Sunday, October 6, 2024
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बैंकों की हड़ताल से देशभर में कामकाज प्रभावित

नई दिल्ली। बैंकों के विलय का विरोध एवं अन्य मांगों को लेकर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के कर्मचारी मंगलवार को हड़ताल पर रहे जिससे सामान्य बैंकिंग गतिविधियां प्रभावित हुईं।

बैंक की शाखाओं में जमा, निकासी, चेक क्लीयरेंस, एनईएफटी और आरटीजीएस लेन-देन प्रभावित हुए।
हालांकि आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक, एक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक जैसे निजी बैंकों में बैंकिंग गतिविधियां लगभग सामान्य रहीं।  हड़ताल का आह्वान यूनाइटेड फोरम आफ बैंक यूनियन (यूएफबीयू) के तत्वाधान में विभिन्न यूनियनों ने किया है।

भारतीय बैंक संघ (आईबीए) ने उपभोक्ताओं को पहले ही बता दिया था कि अगर हड़ताल होती है तो शाखाओं में कामकाज प्रभावित हो सकता है। आईबीए ने बैंकों से हड़ताल का असर कम करने के उपाय भी करने को कहा था।

यूएफबीयू बैंकिग क्षेत्र के नौ यूनियनों का शीर्ष संगठन है। इसमें ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया एंप्लायज एसोसिएशन (एआईबीईए) तथा नेशनल ऑर्गेनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) शामिल हैं।

इन मांगों को लेकर है हड़ताल
एनओबीडब्ल्यू के उपाध्यक्ष अश्विनी राणा ने कहा कि हड़ताल का कारण बैंकों के विलय का विरोध तथा अन्य मांगें हैं। अन्य मांगों में कॉरपोरेट ऋण के गैर निष्पादित परिसंपत्तियों (एनपीए) को बैलेंस शीट से नहीं हटाये जाने की नीति, विलफुल डिफॉल्ट को आपराधिक कत्य घोषित किया जाना और एनपीए की वसूली के लिए ससंदीय समिति के सुझावों को लागू करना शामिल है। उल्लेखनीय है कि देश के पूरे बैंकिंग कारोबार में 21 सार्वजनिक बैंकों की 75 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 

174 अंक बढ़कर खुला सेंसेक्स, निफ़्टी 9,810 पर

नई दिल्ली। मंगलवार को मार्केट मजबूत होकर खुला। 30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 173.60 पॉइंट जबकि 50 शेयरों का एनएसई निफ्टी 56.45 पॉइंट चढ़कर क्रमशः 31,432.45 और 9,810.80 पर खुले। शुरुआती कारोबार में बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज पर दो-तिहाई शेयरों में बढ़त देखी गई।

मंगलवार का दिन इन्फोसिस के लिए भी मंगलमय साबित हो रहा है क्योंकि पिछले दो सेशन में 15 प्रतिशत तक की गिरावट के बाद आज कंपनी के शेयरों ने 1 प्रतिशत की तेजी दिखाई।

हिंडाल्को, वेदांता, डॉ. रेड्डीज लैब्स, आईओसी, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, कोल इंडिया, आईसीआईसीआई बैंक, ऐक्सिस बैंक, गेल, टेक महिंद्रा, ऑरबिंदो फार्मा और बैंक ऑफ बड़ौदा के शेयरों ने 2 प्रतिशत तक बढ़त हासिल की। इधर, टीसीएस और अल्ट्राटेक के शेयर दबाव में दिखे।

मिडकैप शेयरों में रिलायंस कैपिटल, कैपिटल फर्स्ट, पीएनबी हाउजिंग फाइनैंस, एलआईसी हाउजिंग फाइनैंस, जयप्रकाश असोसिएट्स, रेपको होम, इंडो काउंट, चेन्नै पेट्रोलियम, मनापुरम, रिलायंस डिफेंस, बीईएमएल, व-गार्ड, एचसीएल इन्फोसिस्टम्स और भूषण स्टील के शेयरों में 16 प्रतिशत तक की तेजी दिखी।

प्रीमियम एप निशुल्क उपलब्ध कराने वाला राजस्थान बना पहला प्रदेश

राज्य के छात्रों के अंग्रेजी ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए ‘हैलो इंग्लिश प्रीमियम’एप को अपनाने के निर्देश

जयपुर। उच्च शिक्षा मंत्री किरण माहेश्वरी ने सोमवार को एक बैठक में राज्य में अध्ययनरत छात्रों के अंग्रेजी ज्ञान को बेहतर से बेतहरीन करने के लिए ‘हैलो इंग्लिश प्रीमियम‘ एप को चालू करने और इसके व्यापक प्रचार-प्रसार करने के निर्देश दिए।

माहेश्वरी ने शासन सचिवालय में इस एप से जुड़े पोस्टर का भी विमोचन किया। उन्होंने कहा कि इस एप के उपयोग से न केवल छात्रों का अंग्रेजी ज्ञान सुधरेगा बल्कि वे अंग्रेजी के डर को भी आसानी से दूर कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि इसके व्यापक प्रचार-प्रसार के लिए सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों को भी निर्देशित किया है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस एप को फेस्टीवल ऑफ एजूकेशन में लॉन्च किया जा चुका है। आज सभी संस्था प्रधानों को इसे डाउनलोड करवाने संबंधित आदेश भी जारी कर दिए हैं।

उन्होंने कहा कि राजस्थान देश का पहला ऎसा प्रदेश है, जहां ऎसे किसी प्रिमियम एप को छात्रों के लिए निशुल्क उपलब्ध करवाया जा रहा है।

बेहद आसानी से डाउनलोड होने वाले इस एप का रजिस्ट्रेशन और इस्तेमाल पूरी तरह निशुल्क रहेगा। एप के यूजर्स के सुधार की भी तीन स्तर पर मॉनिटरिंग की जाएगी। कॉलेज, जिला और राज्य स्तर पर मॉनिटरिंग करने के बाद व्यक्तिशः रैंक भी निकाली जाएगी।

इस एप की सबसे अहम बात यह होगी कि अध्ययनरत छात्रों के अलावा आमजन भी अपनी अंगे्रजी सुधार के लिए इस एप का निशुल्क इस्तेमाल कर सकते हैं। इस एप को गूगल प्ले स्टोर में डाउनलोड करते समय मांगे गए कोड में UPER डालकर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पूरी करनी होगी। इसके बाद

इस एप के जरिए अंग्रेजी भाषा, व्याकरण, उच्चारण संबंधी ज्ञान के लैसन लिए जा सकेंगे। एप को आसानी से डाउनलोड करने के लिए टोल फ्री नंबर 1800 200 7767 पर मिस्ड कॉल देकर भी लिंक प्राप्त किया जा सकता है।

 एप के पोस्टर विमोचन के अवसर पर अतिरिक्त मुख्य सचिव श्री राजंहस उपाध्याय और कॉलेज आयुक्त श्री आशुतोष  पेंडणेकर के साथ हैलो एप के श्री पावस जैन और श्री निशांत पाटनी भी उपस्थित रहे।
   

अब तक मिला 42,000 करोड़ का जीएसटी

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नई दिल्ली| गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) की नई व्यवस्था के तहत पहले महीने में टैक्स भुगतान के रूप में सरकार को 42,000 करोड़ रुपए मिले हैं। राजस्व में और वृद्धि की संभावना है, क्योंकि रिटर्न फाइलिंग प्रक्रिया इस सप्ताह के अंत में समाप्त होगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एकीकृत जीएसटी के रूप में 15,000 करोड़ रुपए आए हैं। एकीकृत जीएसटी वस्तुओं को दूसरे राज्य में आवाजाही पर लगता है और 5,000 करोड़ रुपए कार तथा तंबाकू जैसे विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर उपकर के जरिए आए हैं।

इसके अलावा 22,000 करोड़ केंद्रीय जीएसटी तथा राज्य जीएसटी के रूप में आए हैं। इस राशि को केंद्र और राज्य सरकार के बीच बराबर-बराबर बांटा जाएगा। अधिकारी ने कहा कि सोमवार सुबह तक कर जमा 42,000 करोड़ रुपए रहा।

मेकिंग चार्ज समेत ज्वैलरी की कीमत पर लगेगा जीएसटी : सीबीईसी

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नई दिल्ली| सीबीईसीने साफ किया है कि सोने की ज्वैलरी की पूरी कीमत पर जीएसटी लागू होगा, सिर्फ सोने की कीमत पर नहीं। इसने उदाहरण देकर बताया है कि अगर 2,000 रुपए मेकिंग चार्ज के साथ ज्वैलरी की कीमत 30,000 रुपए है तो जीएसटी 30,000 रुपए पर लगेगा। भले ही बिल में मेकिंग चार्ज अलग से दिखाया गया हो।

सीबीईसी ने जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए जारी एफएक्यू में यह स्पष्टीकरण दिया है। सोना और दूसरे कीमती मेटल आयात करने वाले बैंकों को कस्टम ड्यूटी के साथ 3% इंटीग्रेटेड जीएसटी भी चुकाना होगा।

बाद में वे आईजीएसटी का इनपुट क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं। जीएसटी से पहले बैंक इनके आयात पर सिर्फ कस्टम ड्यूटी चुकाते थे, वैट नहीं।

सोने के आयात पर 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती है। जीएसटी से पहले 12.5% काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) भी लगती थी। सीवीडी को जीएसटी में शामिल कर दिया गया है।

नई टैक्स व्यवस्था में किसी भी टैक्सेबल गुड्स के आयात पर आईजीएसटी लागू होगा। सोने पर 3% आईजीएसटी है।

कोरियाई सोने के आयात पर बैंक गारंटी संभव
दक्षिण कोरिया से सोने के आयात में अचानक वृद्धि के मद्‌देनजर कस्टम विभाग ने वहां से आने वाले कन्साइनमेंट की छानबीन का फैसला किया है।

इस साल 1 जुलाई से 3 अगस्त तक 33.86 करोड़ डॉलर का सोना आयात हुआ, जबकि 2016-17 में 7.04 करोड़ डॉलर का सोना आया था।

पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। अभी सेल्फ असेसमेंट के आधार पर इन्हें क्लियरेंस दी जाती है।

आगे प्रोविजनल असेसमेंट शुरू किया जाएगा। जरूरी हुआ तो आयातकों से बैंक गारंटी ली जाएगी। दक्षिण कोरिया से भारत ने जनवरी 2010 में एफटीए किया था। इसके तहत इम्पोर्ट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगती।

 

 

 

 

कोटा के हेंगिंग ब्रिज का पीएम उदयपुर से करेंगे लोकार्पण

कोटा में चंबल नदी के ऊपर  213.58 करोड़ रुपए की लागत से 350 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया है।

कोटा। शहर के हैंगिंग ब्रिज के लोकार्पण का कार्यक्रम तय हो ही गया। 29 अगस्त को उदयपुर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वहीं से हैंगिंग ब्रिज का भी लोकार्पण भी कर देंगे। इसके बाद ब्रिज को आम जनता के आवागमन के लिए खोल दिया जाएगा।

213.58 करोड़ रुपए में हुआ है निर्माण 
ईस्ट वेस्ट कॉरीडोर को जोड़ने के लिए कोटा में चंबल नदी के ऊपर 213.58 करोड़ रुपए की लागत से 350 मीटर लंबे पुल का निर्माण किया गया है। इस पुल को साधने के लिए नदी के बीच में कोई पिलर नहीं बनाया गया।

नदी के दोनों किनारों पर पिलर खड़े कर तारों (सिंगल स्पाइन) के सहारे इस पुल का निर्माण किया गया है। तय तारीख से छह साल बाद इस पुल का निर्माण पूरा हो सका है, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के तीन महीने बाद भी इसे आवागमन के लिए नहीं खोला गया।

पीएम करेंगे लोकार्पण
राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के अधिकारी हैंगिंग ब्रिग के उदघाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से समय मांग रहे थे, लेकिन तारीख तय ना होने के कारण लोकार्पण संभव नहीं हो सका।

29 अगस्त को पीएम मोदी के उदयपुर आने का कार्यक्रम तय हुआ तो हैंगिंग ब्रिज के उदघाटन की तारीख भी मांग गई। जिस पर पीएम ने उदयपुर से ही ब्रिज का लोकार्पण करने की घोषणा कर दी।

हैंगिंग ब्रिज बनेगा पर्यटक स्थल
सांसद ओम बिरला ने बताया कि चम्बल नदी पर बन रहे देश के तीसरे हैंगिंग ब्रिज पर सिर्फ वाहन ही फर्राटा नहीं फरेंगे, बल्कि लोग पैदल चलकर भी घडिय़ाल सेंक्चुरी और चम्बल नदी का नजारा देख सकेंगे। इसके लिए ब्रिज के दोनों ओर डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़ा फुटपाथ भी बनाया जाएगा।

इसके साथ ही हैंगिंग ब्रिज के दोनों ओर 15-15 मीटर इलाके में पार्क भी विकसित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि हैंगिंग ब्रिज पर जाने के लिए किसी तरह का टोल भी नहीं वसूला जाएगा।

रसियन ग्रुप ने 12.9 अरब डॉलर में खरीदा एस्सार ऑयल

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  • इस सौदे को रूस के लिए अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश एवं भारत में आनेवाला अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) माना जा रहा है।

नई दिल्ली । रुईया बंधुओं के एस्सार ऑयल ने अपने भारतीय कारोबार को रूसी कंपनी रोसनेफ्ट को 12.9 अरब डॉलर (करीब 83 हजार करोड़ रुपए) में बेचने के लिए बिक्री सौदा पूरा कर लिया है।

इस सौदे की शुरुआत पिछले वर्ष भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की उपस्थिति में हुई थी गौरतलब है कि इस बड़ी डील का एलान बीते साल गोवा में आयोजित हुए ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान 15 अक्टूबर को किया गया था।

डील में क्यों हुई इतनी देरी
घोषणा के ठीक 10 महीने बाद इस डील को अंतिम रूप दिया गया है। ऐसे में सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर इस डील में इतनी देरी कैसे हुई। जानकारी के मुताबिक यह देरी एस्सार आयल को कर्ज देने वाले बैंकों ने कंपनी पर अपने 45 हजार करोड़ रुपए से अधिक के बकाया चुकाने की मांग की थी। इसे ही देरी की प्रमुख वजह बताया जा रहा है।

भारत में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश 
आपको बता दें कि एस्सार ऑयल लिमिटेड भारत में निजी क्षेत्र की दूसरी सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी है। इसे अब रूस की कंपनी रोजनेफ्ट ने खरीद लिया है। इस सौदे को रूस के लिए अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश एवं भारत में आनेवाला अब तक का सबसे बड़ा प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) माना जा रहा है।

डील में क्या कुछ शामिल
इस सौदे में रूसी कंपनी के नेतृत्व वाले संघ, जिनमें तेल बिडको भी शामिल है और ट्राफिगुरा-यूसीपी के नेतृत्व में एक निधि शामिल हैं। सौदे में गुजरात में वाडिनार में 20 मिलियन टन की रिफाइनरी की बिक्री, एक कैप्टिव पावर प्लांट, कैप्टिव बंदरगाह और 3,500 से अधिक पेट्रोल पंप शामिल है।

कर्ज अदायगी पर क्या बोले रुईया 
कंपनी के निदेशक प्रशांत रुईया ने बताया कि फर्म अपने कर्जदाताओं को जिसमें एसबीआई, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, आईडीबीआई बैंक और स्टैंडर्ड चार्टेड समेत अन्य बैंक शामिल हैं को 70,000 करोड़ रुपए का भुगतान कर देगा। इससे कंपनी पर कर्ज का बोझ 60 फीसद से अधिक घट जाएगा।

बैंकों को सोने के आयात पर 3 फीसद आईजीएसटी देना होगा

नई दिल्ली । सोने और कीमती धातुओं के आयात करने वाले बैंकों को जीएसटी के तहत 3 फीसद कर का भुगतान करना होगा। यह जानकारी सरकार ने दी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों के माध्यम से) में से जवाहरात और आभूषणों पर जीएसटी के मुद्दों को स्पष्ट करते हुए केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सीमा शुल्क बोर्ड ने कहा कि बैंकों ने पहले कीमती धातुओं के आयात पर कोई वैट नहीं चुकाया है, उन्होंने सिर्फ कस्टम ड्यूटी चुकाई है।

हालांकि जीएसटी के अंतर्गत, “बेसिक कस्टम ड्यूटी के अलावा सभी आयातित धातुओं के आयात पर 3 फीसद एकीकृत जीएसटी देय है। IGST का भुगतान बैंकों की ओर से इनपुट टैक्स क्रेडिट के रूप में वापस लिया जा सकता है।” इसमें यह भी कहा गया है कि ऐसे आयात पर बैंक भी आईजीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे।

यह उस विदेशी आपूर्तिकर्ता पर लागू नहीं होगा जिसमें ओनरशिप गोल्ड एवं सिल्वर की आवाजाही पर ही अधिकार प्राप्त होती है। अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों का जवाब देते हुए विभाग ने कहा, “ओनरशिप ऐसा तत्व नहीं है जो तय करे कि आयात हुआ है या नहीं। 

बैंक पंजीकृत संस्थाएं होने के नाते इस तरह के आयात पर आईजीएसटी का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी होंगे। लेकिन ये विदेशी इकाइयों पर लागू नहीं होगा जब तक कि वो आयात को प्रभावित न कर रहे हों।

सेंसेक्स 265.83 अंक टूट कर 31,258 पर बंद

इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का के अचानक इस्तीफा देने के बाद इसके शेयर में 5.37% की गिरावट देखी गई।

मुंबई। सोमवार को सेंसेक्स 265.83 और निफ्टी 83.05 अंक टूटा। सेंसेक्स 31,258 और 9,754 अंकों पर बंद हुआ। इसके पीछे अहम कारण यूरोप में कई प्रमुख ब्लूचिप कंपनियों के शेयरों में कमजोर शुरुआत और इन्फोसिस के शेयरों में गिरावट आना है।

इंफोसिस के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विशाल सिक्का के अचानक इस्तीफा देने के बाद इसके शेयर में 5.37% की गिरावट देखी गई। भले ही कंपनी ने 13,000 करोड़ रुपये की शेयर पुनर्खरीद योजना की घोषणा की है।

30 शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स 7.61 अंक चढ़कर 31,532.29 पर जबकि 50 शेयरों वाला एनएसई निफ्टी 12.75 अंक उछलकर 9,850.15 पर खुला। बीएसई पर दो तिहाई शेयर चढ़ गए जबकि एक तिहाई शेयरों ने गोता लगाया।

सोमवार को शुरुआती कारोबार में हिंडाल्को, वेदांता, टाटा स्टील, आईसीआईसीआई बैंक, टेक महिंद्रा, आइशर मोटर्स, बीपीसीएल, अल्ट्राटेक सीमेंट, ऑरबिंदो फार्मा और एचसीएल टेक्नॉलजीज के शेयर 2 प्रतिशत तक मजबूत हुए जबकि टीसीएस, भारती इन्फ्राटेल और एचडीएफसी के शेयरों में गिरावट आई।

इन्फोसिस में असमंजस की स्थिति के बीच इसके शेयर 5.37 फीसदी टूट गए। कंपनी की ओर से 13,000 करोड़ रुपये तक के शेयर बायबैक प्लान की घोषणा करने के बावजूद उसके शेयर सोमवार के शुरुआती कारोबार में 896 रुपये तक आ गिरे।

कंपोजिशन स्कीम में 10 लाख डीलर पंजीकृत

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  •  16 अगस्त तक 9,38,165 फर्मों ने कराया पंजीकरण
  • 21 जुलाई तक की आखिरी समय सीमा तक महज 1 लाख फर्मों ने कराया था पंजीकरण
  • जिन करदाताओं का सालाना कारोबार 75 लाख रुपये तक वे कर सकते हैं आवेदन
  • कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकरण कराने में असफल रहे हैं उन्हें अगले साल ही मौका मिल पाएगा। 

नई दिल्ली। करीब 10 लाख करदाताओं ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छोटे कारोबारों के लाभ के लिए सरकार की कंपोजिशन योजना का विकल्प चुना है जिसका पालन करना आसान है और इसकी कर की दर भी समान है।

शुरुआत में इस कंपोजिशन स्कीम में लोगों ने कम दिलचस्पी दिखाई लेकिन अब इसकी रफ्तार में तेजी आ रही है। इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त तक 9,38,165 फर्मों ने पंजीकरण कराया है जबकि पहले की अंतिम तिथि 21 जुलाई तक महज एक लाख फर्मों ने पंजीकरण कराया था।

दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि कुल 11 फीसदी जीएसटी करदाताओं ने कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुना है। जिन करदाताओं का सालाना कारोबार 75 लाख रुपये तक है वे इस योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के कारोबारी को एक फीसदी कर का भुगतान करने, विनिर्माणकर्ता को 2 फीसदी और रेस्तरां कारोबार वालों को 5 फीसदी कर भुगतान की अनुमति है।

एक सरकारी अधिकारी का कहना है, ‘जब हमने योजना के लिए आवेदन करने की समय सीमा बढ़ाई तब इसको लेकर प्रतिक्रिया में तेजी आई क्योंकि कारोबारियों को बेहतर योजना बनाने और फैसला करने के लिए समय दिया गया था। वैसे कारोबार जो इस कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकरण कराने में असफल रहे हैं उन्हें अगले साल ही मौका मिल पाएगा। 

जीएसटी परिषद द्वारा जून में कंपोजिशन स्कीम की पात्रता शर्तें 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये सालाना कारोबार कर दी गईं। कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत डीलर को सामान्य करदाता के मामले में विस्तृत रिकॉर्ड बनाए रखने की जरूरत नहीं है। 

वस्तुओं का कारोबार करने वाले कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं लेकिन सेवा प्रदाताओं में रेस्तरां क्षेत्र को छोड़कर बाकी को बाहर ही रखा गया है। इसके अलावा कंपोजिशन डीलर को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा लेने की अनुमति नहीं है।

ऐसे डीलर एक टैक्स इनवॉयस भी जारी नहीं कर सकते हैं। अगर कोई कंपोजिशन डीलर से खरीदारी कर रहा है तो वह इन वस्तुओं पर इनपुट टैक्स का दावा नहीं कर सकेगा, इससे योजना कम लोकप्रिय रही। इसके अलावा रिवर्स चार्ज प्रणाली को इस योजना में कवर नहीं किया जाएगा। 

 कंपोजिशन डीलर को केवल एक ही रिटर्न दाखिल करने की जरूरत होती है मसलन, जीएसटीआर-4 तिमाही आधार पर और सालाना रिटर्न के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9ए की जरूरत होती है।