लंघन पर 25 हजार से 1 लाख तक का जुर्माना लगाया गया है।
सरकारी कर्मचारियों पर दोगुना जुर्माना
नए मोटर व्हीकल एक्ट के तहत सरकारी कर्मचारियों के नियम तोड़ने पर 2 गुना जुर्माना भरना होगा। वहीं ओला-उबर भी इस नीति के दायरे में आएंगे।

रिलायंस जियो का नया सरप्राइज, जियो ब्रॉडबैंड और DTH जल्द हो सकता है लॉन्च

नई दिल्ली । रिलांयस जियो को समर सरप्राइज ऑफर ट्राई के आदेश के बाद भले ही बंद हो गया हो लेकिन कंपनी अब आपको नया सरप्राइज दे सकती है। मोबाइल इंटरनेट के बाद जियो अब ब्रॉडबैंड और डीटीएच सर्विस उपलब्ध कराने वाला है, जिसकी घोषणा जल्द ही हो सकती है। रिलायंस जियो की वेबसाइट के रिचार्ज सेक्शन में पहली बार ब्रॉडबैंड और DTH सर्विस का जिक्र है।

जियो की अधिकारिक वेबसाइट जियो.कॉम के रिचार्ज सेक्शन में होम ब्रॉडबैंड और जियो लिंक का ऑप्शन है। हालांकि अभी इन सर्विसेज की अधिकारिक घोषणा नहीं हुई है जिस कारण आप अभी रिचार्ज नहीं करा सकते। जियो ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए जियो फाइबर को देश के कई शहरो में टेस्ट कर रहा है। मुंबई की बात करें तो गेट बंद कॉलोनी में जियो 1 जीबीपीएस ब्रॉडबैंड सर्विस के लिए टेस्टिंग कर चुका है।जियो ब्रॉडबैंड के अलावा DTH मार्केट में भी ऐंट्री करने वाला है। कुछ दिन पहले ही रिलांयस जियो DTH सेट-टॉप बॉक्स की फोटो ऑनलाइन लीक हुई थीं। जानकारी के मुताबिक रिलायंस के जियो सेट-टॉप बॉक्स में 360 से ज्यादा चैनल्स ऑफर होंगे। एचडी चैनल भी जियो उपलब्ध कराएगा। रिलायंस पूरे भारत में फाइबर नेटवर्क बिछा चुका है। जियो का प्लान कस्टमर्स को केवल हाइ स्पीड इंटरनेट और टीवी चैनल्स उपलब्ध कराना नहीं है बल्कि कंपनी कनेक्टेड कार के लिए भी प्लान कर रही है। जियो एक टेक्नॉलजी कंपनी है और यह साफ है कि उसका उद्देश्य कुछ सर्विसेज उपलब्ध कराने भर का नहीं है।

‘नीरजा’ को मिला नेशनल अवार्ड , अक्षय बेस्ट एक्टर

नई दिल्ली में हुई इस प्रेसवार्ता में 64 वें नेशनल फिल्म अवॉर्ड्स की घोषणा की गई।  उत्तरप्रदेश को ‘बेस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट’ के अवॉर्ड से नवाजा गया। जबकि झारखंड को ‘स्पेशल मेंशन अवॉर्ड’ दिया गया।
इस मौके पर बेस्ट फिल्म का अवॉर्ड ‘नीरजा’ को दिया गया। राम माधवानी के निर्देशन में बनीं इस फिल्म में लीड रोल सोनम कपूर ने निभाया था। अजय देवगन स्टारर फिल्म ‘शिवाय’ को स्पेशल इफेक्ट कैटेगरी में अवॉर्ड दिया गया। ‘बेस्ट एक्टर’ का अवॉर्ड अक्षय कुमार को फिल्म ‘रुस्तम’ के लिए मिला।
‘दंगल’ में नजर आईं जायरा वसीम को भी ‘बेस्ट चाइल्ड आर्टिस्ट अवॉर्ड’ से नवाजा गया। आपको बता दें कि फिल्म की रिलीज के बाद लंबे समय तक जायरा को कश्मीर में विवादों का सामना करना पड़ा था। हालांकि इस पूरे मामले पर जायरा को सभी का समर्थन मिला।
सामाजिक मुद्दे पर बनी बेस्ट फिल्म के लिए मेगास्टार अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘पिंक’ को भी पुरस्कार मिला। बेस्ट एडिटिंग और साउंड मिक्सिंग का अवॉर्ड मराठी फिल्म वेंटीलेटर को मिला। इसे एक्ट्रेस प्रियंका चोपड़ा ने प्रोड्यूस किया था। फिल्म के निर्देशक राजेश मापुस्कर को बेस्ट डायरेक्शन का अवॉर्ड मिला।
‘बेस्ट चिल्ड्रन फिल्म’ का पुरस्कार नागेश कुकुनूर की ‘धनक’ को मिला।

आत्मकथा लिखूंगी तो लोगों को मुंह छिपाने की जगह नहीं मिलेगी: रवीना

बॉलिवुड अभिनेत्री रवीना टंडन इन दिनों अपनी रिलीज के लिए तैयार फिल्म ‘मातृ’ के प्रमोशन में जुटी है। इसी दौरान लेन -देन  न्यूज़ डॉट कॉम से हुई खास बातचीत में रवीना ने अपनी फिल्म के अलावा निजी जिंदगी से जुड़े सवालों के जवाब भी दिए। इन दिनों बॉलिवुड के कई कलाकार अपनी ऑटोबॉयोग्राफी लिख रहे हैं। ऐसे में जब रवीना से पूछा गया कि क्या वह कभी अपनी आत्मकथा लिखेंगी इस पर रवीना कहती हैं कि अगर उन्होंने आत्मकथा लिखी तो हंगामा खड़ा हो जाएगा। लोगों को अपना मुंह की जगह नहीं मिलेगी।
रवीना कहती हैं, ‘जी हां मुझे मेरी आत्मकथा लिखने के लिए अप्रोच किया गया है। लेकिन मेरे साथ प्रॉब्लम यह है कि अगर मैंने अपनी आत्मकथा लिखी तो बहुत सारे लोग छुपना शुरू कर देंगे। मुझे लगता है मैं लोगों को बचाते हुए सेफ ऑटोबॉयोग्राफी नहीं लिख पाउंगी। अगर मैंने कभी मैंने अपनी ऑटोबायॉग्रफी लिखी तो ऐसा लिखूंगी जिसमें महिला प्रधान बातें होगीं।’
रवीना के बारे में यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि उन्होंने शादी से पहले दो बेटियों को गोद लिया था। रवीना कहती हैं, ‘जब मैंने दोनों बच्चियों को अपने घर लाकर उनका पालन-पोषण शुरू कर दिया तो कुछ लोगों ने मुझे कहा था कि… हाय, अब क्या होगा, तुम शादी कैसे करोगी? खैर उस समय मेरे दिमाग में भी ऐसी कोई बात नहीं आई कि बच्चियों को गोद लूंगी तो मेरी शादी का क्या होगा। मेरे इस निर्णय में परिवार का पूरा सपॉर्ट था।’
रवीना आगे कहती हैं, ‘मैंने से शुरू से ही अलग-अलग कई NGO के साथ मिल कर गर्ल चाइल्ड पर खूब काम किया है। वैसे मेरी दोनों बेटियों का जन्म मेरे सामने हुआ है। बच्चियों के माता-पिता नहीं हैं। उनके अच्छे भविष्य के लिए मुझे यह निर्णय लेना पड़ा। वैसे दोनों बेटियां मेरे कजन की हैं। अगर मैं घर से बाहर समाज सेवा कर रही हूं तो जो मेरे सामने घर में परेशान है उसकी मदद तो जरूर करूंगी। अब दोनों बेटियां मेरे परिवार का हिस्सा हैं। मैं जब 21 साल की थी तब एक बेटी आठ साल की और दूसरी ग्यारह साल की थी। मेरे अंदर मानवता, मदद और जरुरतमंदों के प्रति प्यार जताने की भावना मेरी मां से आई है। मैंने जब बच्चों को अपनाया था तब यह नहीं सोचा था कि आगे क्या होगा।’
रवीना बताती हैं एक समय ऐसा था जब वह एक साथ 30 फिल्मों में काम कर रही थीं। वह बताती हैं उन दिनों फिल्मों की कहानी लगभग एक जैसी थी जिसमें अमीर बाप की बेटी को गरीब लड़के से प्यार हो जाता था। लगभग दो डायलॉग तो हर फिल्म में होते ही थे। पहला हिरोइन को कहना होता था बचाओ-बचाओ और दूसरा अपने पिता से बॉयफ्रेंड के लिए लड़ने का। जो बहुत आसान था। वह कहती हैं, ‘उन दिनों फिल्मों की मांग थी अच्छा संगीत और एक आइटम नंबर और मुझे ऐसे ही फिल्मों के ऑफर मिलते थे। आज समय के साथ सिनेमा बहुत बदल गया है।’
‘मातृ’ में रवीना एक ऐसी मां के किरदार में हैं जो अपनी बेटी के सामूहिक बलात्कार और हत्या के बाद इंसाफ की लड़ाई लड़ती हैं। उनकी इस लड़ाई में पुलिस तो क्या उनके पति तक उनका साथ छोड़ देते हैं। केस वापस लेने की धमकी के बाद रवीना का कानून पर से भरोस उठ जाता है जिसके बाद वह अपने तरीके से ही गुनहगारों को सबक सिखाती हैं। रवीना टंडन की फिल्म ‘मातृ -द मदर’ का निर्देशन अशतर सैयद ने किया है। फिल्म 21 अप्रैल को रिलीज के लिए तैयार है। रवीना टंडन इससे पहले साल 2015 में रिलीज हुई फिल्म ‘बॉम्बे वेलवेट’ में दिखाई दी थीं, लेकिन यह फिल्म दर्शकों के बीच कोई धमाल नहीं मचा पाई थी।’

आधार नंबर को पैन कार्ड से ऐसे करें लिंक

नई दिल्ली। सरकार इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आधार नंबर को अनिवार्य कर चुकी है। इसके लिए आपके पैन कार्ड का आधार कार्ड से लिंक होना जरूरी है। जानिए, कैसे पैन कार्ड को आधार से लिंक किया जा सकता है…
1) इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए विभाग की वेबसाइट में अपने लॉग-इन आईडी, पासवर्ड और डेट ऑफ बर्थ भरें।
अगर आप पहली बार इनकम टैक्स रिटर्न ऑनलाइन फाइल कर रहे हैं तो वह ‘Register Now’ पर क्लिक करें। और सभी जानकारियां भरें..
2) जैसे ही आप लॉग-इन करेंगे एक पॉप-अप विंडो खुलेगी जिसमें आधार लिंक करने का ऑप्शन देगी। अगर आपके में ऐसी विंडो नहीं खुलती है तो आप प्रोफाइल सेटिंग में जाकर ‘लिंक आधार’ पर क्लिक करें।
3) अब विंडो में आप को कुछ चीजें भरनी होंगी जैसे नाम, डेट ऑफ बर्थ, जेंडर।
4) अब स्क्रीन पर दिखाई जाने वाली आपकी जानकारी को अपने आधार कार्ड पर लिखी जानकारी से मिलाएं।
5) अगर सभी डिटेल्स मैच कर जाती हैं तो अपना आधार नंबर डालें और ‘लिंक नाउ’ पर क्लिक करें।
6) अगर आपने सभी जानकारियां सही भरी हैं तो इसकी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी। यहां ध्यान देने वाली बात  यह है कि आपका आधार नंबर तभी पैन कार्ड से लिंक होगा जब दोनों में लिखी जानकारियां पूरी तरह से एक होंगी।

रिलायंस जियो: TRAI के आदेश से क्या मिलेगा, क्या छिनेगा

नई दिल्ली ।भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने गुरुवार को रिलांयस जियो को बड़ा झटका दिया है। TRAI ने रिलायंस जियो को समर सरप्राइज ऑफर वापस लेने का आदेश दिया है। रिलायंस जियो ने भी कहा है कि वह TRAI के निर्देशों का पालन करने को तैयार है और इस पर एक-दो दिनों में अमल करेगा। आइए आपको बताते हैं कि TRAI के इस फैसले से जियो यूजर्स को क्या मिलेगा, क्या छिनेगा…
क्या जियो प्राइम मेंबरशिप 15 अप्रैल तक मिलेगी?
हां। जियो पर TRAI का यह आदेश सिर्फ समर सरप्राइज ऑफर को लेकर है। बता दें कि कुछ जगह ऐसी भी खबरें आई थीं कि TRAI ने प्राइम मेंबरशिप की बढ़ी तारीख भी वापस लेने का आदेश दिया है, जो कि गलत है। जियो के प्रवक्ता के मुताबिक यूजर्स प्राइम ऑफर को 15 अप्रैल तक 99 रुपये में ले सकेंगे।
क्या था जियो का समर सरप्राइज ऑफर
जियो ने 31 मार्च को प्राइम मेंबरशिप हासिल करने की तारीख 31 मार्च से बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दी थी। इसके साथ ही कंपनी ने जियो प्राइम मेंबर्स के लिए समर सरप्राइज ऑफर का भी ऐलान किया। इस ऑफर में प्राइम मेंबर्स को 303 या उससे अधिक के पहले रिचार्ज पर 3 महीने तक फ्री सर्विसेज मिलनी थीं।
क्या है TRAI का आदेश
TRAI ने कंपनी से कहा है कि वह समर सरप्राइज ऑफर को वापस ले ले।
क्या है जियो का रुख
जियो ने ट्राई के दिए निर्देशों को मानने का पूरा भरोसा दिया है और अपने समर स्पेशल सरप्राइज ऑफर को तुरंत प्रभाव से बंद कर दिया है।
जिन्होंने समर ऑफर ले लिया उनका क्या होगा?
1- जियो के उन लोगों को समर सरप्राइज ऑफर का फायदा मिलता रहेगा जिन्होंने अब तक 303 रुपये या उससे ऊपर का रिचार्ज प्राइम ऑफर के साथ करा लिया है। बाकी यूजर्स अब इस सेवा को सब्सक्राइब नहीं कर सकेंगे।
2- जियो सूत्रों ने बताया कि जियो के बाकी ऑफरों पर इस रोक का कोई असर नहीं हुआ है और वह पहले की तरह जारी रहेंगे।
7 करोड़ प्राइम मेंबर
रिलायंस के मुताबिक 31 मार्च तक 7 करोड़ 20 लाख यूजर्स प्राइम मेंबरशिप ले चुके हैं। रिलायंस ने जियो को दुनिया में सबसे बड़ा और सफलतम फ्री टू पेड सर्विस बताया है। कंपनी को भरोसा जताया था कि 15 अप्रैल तक उसके पेड मेंबर्स की संख्या 10 करोड़ की संख्या पार कर सकती है।

आधार से बुक होंगे हवाई टिकट, यात्री की उंगली ही बनेगी बोर्डिंग पास

नई दिल्ली  ।सरकार विमान यात्रियों के लिये ‘आधार’ आधारित बुकिंग एवं बोर्डिंग प्रणाली लाने का विचार कर रही है। इस प्रणाली से यात्री की उंगली ही उसका टिकट और बोर्डिंग पास बन जायेगी।
नागर विमानन मंत्री पी अशोक गजपति राजू ने आज यहां रेल भवन में एक कार्यक्रम के इतर पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्होंने बताया कि आधार कार्ड से टिकट बुकिंग का प्रायोगिक चरण सफल रहा है और अब विमानन उद्योग के विभिन्न पक्षकार इस बारे में गंभीरता से विचार विमर्श कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि आधार से जुड़े बॉयोमेट्रिक डाटा ही यात्री की पहचान का माध्यम बनेगा। इसका मतलब है कि यात्री को उसकी उंगली के निशान से पहचाना जायेगा और उसी आधार पर उसे विमान में सवार होने दिया जायेगा। इस प्रणाली से कागज़ का इस्तेमाल बहुत हद तक बच पायेगा और तमाम प्रक्रियायें सरल हो पायेंगीं।रेलवे के टिकट भी आधार कार्ड के माध्यम से बुक करने को अनिवार्य करने की एक योजना पर विचार किया जा रहा है। सरकार आधार कार्ड को अनेक सेवाओं से जोड़ कर नागरिक सेवाओं को आसान बनाने का प्रयास कर रही है। सरकारी वित्तीय योजनाओं के लाभार्थियों की पहचान स्थापित करके पारदर्शिता लाने एवं भ्रष्टाचार कम करने के कई प्रयास सफल साबित हुए हैं।

रिटर्न फाइल करने के लिए 1 जुलाई से अनिवार्य होगा आधार
वित्त अधिनियम-2017 के तहत एक जुलाई से देश में आय कर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य हो जाएगा। बुधवार को एक आधिकारिक वक्तव्य जारी कर इसकी घोषणा की गई।
इसके अलावा पैन कार्ड बनवाने के लिए भी एक जुलाई से आधार अनिवार्य हो जाएगा। वित्त मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है, ‘वित्त विधेयक-2017 के अनुसार, आयकर अधिनियम-1961 की धारा 139एए के तहत आयकर रिटर्न भरने और पैन कार्ड के लिए आधार नंबर अनिवार्य होगा, जो एक जुलाई से लागू हो जाएगा।’
बयान में कहा गया है कि आधार नंबर या आधार पंजीकरण नंबर उन्हीं व्यक्तियों के लिए अनिवार्य होगा जो आधार पाने के योग्य होंगे। हालांकि आयकर अधिनियम की धारा 139एए में यह भी कहा गया है कि उन व्यक्तियों को आयकर रिटर्न भरने या पैन कार्ड बनवाने के लिए आधार नहीं देना होगा, जिन्हें आधार अधिनियम-2016 में स्थानीय निवासी नहीं माना गया है।

एक देश-एक टैक्स की राह हुई आसान, GST को संसद की मंजूरी

नई दिल्ली। राज्यसभा में जीएसटी से जुड़े चार बिलों को बिना किसी संशोधन के पास कर दिया गया है। इन चार बिलों में सी-जीएसटी, आईजीएसटी, यूटीजीएसटी और जीएसटी मुआवजा बिल शामिल है।वहीं आज पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कांग्रेस से अपील की थी कि वो राज्यसभा में जीएसटी पर आम सहमति बनाने में मदद करे। गौरतलब है कि इससे पहले लोकसभा में भी इन चारों बिलों को मंजूरी दे दी गई थी।

क्या बोले मनमोहन सिंह

जीएसटी से जुड़े चार बिलों पर मतदान के ठीक पहले संसद के उच्च सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अपनी पार्टी (कांग्रेस) से कहा कि कांग्रेस इसमें किसी संशोधन की मांग न करे ताकि आम सहमति और संघीय समझौते को बनाए रखा जा सके। इन बिलों पर दो दिनों तक बहस हुई थी।

29 मार्च को लोकसभा में मिली थी मंजूरी

इससे पहले 29 मार्च को लगभग आठ घंटे तक चली बहस के बाद जीएसटी के चार संशोधित बिलों को मंजूरी मिली थी।ये थे चार संशोधित विधेयकलोक सभा ने पारित किए जीएसटी के लिए जरूरी चार विधेयक।

इन विधेयकों को दी मंजूरी

1.केंद्रीय वस्तु एवं सेवा कर (सीजीएसटी) विधेयक 2017

2. एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर (आइजीएसटी) विधेयक 2017

3. वस्तु एवं सेवा कर (राज्यों को क्षतिपूर्ति) विधेयक, 2017

4. संघ राज्य क्षेत्र वस्तु

सरकार 1 जुलाई से जीएसटी बिल को लागू करना चाहती है। जीएसटी लागू होने के बाद पूरे देश में एक ही टैक्स लगेगा, अभी अलग-अलग राज्यों में अलग अलग टैक्स की व्यवस्था है। अलग-अलग सामान के लिए कितना टैक्स लगेगा ये अभी तय नहीं हुआ है लेकिन ये तय हो गया है कि टैक्स का स्लैब क्या होगा। 5, 12, 18 और 28 फीसदी के हिसाब से अलग अलग सामान और सेवाओं पर टैक्स लगेगा।

जीएसटी रजिस्ट्रेशन को मिलेगी एक माह की मोहलत

व्यापारियों को वस्तु एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) पर पंजीकरण कराने के लिए एक महीने की और मोहलत मिल गई है। राजस्व विभाग ने यह फैसला किया है। जीएसटीएन नई टैक्स प्रणाली का आइटी तंत्र है। जीएसटी के दायरे में आने वाले व्यापारियों को इस ऑनलाइन पोर्टल में अपना रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है। अब तक 60 फीसद करदाता ही जीएसटीएन पर अपना पंजीकरण करा पाए हैं। यह जानकारी हाल ही में राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने दी थी।अढिया ने जीएसटीएन से जुड़ी आइटी तैयारियों और 80 लाख करदाताओं के पोर्टल पर पंजीकरण को लेकर प्रगति की पिछले हफ्ते समीक्षा की थी। ये असेसी उत्पाद शुल्क, सेवा कर और वैट से जुड़े हुए हैं। राजस्व सचिव ने बताया कि अब तक 74 फीसद वैट करदाता पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं।इसके मुकाबले पंजीकरण कराने वाले एक्साइज और सर्विस टैक्स असेसी का अनुपात 28 फीसद ही है। इस प्रक्रिया को अब तेज किया जाएगा। उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि वह पंजीकरण की प्रक्रिया को एक पखवाड़े में पूरा करे।