Tuesday, November 5, 2024
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जेईई मेन्स : डायबिटिक स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर में ले जा सकेंगे दवाएं, फल

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कोटा। सीबीएसई ने जेईई मेन्स में बैठने वाले डायबिटिक स्टूडेंट्स को राहत प्रदान की है। अब यह स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर में खाने की सामग्री शुगर की टैबलेट ले जा सकेंगे। अब तक इन सामग्रियों के सेंटर पर ले जाने पर रोक लगी हुई थी।

सीबीएसई इससे पहले अपने बोर्ड एग्जाम में भी डायबिटिक बच्चों के लिए यह सुविधा शुरू कर चुका है। सीबीएसई की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि छात्र अपने साथ केला, सेब संतरा ले जा सकते हैं। इसके साथ ही शुगर टैबलेट लेकर जाने पर भी कोई पाबंदी नहीं रहेगी।

इस नए आदेश से उन बच्चों को काफी राहत मिलेगी, जो बीमारी के कारण पूरी एकाग्रता से एग्जाम नहीं दे पाते थे। जेईई मेन्स का ऑनलाइन एग्जाम 15 16 अप्रैल को होगा। ऑफलाइन एग्जाम 8 अप्रैल को होना है।

1 दिसंबर से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन : जेईईमेन्स का रजिस्ट्रेशन 1 दिसंबर से होगा। जो करीब 1 माह तक चलेगा। जेईई मेन्स यूनिट में छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए वेबसाइट पर एफएक्यू जारी कर दिए हैं।

पानी की बोतल भी ले जा सकेंगे छात्र
डायबिटिक स्टूडेंट पानी की बोतल को भी ले जा सकते हैं। यह बोतल ट्रांसपेरेंट होनी चाहिए। चॉकलेट कैंडी, सैंडविच जैसे पैक्ड फूड पर रोक रहेगी। दरअसल डायबिटिक स्टूडेंट्स को निश्चित समय में कुछ खाना होता है, लेकिन एग्जाम की अवधि लंबी होने के कारण वह कुछ खा नहीं पाते। इससे पहले सेंटर में किसी भी तरह की सामग्री ले जाने पर पाबंदी थी।

6 विदेशी सेंटर्स पर भी होगा जेईई एडवांस
इस साल भी विदेशी छात्रों को मेन्स एग्जाम नहीं देना पड़ेगा। आईआईटी ने विदेशी छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत भारत के अलावा अन्य देशों के 6 सेंटर्स पर भी एग्जाम होगा।

इसमें आदिस आबादा, कोलंबो, ढाका, दुबई, काठमांडू और सिंगापुर को शामिल किया गया है। सार्क देशों के स्टूडेंट्स को देश या विदेश में सेंटर लेने के लिए शुल्क 160 यूएस डाॅलर जीएसटी चुकाना होगा। नॉन सार्क देशों के लिए 300 यूएस डाॅलर जीएसटी चुकाना होगा। 

रुला रही हैं प्याज की कीमतें, दिल्ली में 80 रुपए किलो तक पहुंचे दाम

नई दिल्ली । कमजोर आपूर्ति के चलते राजधानी दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 80 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई हैं। ट्रेड डेटा के मुताबिक सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि अन्य शहरों में भी प्याज की कीमतों में उछाल देखने को मिला है।

ट्रेड डेटा के मुताबिक अन्य मेट्रो शहरों में प्याज 50 से 70 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। गुणवत्ता (क्वालिटी) और स्थानीयता के आधार पर इनमें अंतर देखा जा रहा है। आजाद पुर मंडी जिसे एशिया के बड़े सब्जी बाजारों में से एक माना जाता है, वहां पर प्याज की कीमतें 50 से 60 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच चुकी हैं।

ट्रेडर्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कुछ जगहों पर प्याज 80 रुपए प्रतिकिलो के भाव पर बिक रहा है।
क्यों महंगा हो रहा है थोक और खुदरा कीमतों में इस तेजी का कारण प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों की ओर से कमजोर आवक है।

इन प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटका और मध्य प्रदेश शामिल हैं। महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी जिसे प्याज के पैमाने पर एशिया का सबसे बड़ा बाजार कहा जाता है में आवक में 47 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के साथ यह 12,000 क्विंटल प्रतिदिन पर आ गई है जो कि पहले 22,933 क्विंटल प्रतिदिन हुआ करती थी।

अगर लासलगांव में प्याज की बात करें तो यहां पर प्याज 33 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है, जबकि एक साल पहले यहां भाव 7 रुपए 50 पैसे प्रतिकिलो हुआ करता था।

विश्व का सबसे बड़ा डेटाबेस है आधार-पीएम मोदी

हैदराबाद। आंट्रप्रन्योरशिप समिट (जीईएस) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ग्लोबल आंट्रप्रन्योरशिप समिट से भारत और अमेरिका के करीबी संबंधों का पता चलता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप भारत दौरे पर हैं। इवांका ग्लोबल आंट्रप्रन्योरशिप समिट (GES) में भाग लेने के लिए हैदराबाद पहुंची हैं।

आधार का जिक्र करते हुए समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमने आधार  के रूप में विश्व का सबसे बड़ा डेटाबेस बनाया है। इसके साथ ही समिट में पीएम मोदी ने यह भी कहा कि मुझे यह देखकर गर्व हो रहा है कि पहली बार ऐसे किसी कार्यक्रम में 1500 महिला आंट्रप्रन्योर हिस्सा ले रही हैं।

‘हैदराबाद पर हैं दुनियाभर की नजरें’
कार्यक्रम में पीएम ने कहा कि आज पूरी दुनिया की नजरें हैदराबाद पर हैं। दुनियाभर से लोग इस समिट में हिस्सा लेने आए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम 900 से ज्यादा स्कूलों में नवीनता और उद्यमता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए टिंकरिंग लैब खोल रहे हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि हमारी सरकार ने कारोबारी माहौल को सुधारने के लिए कई कदम उठाए हैं।

सभी देशों से की अपील
आंट्रप्रन्योरशिप समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनियाभर से आए हुए दोस्तों आइए आगे बढ़कर मेक इन इंडिया, इन्वेस्ट इन इंडिया और भारत समेत दुनिया भर के लिए कदम बढ़ाएं।

‘वैश्विक शांति के लिए देंगे सहयोग’
कार्यक्रम में शामिल केंद्रीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि मुझे कोई संशय नहीं है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और
राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के नेतृत्व में भारत और यूएस नई बुलंदियों को छुएंगे। साथ ही वैश्विक शांति और समन्वयता के लिए योगदान देंगे। बता दें की जीईएस-2017 में 127 देशों के आंट्रप्रन्योर भाग ले रहे हैं। यह समिट 30 नवंबर तक चलेगी।

आवक घटने से धान, उड़द और लहसुन में उछाल

कोटा। भामाशाह अनाज मंडी में मंगलवार को माल की कुल आवक 70 हजार बोरी की रहीं । धान की आवक 40 हजार बोरी लहसुन की आवक 5000 हजार कट्टे की रही ।

आवक घटने से धान 100 रुपये, उड़द 150 रुपये और लहसुन 300 रुपये प्रति क्विंटल तेज रहे। गेहूं मिल 1550 से 1560 लोकवान 1600 से 1700 पीडी 1650 से 1700 टुकडी 1600 से 1750 रुपये प्रति क्विंटल रहे।।

धान सुगंधा 2000 से 2401 पूसा 1 2200 से 2800 पूसा-4 (1121) 2500 से 3125 धान (1509) 2000 से 2650 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

सोयाबीन 2200 से 2881 सरसो 3200 से 3650 तिल्ली 7400 से 8200 रुपये प्रति क्विंटल रहे। मैथी 2000 से 2900 धनिया बादामी 3400 से 4350 ईगल 3600 से 4500 रंगदार 4000 से 5000 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

मूंग 3300 से 3600 उडद 2400 से 4000 चना 4000 से 4600 चना काबुली 7000 से 10500 चना पेपसी 4500 से 4800 रुपये प्रति क्विंटल रहे। चना मौसमी 4500 से 5000 मसूर 3000 से 3400 रुपये प्रति क्विंटल रहे।

ग्वार 2500 से 3350 मक्का नई 1000 से 1200 जौ 1100 से 1200 ज्वार 1300 से 2400 रुपये प्रति क्विंटल रहे।  लहसुन 800 से 3900 रुपये प्रति क्विंटल । 

महिलाओें व युवाओं के लिए खास होगा इण्डिया इंडस्ट्रियल फेयर

जयपुर । उद्योग आयुक्त कुंजी लाल मीणा ने बताया कि जनवरी में जयपुर में आयोजित इण्डिया इंडस्ट्रियल फेयर राजस्थानी हस्तशिल्पियों, महिलाओं और युवा उद्यमियों को अपने उत्पाद प्रदर्शन करने, देश-दुनिया के औद्योगिक विकास से रुबरु होने और बाजार की मांग को समझने का अवसर प्रदान करने में सहायक सिद्ध होगा।

मीणा आज जयपुर मंगलवार को उद्योग केन्द्र और लघु उद्योग भारती द्वारा आयोजित संवाद एवं परिचर्चा कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में बेहतर औद्योगिक माहौल बनाने और लघु, सूक्ष्म एवं मध्य उद्यमियों को अपने उत्पादों को प्रदर्शित करने के साथ ही बाजार उपलब्ध कराने में प्रमुख भूमिका तय होगी।

उन्होंने बताया कि राजस्थान में एमएसएमई सेक्टर से विस्तारित और सशक्त हो रहा है। सरकार का भी प्रयास है कि उत्पादक और उपभोक्ताआें के बीच सीधा संवाद कायम किया जाए ताकि इस सेक्टर की उत्तरोत्तर प्रगति हो सके।

आयुक्त ने कहा कि इण्डिया इन्डस्टि्रयल फेयर में राजस्थानी हस्तशिल्प के लिए अलग से पेवेलियन बनाया जाएगा। इसके साथ ही युवा एन्टरप्रोन्योर्स की व्यावहारिक समस्याओें के समाधान के लिए इन्ट्रक्शन सत्रों का आयोजन होगा। उन्होंने बताया कि यह फेयर परस्पर सहयोग व संवाद का फेयर होगा।

लघु उद्योग भारती के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष योगेश गौतम ने बताया कि 5 से 8 जनवरी तक जयपुर के जेइसीसी में आयोजित इण्डिया इंडस्ट्रियल फेयर में देश के अधिकांश प्रदेशों के एमएसएमई उद्योग हिस्सा ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि करीब 800 स्टॉलों में देश का एमएसएमई उद्योग इस मेले में उद्योग दर्शन के रुप में साकार होगा।

गौतम ने कहा कि इण्डिया इन्डस्टि्रयल फेयर को बहुआयामी व बहउपयोगी बनाया जाएगा। लघु उद्योग भारती के उपाध्यक्ष श्री नटवर लाल अजमेरा ने इण्डिया इन्डस्टि्रयल फेयर से अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाएगा।

जीएसटी की खामियां आने वाले दिनों में दूर होंगी : रिपोर्ट

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नई दिल्ली । वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी-कलेक्शन) संग्रह और इसका अनुपालन नई कर व्यवस्था लागू किए जाने के बाद के अगले चार महीनों तक लक्ष्य से नीचे रहेगा। हालांकि निकट अवधि में इस स्थिति में सुधार देखने को मिलेगा। यह दावा एक रिपोर्ट में किया गया है।

ब्रोकरेज कोटक सिक्योरिटी की ओर से जारी की गई रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इन आंकड़ों में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स पर लगने वाली एक्साइज ड्यूटी के कलेक्शन और बेसिक कस्टम ड्यूटी को बाहर रखा गया है, इन दोनों में ही कच्चे तेल की कीमतों में इजाफे के कारण बढ़ोतरी हुई है।

इसमें कहा गया, “दोनों संग्रह आंकड़े और साथ ही जीएसटी का अनुपालन कम रहा है। कर अनुपालन करीब 50 फीसद के आस पास रहा है और इसमें वृद्धि की तब तक संभावना नहीं है जब तक कि रिटर्न मैचिंग, ई-वे बिल और रिवर्स शुल्क सहित जीएसटी के पूरे ढांचे को सही तरह से कार्यान्वित नहीं कर लिया जाता है।”

इसमें आगे कहा गया कि संग्रह के आंकड़ों में आगे और भी गिरावट देखी जा सकती है क्योंकि सरकार ने हाल ही में ज्यादातर मदों पर कर की दरें कम कर दी हैं और अनुपालन में बड़े पैमाने पर सुधार किया जाना बाकी है।

गौरतलब है कि जीएसटी काउंसिल की 23वीं बैठक में 28 फीसद की टैक्स स्लैब में सिर्फ 50 वस्तुओं को ही सीमित कर दिया गया था। 200 से अधिक सामानों को 28 फीसद की टैक्स स्लैब से घटाकर 18 फीसद पर ला दिया गया था।

सेंसेक्स 121 अंक गिरकर 33,576 पर बंद

नई दिल्ली। बाजार में मंगलवार को सुस्ती देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी की 8 दिनों की तेजी पर भी ब्रेक लग गया। निफ्टी 10,370 के करीब बंद हुआ है, जबकि सेंसेक्स में 121 अंकों की गिरावट देखने को मिली है।

मंगलवार के कारोबार में निफ्टी ने 10,355 तक गोता लगाया, जबकि सेंसेक्स 33,576 तक गिरा था। मिडकैप इंडेक्स की बात करें तो ये भी अपने रेकॉर्ड स्तर से नीचे फिसलकर बंद हुआ।

बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 0.1 प्रतिशत की बढ़त के साथ 17,039 के स्तर पर बंद हुआ है। बीएसई का मिडकैप इंडेक्स 17,093 के रेकॉर्ड उच्चतम स्तर तक पहुंचा था। निफ्टी का मिडकैप 100 इंडेक्स सपाट होकर 20,098 के स्तर पर बंद हुआ।

सुस्त मांग से सोना 50 रुपए लुढ़ककर 30,500 प्रति 10 ग्राम रहा

नई दिल्ली,कोटा । मंगलवार के कारोबार में सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। दिल्ली सर्राफा बाजार में आज सोना 50 रुपए लुढ़ककर 30,500 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया।

कमजोर वैश्विक रुख और स्थानीय आभूषण निर्माताओं की ओर से कमजोर मांग के चलते सोने की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है। वहीं चांदी में भी सोने की ही तरह गिरावट देखने को मिली।

चांदी आज 200 रुपए टूटकर 40,200 रुपए प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गई। इसकी प्रमुख वजह औद्योगिक इकाइयों और सिक्का निर्माताओं की ओर से कमजोर उठान रही है।

व्यापारियों का मानना है कि विदेशों में कमजोर रुख के अलावा घरेलू बाजार में स्थानीय जौहरी और खुदरा विक्रेताओं की ओर से सुस्त मांग ने सोने की कीमतों पर असर डाला है।

वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में सोना 0.16 फीसद की गिरावट के साथ 1,291.90 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर और चांदी 0.38 फीसद की गिरावट के साथ 16.95 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर बंद हुई है।

वहीं राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में 99.9 और 99.5 फीसद शुद्धता वाला सोना 50 रुपए गिरकर 30,500 और 30,350 प्रति 10 ग्राम के स्तर पर आ गया है।

सोमवार के कारोबार में सोने में 100 रुपये की तेजी देखने को मिली थी। गिन्नी के भाव हालांकि, 24700 रुपये प्रति आठ ग्राम के स्तर पर स्थिर रहे हैं।

चांदी तैयार 200 रुपये की गिरावट के साथ 40200 रुपये प्रति किलोग्राम और साप्ताहिक आधारित डिलिवरी 190 रुपये घटकर 39,140 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। 

कोटा सर्राफा
चांदी 40000 रुपये प्रति किलोग्राम।
सोना केटबरी 30400 रुपये प्रति ग्राम, सोना 35460 रुपये प्रति तोला।
सोना शुद्ध 30550 रुपये प्रति ग्राम, सोना 35630 रुपये प्रति तोला।

नोटबंदी में जमा राशि छुपाने वालों को आयकर विभाग का नोटिस

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आयकर विभाग ने 18 लाख ऐसे लोगों का पता लगाया है जिन्होंने देश में नोटबंदी के बाद खाते में 2.5 लाख रुपये पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट के रूप में जमा किये थे

नई दिल्ली । आयकर विभाग ने 1.16 लाख लोगों और कंपनियों को नोटिस भेजा है। ये वे कंपनियां और इंडिविजुअल्स हैं जिन्होंने देश में नोटबंदी के दौरान 25 लाख रुपये से ऊपर की नकद राशि बैंक खातों में जमा कराई थी। लेकिन आयकर रिटर्न फाइल करने से चूक गए।

यह जानकारी सीबीडीटी के चेयरमैन सुशील चंद्रा ने दी है। उन्होंने यह भी बताया कि जिन लोगों ने भारी मात्रा में नकदी जमा की है और आईटी रिटर्न भी फाइल की है वे भी जांच दायरे में है।

आयकर विभाग ने 18 लाख ऐसे लोगों का पता लगाया है जिन्होंने देश में नोटबंदी के बाद खाते में 2.5 लाख रुपये पुराने 500 और 1000 रुपये के नोट के रूप में जमा किये थे।

इनमें से जिन इंडिविजुअल्स और कंपनियों ने अपने आयकर रिटर्न फाइल नहीं किये हैं उन्हें दो श्रेणियों में बांट दिया गया है। एक जिन्होंने बैंक खाते में 25 लाख रुपये से ऊपर जमा किये है और दूसरे वो जिन्होंने खाते में 10 से 25 लाख रुपये जमा किये हैं।

चंद्रा ने यह भी बताया, “1.6 लाख लोगों ने 25 लाख रुपये से ऊपर की नकद राशि नोटबंदी के बाद बैंक खाते में जमा की है, लेकिन आयकर रिटर्न फाइल नहीं की है।

इसलिए हमने उनसे 30 दिनों के भीतर अपना आयकर रिटर्न फाइल करने को कहा है। करीब 2.4 लाख लोगों ने 10 से 25 लाख रुपये कैश में जमा किये हैं और रिटर्न फाइल नहीं की है। इन लोगों को दूसरे चरण में नोटिस भेजा जाएगा।”

चाइना डिवेलपमेंट बैंक ने आरकॉम के खिलाफ किया बैंकरप्सी का आवेदन

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मुंबई। घाटे में चल रहे अनिल अंबानी के रिलायंस कम्यूनिकेशंस (आरकॉम) के खिलाफ चाइना डिवेलपमेंट बैंक (सीडीबी) ने नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (एनसीएलटी) में बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। सीडीबी ने आरकॉम को करीब 125 अरब रुपये का कर्ज दिया था। सीडीबी ने यह आवेदन 24 नवंबर को दाखिल किया था।

सीडीबी की याचिका में आरकॉम के साथ कोर्ट के बाहर समझौते की किसी भी संभावना से इनकार किया गया है। इससे आरकॉम की स्ट्रैटिजिक डेट रिस्ट्रक्चरिंग पर भी असर पड़ने की आशंका है जो भारतीय बैंकों ने दिसंबर में शुरू की थी।

सीडीबी की ओर से इस मामले की पैरवी मुंबई हाई कोर्ट के सीनियर ऐडवोकेट दारिस खंबाटा कर रहे हैं। सीडीबी ने अपने आवेदन में अभिलाष लाल को एक इंडिपेंडेंट रेजॉलूशन प्रफेशनल नामांकित किया है और यह हलफनामा दिया है कि कंपनी को टेक ओवर करने के लिए अल्वारेज ऐंड मार्शल उसका अडवाइजर होगा।

इस मामले की जानकारी रखने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि अल्वारेज ऐंड मार्शल एक महीने के अंदर कमान संभालने के बाद रेजॉलूशन प्लान पेश कर सकता है। इस बारे में ईटी की ओर से भेजे गए प्रश्नों का सीडीबी, लाल, खंबाटा और अल्वारेज ऐंड मार्शल ने उत्तर नहीं दिया।

सूत्रों ने बताया कि आरकॉम ने सीडीबी के साथ मामले के निपटारे के लिए नवी मुंबई में धीरूभाई अंबानी नॉलेज सिटी में अपनी जमीन के डिवेलपमेंट में इक्विटी का प्रपोजल दिया था। हालांकि, आरकॉम का कहना है कि उसे एनसीएलटी में सीडीबी की ओर से दायर आवेदन को लेकर कोई नोटिस नहीं मिला है।

आरकॉम ने कहा कि वह स्ट्रैटिजिक डेट रिस्ट्रक्चरिंग (एसडीआर) प्रोसेस के सफल समाधान के लिए जॉइंट लेंडर्स फोरम (जेएलएफ) के साथ काम कर रही है।

उसका कहना था कि सीडीबी भी जेएलएफ में सक्रियता से हिस्सा ले रहा है। आरकॉम का कहना है कि वह सीडीबी की ओर से उठाए गए इस तरह के कदम से हैरान है। आरकॉम ने कहा कि उसे उम्मीद है कि वह सीडीबी सहित सभी लेंडर्स के साथ मिलकर इस संकट का समाधान निकाल लेगा।

एयरटेल के साथ आरकॉम की मर्जर की योजना रद्द होने के बाद यह कंपनी के खिलाफ दायर चौथा मामला है। स्वीडन की टेलीकॉम इक्विपमेंट मेकर एरिक्सन आरकॉम से 1,150 करोड़ रुपये की अपनी बकाया रकम वसूलने क लिए संघर्ष कर रही है।

मणिपाल टेक्नॉलजीज ने भी अपनी 2.74 करोड़ रुपये की रकम वसूलने के लिए एनसीएलटी के पास गुहार लगाई है। बीएसई पर सोमवार को आरकॉम का शेयर 1.1 पर्सेंट गिरकर 13.35 रुपये पर बंद हुआ।