- 16 अगस्त तक 9,38,165 फर्मों ने कराया पंजीकरण
- 21 जुलाई तक की आखिरी समय सीमा तक महज 1 लाख फर्मों ने कराया था पंजीकरण
- जिन करदाताओं का सालाना कारोबार 75 लाख रुपये तक वे कर सकते हैं आवेदन
- कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकरण कराने में असफल रहे हैं उन्हें अगले साल ही मौका मिल पाएगा।
नई दिल्ली। करीब 10 लाख करदाताओं ने वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत छोटे कारोबारों के लाभ के लिए सरकार की कंपोजिशन योजना का विकल्प चुना है जिसका पालन करना आसान है और इसकी कर की दर भी समान है।
शुरुआत में इस कंपोजिशन स्कीम में लोगों ने कम दिलचस्पी दिखाई लेकिन अब इसकी रफ्तार में तेजी आ रही है। इस योजना के लिए आवेदन करने की अंतिम तिथि 16 अगस्त तक 9,38,165 फर्मों ने पंजीकरण कराया है जबकि पहले की अंतिम तिथि 21 जुलाई तक महज एक लाख फर्मों ने पंजीकरण कराया था।
दूसरे शब्दों में यह कह सकते हैं कि कुल 11 फीसदी जीएसटी करदाताओं ने कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुना है। जिन करदाताओं का सालाना कारोबार 75 लाख रुपये तक है वे इस योजनाओं के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस योजना के कारोबारी को एक फीसदी कर का भुगतान करने, विनिर्माणकर्ता को 2 फीसदी और रेस्तरां कारोबार वालों को 5 फीसदी कर भुगतान की अनुमति है।
एक सरकारी अधिकारी का कहना है, ‘जब हमने योजना के लिए आवेदन करने की समय सीमा बढ़ाई तब इसको लेकर प्रतिक्रिया में तेजी आई क्योंकि कारोबारियों को बेहतर योजना बनाने और फैसला करने के लिए समय दिया गया था। वैसे कारोबार जो इस कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकरण कराने में असफल रहे हैं उन्हें अगले साल ही मौका मिल पाएगा।
जीएसटी परिषद द्वारा जून में कंपोजिशन स्कीम की पात्रता शर्तें 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 75 लाख रुपये सालाना कारोबार कर दी गईं। कंपोजिशन स्कीम के तहत पंजीकृत डीलर को सामान्य करदाता के मामले में विस्तृत रिकॉर्ड बनाए रखने की जरूरत नहीं है।
वस्तुओं का कारोबार करने वाले कंपोजिशन स्कीम का विकल्प चुन सकते हैं लेकिन सेवा प्रदाताओं में रेस्तरां क्षेत्र को छोड़कर बाकी को बाहर ही रखा गया है। इसके अलावा कंपोजिशन डीलर को इनपुट टैक्स क्रेडिट का फायदा लेने की अनुमति नहीं है।
ऐसे डीलर एक टैक्स इनवॉयस भी जारी नहीं कर सकते हैं। अगर कोई कंपोजिशन डीलर से खरीदारी कर रहा है तो वह इन वस्तुओं पर इनपुट टैक्स का दावा नहीं कर सकेगा, इससे योजना कम लोकप्रिय रही। इसके अलावा रिवर्स चार्ज प्रणाली को इस योजना में कवर नहीं किया जाएगा।
कंपोजिशन डीलर को केवल एक ही रिटर्न दाखिल करने की जरूरत होती है मसलन, जीएसटीआर-4 तिमाही आधार पर और सालाना रिटर्न के लिए फॉर्म जीएसटीआर-9ए की जरूरत होती है।