टेस्टिंग एजेंसी का मकसद उन संस्थाओं को प्रवेश परीक्षा कराने के काम से मुक्त करना है, जो इसे कराने में खुद को असमर्थ पाते हैं।
नई दिल्ली। हायर एजुकेशन के लिए प्रवेश परीक्षा कराने वाली स्वायत्त संस्था ‘नैशनल टेस्टिंग एजेंसी’ अगले साल हकीकत में तब्दील हो सकती है। एचआरडी मिनिस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक अभी नैशनल टेस्टिंग एजेंसी का ड्राफ्ट मंत्रालयों में सर्कुलेशन में है। उम्मीद है कि अगले साल संसद के विंटर सेशन से पहले इसे कैबिनेट पास कर देगी।
ऐकडेमिक्स पर फोकस करेगी सीबीएसई
नैशनल टेस्टिंग एजेंसी बनने के बाद सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) और ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) टेस्ट कराने की जिम्मेदारी से मुक्त हो जाएंगे और ऐकडेमिक्स पर फोकस कर सकेंगे। टेस्टिंग एजेंसी का ऐलान सरकार ने बजट में किया था।
मिनिस्ट्री सूत्रों के मुताबिक एजेंसी बनने के बाद नैशनल इलेजिबिलिटी टेस्ट (NET), सेंट्रल टीचर इलेजिबिलिटी टेस्ट (CTET) एजेंसी ही कराएगी। जेईई मेंस भी एजेंसी के ही जिम्मे होगा। हालांकि जेईई अडवांस आईआईटी खुद करवाना चाहेंगे तो वह इसे खुद करवा सकते हैं।
मिनिस्ट्री के एक अधिकारी के मुताबिक टेस्टिंग एजेंसी का मकसद उन संस्थाओं को प्रवेश परीक्षा कराने के काम से मुक्त करना है, जो इसे कराने में खुद को असमर्थ पाते हैं। इससे उनके असली काम पर असर पड़ता है। जेईई अडवांस अभी आईआईटी ही करवाता है। हो सकता है कि एजेंसी बनने के बाद भी वही इसे कराए।
सीबीएसई ने खड़े किए थे हाथ
करीब 4 महीने पहले सीबीएसई ने अचानक नैशनल इलेजिबिलिटी टेस्ट (NET) कराने को लेकर हाथ खड़े कर दिए थे। तब सीबीएसई और यूजीसी के बीच इस बात को लेकर विवाद हुआ कि यह टेस्ट कौन कराएगा? यह टेस्ट 2014 तक यूजीसी कराती थी, जिसके बाद यह टेस्ट कराने का जिम्मा सीबीएसई को सौंप दिया गया।
सीबीएसई ही जेईई मेंस और नीट भी कराती है। सीबीएसई के मुताबिक उन्हें ये टेस्ट करवाने के लिए बहुत रिसोर्स इस्तेमाल करने पड़ते हैं। इससे उनका अपना काम प्रभावित होता है। हालांकि उस वक्त मिनिस्ट्री ने हस्तक्षेप कर यह तय किया कि फिलहाल NET सीबीएसई ही कराएगी। टेस्टिंग एजेंसी बनने के बाद यह सारे टेस्ट कराने की जिम्मेदारी एजेंसी की होगी।