Sunday, October 6, 2024
Home Blog Page 4653

राम रहीम मामला: हरियाणा और पंजाब में 661 रेलगाड़ियां प्रभावित

नई दिल्ली । रेलवे ने शनिवार को बताया कि दुष्कर्म मामले में डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को दोषी करार दिए के बाद पंजाब-हरियाणा जाने वाली रेलगाड़ियां बड़ी संख्या में प्रभावित हुईं। जारी हिंसा की वजह से अब तक 661 रेलगाड़ियां प्रभावित हुई हैं।

उत्तर रेलवे के अधिकारी ने कहा,’कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए हरियाणा और पंजाब जाने वाली 309 एक्सप्रेस रेलगाड़ियों को 23 से 28 अगस्त तक के लिए रद्द कर दिया गया है।’

रेलवे ने जानकारी देते हुए बताया कि अब तक हरियाणा जाने वाली 294 यात्री रेलगाड़ियों को रद्द किया गया है। रेलवे ने 58 रेलगाड़ियों के मार्ग भी परिवर्तित कर दिए हैं।

डेरा प्रमुख को दुष्कर्म मामले में सीबीआई की विशेष अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद पंचकूला में भड़की हिंसा में सुरक्षाबलों की गोलीबारी में 31 लोगों की मौत हो चुकी है।

“कौन बनेगा करोड़पति” टीवी पर 28 से कुछ नए अंदाज में वापस

शो तीन सालों के गैप के बाद वापसी कर रहा है इसलिए शो को थोड़ा और दिलचस्प बनाते हुए शो में कई छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। 

दिल्ली। एक बार फिर कौन बनेगा करोड़पति टीवी पर अपनी वापसी कर रहा है। केबीसी सीजन 9 सोमवार 28 अगस्त से शुरू हो रहा है। फैंस केबीसी का इतंजार काफी बेसब्री से कर रहे हैं।

और ऐसे में शो में हुए बदलाव उन्हें शो को लेकर और एक्टसाइटिड बना रहे हैं। शो को इस बार भी अमिताभ बच्चन ही होस्ट करेंगे। शो तीन सालों के गैप के बाद वापसी कर रहा है इसलिए शो को थोड़ा और दिलचस्प बनाते हुए शो में कई छोटे-छोटे बदलाव किए गए हैं। 

फोन ए फ्रेंड की जगह वीडियो कॉल ए फ्रेंड का ऑप्शन
इस बार केबीसी के सिर्फ 30-35 एपिसोड प्रसारित किए जाएंगे, जो कि करीब 6 हफ्तों तक चलेंगे। शो को क्रिस्पी बनाने के लिए ऐसा किया गया है।

दरअसल, शो के निर्माता बासु चाहते हैं कि शो को हर साल टेलीकास्ट किया जाए इसलिए वह शो को कम एपिसोड का लेकर आ रहे हैं।

इस बार शो में कई नई लाइफलाइन को शामिल किया गया है। इसमें हॉट सीट पर बैठे व्यक्ति को अपने दोस्त, रिश्तेदार और परिवार के किसी भी मेंबर से हेल्प ले सकेंगे।

वहीं, फोन ए फ्रेंड फीचर की जगह वीडियो कॉल ए फ्रेंड कर दिया गया है। नए जुड़े इस फीचर में व्यक्ति मदद लेने की आवाज के साथ-साथ उनका चेहरा भी देख सकेगा। 

इनाम में भी हुए बदलाव, अब 7 करोड़ की राशि मिलेगी
इस साल शो में प्राइज मनी को बढ़ाकर 7 करोड़ कर दिया गया है। इस बार अगर कोई व्यक्ति एक करोड़ रुपये का सही जवाब देता है, तो उससे अगला सवाल सीधे 7 करोड़ का ही किया जाएगा।

इतना ही नहीं, शो को इंट्रेस्टिंग बनाने के लिए शो के निर्माता केबीसी के 17 सालों को प्रीमियर एपिसोड में दिखाएंगे। शो 28 अगस्त से सोनी टीवी पर रात को 9 बजे टेलीकास्ट किया जाएगा। 
 

आधार डेटा में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए की सेंध

0

नई दिल्‍ली । विकीलीक्स ने अपने एक रिपोर्ट में यह आशंका जतायी है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA साइबर जासूसी के लिए अमेरिका आधारित प्रौद्योगिकी प्रदाता ‘क्रॉस मैच टेक्नोलॉजिस’ द्वारा तैयार किए गए टूल्स का उपयोग कर रही है, जिसमें आधार डेटा शामिल हो सकता है। हालांकि भारत के आधिकारिक सूत्रों ने इसे खारिज किया है।

साइबर जासूसी टूल ‘एक्‍सप्रेस लेन’
क्रॉस मैच टेक्नोलॉजिस, आधार के लिए वैधानिक निकाय, भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) को बॉयोमीट्रिक उपकरण प्रदान करता है। विकीलीक्स के दस्तावेजों का कहना है कि सीआईए ने एक्सप्रेसलेन, जो की क्रॉस मैच टेक्नोलॉजिस द्वारा तैयार किया गया एक उपकरण है, का इस्तेमाल किया है. इसी से ये दावा किया गया है कि सीआईए ने आधार में सेंध लगाई है।

ट्वीट कर जाहिर की आशंका
विकीलीक्स ने शुक्रवार को ट्वीट करके एक आर्टिकल शेयर किया। इस लेख में क्रॉस मैच के भारत में ऑपरेशन और कंपनी के पार्टनर स्मार्ट आइडेंटिटी डिवाइसेज प्राइवेट लिमिटेड का जिक्र है।

इस कंपनी ने आधार डेटाबेस में 12 लाख भारतीय नागरिकों को जोड़ा है। ट्वीट में लिखा है, ‘क्या सीआईए के जासूस भारत के राष्ट्रीय पहचान डेटाबेस को चुरा चुके हैं?’ कुछ देर बाद, एक अन्य ट्वीट में लिखा, ‘क्या सीआईए ने भारत का आधार डेटाबेस चुरा लिया है?’

तो क्‍या सचमुच लग चुकी है सेंध
विकीलीक्स के लेख में कहा गया है कि यूआईडीएआई, जहां तक ज्ञात है, इन कंपनियों या उनके व्यवसाय, पेशेवर और निजी संगठनों की पृष्ठभूमि की जांच नहीं कर पाई। यह दावा करता है कि सीआईए एजेंट रियलटाइम में आधार डेटाबेस का उपयोग कर सकते हैं।

विकीलीक्स ने ट्वीट किया कि क्या सीआईए के जासूस पहले से ही भारत की राष्ट्रीय पहचान पत्र डेटाबेस चोरी कर चुके हैं? इसके बाद एक और ट्वीट किया गया, जिसमें लिखा था कि क्या सीआईए ने पहले से ही भारत का आधार डेटाबेस चोरी कर लिया है?

हालांकि आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि रिपोर्ट विकीलीक्स ने लीक नहीं की है, बल्कि ये एक वेबसाइट के द्वारा रिपोर्ट है। क्रॉस मैच बायोमेट्रिक डाटा कैप्चर के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों का वैश्विक आपूर्तिकर्ता है।

लेकिन एकत्र किए गए डेटा कंपनी या किसी अन्य इकाई तक नहीं पहुंच सकते क्योंकि विक्रेता एन्क्रिप्टेड रूप में डेटा एकत्र करते हैं जो आधार सर्वर को स्थानांतरित किया जाता है। रिपोर्टों में वास्तव में कोई आधार नहीं है। आधार डेटा सुरक्षित रूप से एन्क्रिप्ट किया गया है और कोई भी एजेंसी इस तक नहीं पहुंच सकती।

नैशनल टेस्टिंग एजेंसी की स्थापना अगले साल !

टेस्टिंग एजेंसी का मकसद उन संस्थाओं को प्रवेश परीक्षा कराने के काम से मुक्त करना है, जो इसे कराने में खुद को असमर्थ पाते हैं।

नई दिल्ली। हायर एजुकेशन के लिए प्रवेश परीक्षा कराने वाली स्वायत्त संस्था ‘नैशनल टेस्टिंग एजेंसी’ अगले साल हकीकत में तब्दील हो सकती है। एचआरडी मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक अभी नैशनल टेस्टिंग एजेंसी का ड्राफ्ट मंत्रालयों में सर्कुलेशन में है। उम्मीद है कि अगले साल संसद के विंटर सेशन से पहले इसे कैबिनेट पास कर देगी।

ऐकडेमिक्स पर फोकस करेगी सीबीएसई
नैशनल टेस्टिंग एजेंसी बनने के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) टेस्ट कराने की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे और ऐकडेमिक्स पर फोकस कर सकेंगे। टेस्टिंग एजेंसी का ऐलान सरकार ने बजट में किया था।

मिनिस्ट्री सूत्रों के मुताबिक एजेंसी बनने के बाद नैशनल इलेजिबिलिटी टेस्ट (NET), सेंट्रल टीचर इलेजिबिलिटी टेस्ट (CTET) एजेंसी ही कराएगी। जेईई मेंस भी एजेंसी के ही जिम्मे होगा। हालांकि जेईई अडवांस आईआईटी खुद करवाना चाहेंगे तो वह इसे खुद करवा सकते हैं।

मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक टेस्टिंग एजेंसी का मकसद उन संस्थाओं को प्रवेश परीक्षा कराने के काम से मुक्त करना है, जो इसे कराने में खुद को असमर्थ पाते हैं। इससे उनके असली काम पर असर पड़ता है। जेईई अडवांस अभी आईआईटी ही करवाता है। हो सकता है कि एजेंसी बनने के बाद भी वही इसे कराए।

सीबीएसई ने खड़े किए थे हाथ
करीब 4 महीने पहले सीबीएसई ने अचानक नैशनल इलेजिबिलिटी टेस्ट (NET) कराने को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे। तब सीबीएसई और यूजीसी के बीच इस बात को लेकर विवाद हुआ कि यह टेस्ट कौन कराएगा? यह टेस्ट 2014 तक यूजीसी कराती थी, जिसके बाद यह टेस्ट कराने का जिम्मा सीबीएसई को सौंप दिया गया।

सीबीएसई ही जेईई मेंस और नीट भी कराती है। सीबीएसई के मुताबिक उन्हें ये टेस्ट करवाने के लिए बहुत रिसोर्स इस्तेमाल करने पड़ते हैं। इससे उनका अपना काम प्रभावित होता है। हालांकि उस वक्त मिनिस्ट्री ने हस्तक्षेप कर यह तय किया कि फिलहाल NET सीबीएसई ही कराएगी। टेस्टिंग एजेंसी बनने के बाद यह सारे टेस्ट कराने की जिम्मेदारी एजेंसी की होगी।

राजस्थान में रेरा लागू होने के 4 माह बाद भी अथॉरिटी नहीं

0

रेरा और एसीएस यूडीएच चेयरमैन मुकेश शर्मा बोले अभी जरूरत नहीं, एक दो साल बाद बनाएंगे फुल अथॉरिटी

जयपुर| प्रदेश में रियल एस्टेट रेग्यूलेरेटी एक्ट (रेरा) लागू हुए करीब चार महीने हो चुके हैं लेकिन अब तक सरकार ने इसके लिए अलग अपीलीय प्राधिकरण और अथॉरिटी का गठन नहीं किया है। इसका असर रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया पर रहा है।

प्रदेश में एक मई से रेरा लागू हो चुका है। एक मई से पहले से निर्माणाधीन प्रोजेक्ट्स को रेरा में रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए तीन महीने की छूट दी गई थी जबकि नए प्रोजेक्ट्स में भूमि पूजन का काम भी डवलपर प्रोजेक्ट रजिस्टर करवाने के बाद कर सकता है।

अथॉरिटी के गठन में हो रही देरी को लेकर अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र को छोड़कर अन्य राज्यों में भी यही स्थिति है। सरकार के पास रेरा में रजिस्ट्रेशन के लिए करीब साढ़े चार सौ आवेदन चुके हैं।

लेकिन डॉक्यूमेंट प्रोसेसिंग में होने वाली देरी से एक महीने में करीब 95 सर्टिफिकेट ही जारी हो पाए हैं। हालांकि डवलपर्स और रेरा अथॉरिटी के अफसरों का कहना है कि आवेदन करने के बाद उनके पास मोबाइल पर मैसेज जाता है जिसके बाद वे अपना काम शुरू कर देते हैं।

रेरा अथॉरिटी में 45 लोगों की नियुक्ति होनी है। इसमें चेयरमैन के अलावा दो सदस्य होंगे। इनके नीचे काम करने के लिए प्लानिंग, आईटी, विधि, वित्त और प्रशासनिक स्टॉफ होगा। इसमेंप्लानिंग में 12 लोग, विधि में 6, वित्त में 12, आईटी में 5 और प्रशासनिक में 14 लोगों की नियुक्ति होगी।

इसके लिए एक बार फाइल वित्त विभाग को भेजी जा चुकी है लेकिन वित्त विभाग ने इस पर आपत्ति जताकर वापस लौटा दिया। अब अफसरों का कहना है कि अभी जितने अफसर अथॉरिटी में लगा रखे हैं उससे काम चल रहा है इसलिए फिलहाल और नियुक्तियों की जरूरत नहीं है।

 रेरा और एसीएस यूडीएच चेयरमैन मुकेश शर्मा का कहना है कि अभी जितने लोग हैं उससे काम चल रहा है। मुझे नहीं लगता कि अभी साल दो साल अथॉरिटी का विस्तार करने की जरूरत है। जब जरूरत होगी तो बढ़ा लेंगे।

एमपी सरकार पेट्रोल-डीजल से वैट घटाने को तैयार

0

वैट ज्यादा होने की वजह से डीजल का खर्च उद्योगों की लागत में जुड़ता है और इस पर जीएसटी चुकाना पड़ता है।

भोपाल। पेट्रोल-डीजल पर मप्र में अन्य राज्यों की तुलना में ज्यादा वैट लगने से कारोबारियों का नुकसान हो रहा है। इसे कम करने के लिए सरकार कोई रास्ता निकाल सकती है।

वित्त मंत्री जयंत मलैया ने कहा कि मेरी कुछ कारोबारियों से बातचीत हुई है। दो दिन बाद इस मसले पर अधिकारियों से बातचीत की जाएगी और पूरा अध्ययन कर फैसला किया जाएगा।

गौरतलब है कि पड़ोसी प्रदेशों के मुकाबले मप्र में महंगा ईंधन होने की वजह से इंफ्रास्ट्रक्चर, परिवहन समेत अन्य सेक्टर के उद्योगों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। उद्योगपतियों ने इस मामले की शिकायत जयंत मलैया से भी की थी।

उद्योगपतियों का कहना है कि वैट ज्यादा होने की वजह से डीजल का खर्च उद्योगों की लागत में जुड़ता है और इस पर जीएसटी चुकाना पड़ता है। इस दोहरे कर से उद्योगों पर मार पड़ रही है।

 मप्र सरकार पेट्रोल पर 31 प्रतिशत वैट और 4 रुपए प्रति लीटर अलग से टैक्स लेती है। वहीं डीजल पर 27 प्रतिशत वैट और डेढ़ रुपए प्रति लीटर टैक्स अतिरिक्त लिया जा रहा है। 

इस मामले में राजस्थान की जनता का कहना है कि एमपी सरकार की तरह राजस्थान सरकार को भी पेट्रोल, डीजल पर वैट कम करने का प्रयास करना चाहिए। 

अब तक 29 लाख से अधिक ने जीएसटी का किया भुगतान

0

समय सीमा समाप्त होने तक 15-20 लाख रिटर्न और दाखिल कर दिए जाएंगे।

नयी दिल्ली। माल एवं सेवाकर जीएसटी प्रणाली के तहत अब तक 29 लाख से अधिक फर्मों ने अपना पहला कर रिटर्न दाखिल किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

नयी अप्रत्यक्ष कर प्रणाली जीएसटी के तहत पहला मासिक रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा आज मध्य रात्रि को समाप्त हो रही है। एक अधिकारी ने कहा, आज दिन की शुरुआत के समय 29.64 लाख से अधिक रिटर्न दाखिल किए गए हैं। उन्होंने कहा कि अनुमानत: समय सीमा समाप्त होने तक 15-20 लाख रिटर्न और दाखिल कर दिए जाएंगे।

जीएसटी के तहत फर्मों व इकाइयों को मासिक बिक्री का रिटर्न दाखिल करना होगा और करों का आनलाइन भुगतान करना होगा। जीएसटी का कार्यान्वयन एक जुलाई से किया गया और यह पहली रिटर्न थी इसलिए सरकार ने कंपनियों को अतिरिक्त समय प्रदान किया गया।

जीएसटी नेटवर्क ने अंतिम समय में जीएसटीएन पोर्टल में किसी तरह व्यवधान को टालने के लिए तैयारियां की हैं। पिछले शनिवार को पोर्टल ठप हो गया था जिसको देखते हुए सरकार ने कर रिटर्न दाखिल करने की समय सीमा पांच दिन, 25 अगस्त तक बढ़ा दी।

गत 23 अगस्त तक 48 लाख करदाताओं ने अपने बिक्री आंकड़ों को पोर्टल पर डाल दिया था। अब वह रिटर्न दाखिल करने और कर का भुगतान करने से कुछ ही कदम की दूरी पर हैं। इन रिटर्नसे अनुमानत: 50,000 करोड़ रुपये का कर मिलने का अनुमान है।

पुरानी अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था से 72 लाख करदाताओं ने जीएसटी नेटवर्क पोर्टल में स्थानांतरण कर लिया है इनमें से 50 लाख ने यह प्रक्रिया पूरी कर ली है। इसके अलावा 15 लाख नये पंजीकरण हुये हैं जिनमें से 10 लाख के रिटर्न दाखिल करने की उम्मीद है।

बिल्डिंग मिली तो 6 साल बाद घर लौटेगी कोटा ट्रिपल आईटी

सरकार नए शैक्षणिक सत्र से ट्रिपल आईटी की क्लासेज कोटा में ही संचालित करने की कोशिशों में जुटी है।

कोटा में क्लास के लिए आईएल कैंपस समेत कुछ जगह चिन्हित की गई हैं।

 

कोटा। कोटा ट्रिपल आईटी 6 साल बाद जयपुर से अपने घर वापस लौटेगी। आईएल की खाली पड़ी बिल्डिंग में क्लास शुरू करने की तैयारी हो गई है। वर्ष 2011 में स्थापित हुई कोटा ट्रिपल आईटी की कक्षाएं अभी तक राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईटी) जयपुर में संचालित हो रही थी।

ट्रिपल आईटी की इमारत के निर्माण के लिए राजस्थान सरकार ने कोटा में 100 एकड़ जमीन आवंटित की थी, लेकिन इस पर अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका है।

इस स्थिति में राज्य सरकार ने फैसला किया है कि जब तक आवंटित जमीन पर नई बिल्डिंग तैयार नहीं हो जाती, तब तक आईएल की खाली पड़ी इमारत में ट्रिपल आईटी का संचालन शुरू कर दिया जाए।

ट्रिपल आईटी को जयपुर से कोटा वापस लाने की उच्च स्तरीय कवायद शुरू हो गई है। इसके लिए गुरुवार को जयपुर में मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। जिसमें कोटा जिला कलक्टर रोहित गुप्ता भी शामिल हुए।

जिला कलक्टर ने बताया कि सरकार नए शैक्षणिक सत्र से ट्रिपल आईटी की क्लासेज कोटा में ही संचालित करने की कोशिशों में जुटी है। कोटा में क्लास कहां लगेंगी इसके लिए आईएल कैंपस समेत कुछ जगह चिन्हित की गई हैं।

जिसे अंतिम रूप देने के लिए राज्य सरकार केन्द्र सरकार को पत्र लिखेगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय से इसकी सहमति मिलने के बाद चयनित स्थान पर क्लासेज शुरू कर दी जाएगी।

अगले शैक्षणिक सत्र में शुरू होंगी क्लास
बैठक में हुए निर्णय के अनुसार राज्य सरकार की ओर से केन्द्र सरकार को इस आशय का पत्र लिखा जाएगा। इसके बाद मानव संसाधन मंत्रालय की टीम कोटा आईएल परिसर और अन्य प्रस्तावित स्थलों का मौका निरीक्षण करने आएगी।

वहां से सहमति मिलने के बाद कोटा में कक्षाएं शुरू की जाएंगी। अभी जगह फाइनल नहीं हुई है, लेकिन आईएल परिसर में कक्षाएं शुरू करने की संभावना तालशी जा रही है। हालांकि इतना तय है कि नए शैक्षणिक सत्र में ट्रिपल आईटी की कक्षाएं कोटा में ही लगेंगी।

पीपीपी मोड़ में स्थापित देश की पहली ट्रिपल आईटी
वर्ष 2011 में कोटा में ट्रिपल आईटी स्थापित करने की घोषणा की गई थी। कोटा ट्रिपल आईटी देश का पहला प्रोद्योगिकी संस्थान है जिसे सरकार ने निजी जन सहभागिता (पीपीपी मोड) पर शुरू किया था।

128 करोड़ रुपए की लागत से तैयार होने वाली कोटा ट्रिपल आईटी के निर्माण पर 50 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार कर रही। जबकि 35 प्रतिशत राज्य सरकार और 15 प्रतिशत खर्च चार औद्योगिक घराने निवेश के जरिए कर रहे हैं।

घोषणा के बाद केंद्र और राज्य के बीच धन आवंटन को लेकर ऐसे पेंच फंसा कि अभी तक सिर्फ राज्य सरकार संस्थान के लिए 100 एक़ड़ जमीन ही आवंटित कर पाई है।

जयपुर एनआईटी में हो रहे हैं दाखिले
स्थापना के दो साल बाद कोटा ट्रिपल आईटी में 30 सीटों पर दाखिले लिए गए, लेकिन क्लास शुरू करने के लिए सरकार ने राजस्थान तकनीकि विश्वविद्यालय (RTU) परिसर के बजाय जयपुर एनआईटी को प्राथमिकता दी।

इस दौरान कोटा ट्रिपल आईटी को भवन भले ही ना मिला हो, लेकिन पीपीपी मोड पर ही राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा जरूर मिल चुका है। कोटा ट्रिपल आईटी में फिलहाल दो ब्रांच में सीटों की संख्या बढ़ाकर 60 कर दी गई है।

कोटा से जबलपुर के लिए नई ट्रेन शुरू

0

पहले यह ट्रेन कोटा से कटनी के बीच पैसेंजर ट्रेन के रूप में ही चलती थी, लेकिन अब इस ट्रेन को जबलपुर तक बढ़ाते हुए एक्सप्रेस के रूप में अपग्रेड किया है।

कोटा। पश्चिम मध्य रेलवे की ओर से कोटा से जबलपुर के लिए नई ट्रेन का संचालन शुरू किया गया है। यह सेवा शुक्रवार से शुरू हो गई। पहले यह ट्रेन कोटा से कटनी के बीच पैसेंजर ट्रेन के रूप में ही चलती थी। लेकिन अब इस ट्रेन को जबलपुर तक बढ़ाते हुए एक्सप्रेस के रूप में अपग्रेड किया है। इसमें तृतीय श्रेणी वातानुकुलित और शयनयान श्रेणी के कोच लगाए गए हैं।

गाड़ी संख्या 19809 कोटा से शाम 7 बजे रवाना होकर अगले दिन सुबह 10.45 बजे जबलपुर पहुंचेगी। इस तरह गाड़ी संख्या 19810 जबलपुर-कोटा एक्सप्रेस जबलपुर से अपराह्न 3.15 बजे रवाना होकर दूसरे दिन सुबह 6.25 बजे कोटा जंक्शन पर पहुंचेगी। कोटा-जबलपुर-कोटा एक्सप्रेस प्रतिदिन चलेगी। इससे जबलपुर रूट पर यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधा हो जाएगी। 

यह ट्रेन कोटा मंडल के चंद्रेसल, दीगोद, श्रीकल्याणपुरा, भौंरा, अंता, बिजोरा, सुंदलक, बारां, छजावा, पीपलोद रोड, अटरू, सालपुरा, कैसोली, छबड़ा गुगोर, भूलोन, मोतीपुरा चौकी और धरनावाद स्टेशन पर ठहरेगी। शुक्रवार को 30 अगस्त तक शयनयान और वातानुकूलित श्रेणी में आरक्षण उपलब्ध था।

दयोदय से धीमी रफ्तार
दयोदय एक्सप्रेस अजमेर से जबलपुर तक 1028 किलोमीटर के सफर में अजमेर से जबलपुर तक 20 स्टेशनों पर ठहरती है। कोटा-जबलपुर एक्सप्रेस कोटा से जबलपुर के बीच 655 किमी के सफर में कुल 54 स्टेशनों पर ठहरेगी। यह ट्रेन कोटा से जबलपुर तक की यात्रा में 15 घंटे 45 मिनट का समय लेगी।

इसकी औसर रफ्तार 45 किमी प्रति घंटे रहने की संभावना है।वहीं अजमेर-जबलपुर दयोदय एक्सप्रेस की औसत रफ्तार 60 किमी प्रति घंटे है। कोटा से जबलपुर तक के इस सफर में यह ट्रेन 11 घंटे 10 मिनट का समय लेती है।

विशाल सिक्का बन सकते हैं एचपी के सीटीओ

0

विशाल सिक्का एचपी के डाटा सेंटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सेक्टर में कार्यरत हो सकते हैं

मुंबई। देश की बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस से अलग हो चुके विशाल सिक्का अमेरिकन कंपनी हैवल्ट पैकर्ड एंटरप्राइसिस के सीनियर टेक्नोलॉजी ऑफिसर बन सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक वे जल्द ही 50 बिलियन डॉलर की आईटी कंपनी का हिस्सा बन सकते हैं।

उन्होंने इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि वे एचपी के डाटा सेंटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर सेक्टर में कार्यरत हो सकते हैं। बता दें कि एचपी दुनिया में अपने कंप्यूटर और लैप्टॉप की सेलिंग के लिए जानी जाती है।

सिक्का ने इस्तीफे के बाद दिए बयान में इसके लिए देश की इस दिग्‍गज आईटी कंपनी के पूर्व चेयरमैन और फांउडर रहे एनआर नारायणमूर्ति के अनावश्यक हस्तक्षेप को जिम्मेदार ठहराया।

हालांकि, कंपनी ने सिक्का के पद का ख्याल रखते हुए उन्हें एक्यजीक्यूटिव वाइस चेयरमैन बनाया था। जबकि उनकी जगह कंपनी के सीओओ यूबी प्रवीण राव को सीईओ की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।

इस्तीफे के बाद सिक्का ने तीन पेज का खत लिखते हुए कंपनी के कर्मचारियों और अधिकारियों को संबोधित किया था। जिसमें उन्होंने अपने काम में नारायणमूर्ति के बढ़ते हस्तक्षेप को लेकर आरोप लगाया था कि इसके कारण काम करना अब मुश्किल होता जा रहा है।

वहीं सिक्का के यह आरोप सामने आने के बाद कंपनी ने भी इस संबंध में अपना बयान जारी कर दिया। कंपनी के को चेयरमैन आर वेंकटेशन ने कहा हमें काफी दुख के साथ उनका इस्तीफा स्वीकार करना पड़ रहा है।