नई दिल्ली| सीबीईसीने साफ किया है कि सोने की ज्वैलरी की पूरी कीमत पर जीएसटी लागू होगा, सिर्फ सोने की कीमत पर नहीं। इसने उदाहरण देकर बताया है कि अगर 2,000 रुपए मेकिंग चार्ज के साथ ज्वैलरी की कीमत 30,000 रुपए है तो जीएसटी 30,000 रुपए पर लगेगा। भले ही बिल में मेकिंग चार्ज अलग से दिखाया गया हो।
सीबीईसी ने जेम्स एंड ज्वैलरी सेक्टर के लिए जारी एफएक्यू में यह स्पष्टीकरण दिया है। सोना और दूसरे कीमती मेटल आयात करने वाले बैंकों को कस्टम ड्यूटी के साथ 3% इंटीग्रेटेड जीएसटी भी चुकाना होगा।
बाद में वे आईजीएसटी का इनपुट क्रेडिट क्लेम कर सकते हैं। जीएसटी से पहले बैंक इनके आयात पर सिर्फ कस्टम ड्यूटी चुकाते थे, वैट नहीं।
सोने के आयात पर 10% बेसिक कस्टम ड्यूटी लगती है। जीएसटी से पहले 12.5% काउंटरवेलिंग ड्यूटी (सीवीडी) भी लगती थी। सीवीडी को जीएसटी में शामिल कर दिया गया है।
नई टैक्स व्यवस्था में किसी भी टैक्सेबल गुड्स के आयात पर आईजीएसटी लागू होगा। सोने पर 3% आईजीएसटी है।
कोरियाई सोने के आयात पर बैंक गारंटी संभव
दक्षिण कोरिया से सोने के आयात में अचानक वृद्धि के मद्देनजर कस्टम विभाग ने वहां से आने वाले कन्साइनमेंट की छानबीन का फैसला किया है।
इस साल 1 जुलाई से 3 अगस्त तक 33.86 करोड़ डॉलर का सोना आयात हुआ, जबकि 2016-17 में 7.04 करोड़ डॉलर का सोना आया था।
पिछले हफ्ते वित्त मंत्रालय और रिजर्व बैंक के अधिकारियों की बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हुई। अभी सेल्फ असेसमेंट के आधार पर इन्हें क्लियरेंस दी जाती है।
आगे प्रोविजनल असेसमेंट शुरू किया जाएगा। जरूरी हुआ तो आयातकों से बैंक गारंटी ली जाएगी। दक्षिण कोरिया से भारत ने जनवरी 2010 में एफटीए किया था। इसके तहत इम्पोर्ट पर बेसिक कस्टम ड्यूटी नहीं लगती।