Tuesday, November 5, 2024
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विदेशों के सकारात्मक संकेतों से सोना 0.31 प्रतिशत तेज

नई दिल्‍ली/कोटा। वैश्विक बाजार से सकरात्मक संकेतों और सटोरियों की ओर से स्थिति मजबूत करने से सोने का वायदा भाव आज 0.31 प्रतिशत बढ़कर 29,471 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर दिसंबर में आपूर्ति के लिए अनुबंध में 317 लॉट के कारोबार में सोने का वायदा भाव 91 रुपये यानी 0.31 प्रतिशत चढ़कर 29,471 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया।

इसी प्रकार, फरवरी में आपूर्ति वाले अनुबंध 45 लॉट के कारोबार में 69 रुपये यानी 0.23 प्रतिशत बढ़कर 29,586 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गया।

बाजार विश्लेषकों ने कहा कि सटोरियों द्वारा सौदों का दायरा बढ़ाने के साथ वैश्विक बाजार में सोने की कीमतों में तेजी के कारण वायदा कारोबार में कीमती धातु में तेजी देखने को मिली। इस दौरान, वैश्विक स्तर पर सिंगापुर में आज सोना 0.14 प्रतिशत बढ़कर 1,289.70 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया।

कोटा सर्राफा
चांदी 39700 रुपये प्रति किलोग्राम।
सोना केटबरी 30400 रुपये प्रति दस ग्राम, सोना 35460 रुपये प्रति तोला।
सोना शुद्ध 30550 रुपये प्रति दस ग्राम, सोना 35630 रुपये प्रति तोला।

YouTube Go से स्लो इंटरनेट पर भी देख पाएंगे वीडियो

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नई दिल्ली। विडियो प्लैटफॉर्म यूट्यूब ने कुछ महीने पहले ही अपने सुपरलाइट वर्जन  यूट्यूब गो का बीटा वर्जन जारी किया था। अब यह ऐप बीटा वर्जन से निकलकर गूगल प्ले स्टोर पर आ गया है।

इससे पहले इस ऐप को 2016 में आयोजित ‘मेड फॉर इंडिया’ इवेंट के दौरान लॉन्च किया गया था। इस ऐप की मदद से बिना इंटरनेट या स्लो इंटरनेट पर भी विडियो देखे जा सकते हैं।

यह ऐप यूजर्स को स्टैंडर्ड क्वालिटी में विडियोज को सेव करने की सुविधा देता है। इसमें विडियो देखने और डाउनलोड करने में बेहद कम डेटा खर्च होता है। विडियो को ऑफलाइन देखने से पहले प्रीव्यू भी किया जा सकता है।

डाउनलोड किए हुए विडियोज इंटरनल मेमरी या एसडी कार्ड में सेव हो जाएंगे। यह विडियोज 144p और 360p रेजॉलूशन में उपलब्ध होंगे और इन्हें ब्लूटूथ के जरिए शेयर भी किया जा सकेगा। वाई-फाई टेक्नॉलजी से भी इन्हें शेयर कर सकते हैं।

यह ऐप आपके आसापस ट्रेंडिंग विडियोज को होमपेज पर दिखाता है, इसके लिए आपको अपना लोकेशन ऑन रखना पड़ेगा। यह ऐप ऐंड्रॉयड के 4.2 किटकैट और उससे ऊपर के वर्जन पर रन करता है। ऐप का टोटल साइज भी 10MB से कम है।

26 हजार करोड़ के प्रॉजेक्ट में 5 लाख नौकरियां

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भारत के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर के निर्माण के लिए कतार में वैश्विक कंपनियां

नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े कन्वेंशन सेंटर (सम्मेलन स्थल) के निर्माण का ठेका लेने के लिए देश की बड़ी कंपनियों L&T व रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ सैमसंग कंस्ट्रक्शन और चीन कंस्ट्रक्शन जैसी करीब 15 वैश्विक कंपनियां होड़ में हैं।

26 हजार करोड़ रुपये के इंटरनैशनल कन्वेंशन ऐंड एक्सपो सेंटर (ICC) प्रॉजेक्ट को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद सरकार ने इंजिनियरिंग, प्रॉक्युर्मन्ट, कंस्ट्रक्शन (EPC) मोड में 8 दिसंबर तक प्रस्ताव आमंत्रित किए हैं।

EPC कॉन्ट्रैक्ट इस साल दिसंबर अंत तक फाइनल कर लिया जाएगा। इसमें एक्सिबिशन सह कन्वेंशन सेंटर और इंटरनल रोड नेटवर्क सिस्टम के साथ अंडरग्राउंड कार पार्किंग सुविधा का विकास शामिल है।

पहले फेज की शुरुआत जनवरी 2018 में होगी और इसे दिसंबर 2019 तक पूरा कर लिया जाएगा।  नाम सार्वजनिक ना करने की शर्त पर एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘कन्वेंशन और एक्सिबिशन सुविधा को अनुभवी वैश्विक कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करेंगी।

यह साइज और क्वॉलिटी के मामले में दुनिया के सबसे अच्छे कन्वेंशन सेंटर्स की बराबरी करेगा।’ जर्मनी, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, हॉन्ग-कॉन्ग और दुबई की कई इंटरनैशनल एक्सिबिशन ऑर्गनाइजर्स ने IICC को ऑपरेट करने में दिलचस्पी दिखाई है।

भारत के ट्रेड और कॉमर्स के विकास को दिखाने के लिए IICC को इंटरनैशनल ब्रैंड बनाने का प्लान बनाया है। इसका इस्तेमाल राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम, बहुपक्षीय सम्मेलन, व्यापार मेला, सम्मेलन और सभा के लिए किया जाएगा। यह 89.72 हेक्टेयर जमीन पर दिल्ली के द्वारका में बनाया जाएगा।

होटल्स, रिटेल स्पेस और ऑफिस पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मोड में होंगे। सरकार को उम्मीद है पहले फेज के बाद यहां करीब 1 करोड़ और 2025 में फेज-2 पूरा होने के बाद 2.3 करोड़ लोग पहुंचेंगे। प्रॉजेक्ट से करीब 5 लाख लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष नौकरियां मिलेंगी।

ऐमजॉन को भी देना होगा आधार, बिना इसके खोए पैकेज ढूंढना होगा मुश्किल

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नई दिल्ली। सरकारी तो सरकारी अब प्राइवेट सर्विसेज के लिए भी आधार लिंकिंग की जरूरत पड़ने लगी है। जी हां, देश में ई-कॉमर्स सेक्टर की बड़ी कंपनी ऐमजॉन इंडिया अपने ग्राहकों से उनके ऐमजॉन अकाउंट को आधार से लिंक करने को कह रही है।

ऐमजॉन का कहना है कि उसकी वेबसाइट पर आधार नंबर अपलोड करने से किसी खोए पैकेज को आसानी से ढूंढा जा सकेगा। ऐमजॉन अपने ग्राहकों को बता रहा है कि अगर आधार की कॉपी वेबसाइट पर अपलोड नहीं की गई तो कोई समस्या आने पर इसके समाधान में देरी हो सकती है।

ऐमजॉन का यह कदम तब सामने आया है जब सरकार विभिन्नि योजनाओं के तहत सब्सिडी और सरकारी सेवाएं पाने के लिए 12 अंकों का आधार नंबर अलग-अलग प्लैटफॉर्मों से लिंक करने को कह रही है। सरकार के इस आदेश की व्यापक आलोचना भी हो रही है और मामला सुप्रीम कोर्ट में चला गया है।

ऐमजॉन अकाउंट से आधार लिंक नहीं किया तो?
आधार नंबर नहीं देने पर ऐमजॉन किसी समस्या के समाधान की देने की गारंटी नहीं देगा।  अगर आपने अपना आधार अब तक नहीं बनाया है या आप आधार डीटेल नहीं देना चाहते हैं तो आपका ऑर्डर गुम होने पर ऐमजॉन उसे आपके किसी अन्य सरकारी आईडी प्रूफ के जरिए ढूंढने की कोशिश करेगा।

लेकिन इससे आपको थोड़ी दिक्कत हो सकती है और लंबे समय तक इंतजार करना पड़ सकता है। बजफिड न्यूज के मुताबिक, जिन ग्राहकों ने आधार लिंक नहीं किए, ऐमजॉन उनके कंप्लेंट्स भी नहीं ले रहा है।

दूसरी कंपनियां भी मांगेगी आधार?
कहा जा रहा है कि एयरबीएनबी, ऊबर और ओला जैसी बड़ी कंपनियां भी भारत में उनकी सर्विसेज लेने के लिए आधार को जरूरी बनाने के रास्ते तलाश रही हैं। इससे पहले, माइक्रोसॉफ्ट ने फरवरी महीने से ही भारतीयों को स्काइप लाइट यूज करने के लिए आधार ऑथेंटिकेशन को मैंडटरी बना दिया है।

तेजी के साथ खुले मार्केट, सेंसेक्स 33,679 पर

मुंबई। उत्तर कोरिया द्वारा फिर से शक्तिशाली बलिस्टिक मिसाइल लॉन्च किए जाने के बाद अमेरिका और उत्तर कोरिया के बीच युद्ध की आशंका बढ़ने के बावजूद बंबई शेयर बाजार बुधवार को सकारात्मक रुख के साथ खुला।

सुबह 9:25 पर 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 60 अंक ऊपर चढ़कर 33,679 पर पहुंच गया तो निफ्टी 19 अंक की बढ़त के साथ 10389.65 पर था।

कोल इंडिया, एनटीपीसी, सिपला, इन्फोसिस, टाटा मोटर्स, एसबीआई, और बजाज ऑटो के शेयरों में तेजी दिखी। वहीं एक्सिस बैंक, भारती एयरटेल और एशियन पेंट्स के शेयरों में गिरवाट दर्ज की गई।

इससे पहले मंगलवार को बाजार में सुस्ती देखने को मिली। सेंसेक्स और निफ्टी की 8 दिनों की तेजी पर भी ब्रेक लग गया था। निफ्टी 10,370 के करीब बंद हुआ है, जबकि सेंसेक्स में 121 अंकों की गिरावट देखने को मिली है। मंगलवार के कारोबार में निफ्टी ने 10,355 तक गोता लगाया, जबकि सेंसेक्स 33,576 तक गिरा था।

राजस्थान के आईएएस शर्मा मुनाफाखोरी निरोधी निकाय के प्रमुख नियुक्त

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नई दिल्ली। राजस्थान कैडर के 1985 बैच के आईएएस बद्री नारायण शर्मा को जीएसटी व्यवस्था में राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।

जीएसटी के तहत घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं को न देने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण का गठन किया गया है। 

किसी ग्राहक को लगता है कि उसे घटी कर दर का लाभ नहीं मिल रहा है तो वह प्राधिकरण में इसकी शिकायत कर सकता है।

राजस्थान कैडर के 1985 बैच के आईएएस शर्मा फिलहाल राजस्व विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 नवंबर को पांच सदस्यीय प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी। 

उन्हें पदोन्नत कर सचिव के पद के स्तर पर इस प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है। वह जीएसटी बनाने और इसे लागू करने से जुड़े रहे हैं। राजस्व विभाग में आने से पहले वह ऊर्जा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर भी रह चुके हैं।

शर्मा की संयुक्त सचिव और उससे ऊंचे पद के चार वरिष्ठ अधिकारी सहायता करेगें और उनकी नियुक्ति तकनीकी सदस्य के रूप में की गयी है।

उनमें हिमाचल प्रदेश के कर न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जे सी चौहान, कोलकाता में जीएसटी के प्रमुख आयुक्त बिजय कुमार, मेरठ में पदस्थ जीएसटी के प्रमुख आयुक्त सी एल महार और एडीजी सिस्टम्स चेन्नई में पदस्थ आर भाग्यदेवी शामिल हैं। 

हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी व्यवस्था के तहत राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी। इस प्राधिकरण के गठन के पीछे मकसद नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है।

अब सिर्फ 50 ऐसी वस्तुएं जीएसटी की 28 प्रतिशत के ऊंचे कर स्लैब में रह गई हैं, जबकि कई वस्तुओं पर कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है।

मोदी ने विदेशी उद्यमियों को दिया भारत में निवेश का न्योता

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हैदराबाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया भर के उद्यमियों को भारत में निवेश का न्योता दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार ने कंपनियों के लिए रेग्युलेटरी बोझ घटाया है, प्रतिस्पर्धा का एक समान माहौल तैयार किया है, पारदर्शी नीतियां पेश की हैं।

मोदी ने यह भी कहा कि टैक्स सिस्टम में भी बड़ा बदलाव किया गया है। उनके मुताबिक, सरकार की इन कोशिशों को ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भी हाल के अपग्रेड में अपनी स्वीकृति दी है।

मोदी ने मंगलवार को हैदराबाद में ग्लोबल आंट्रप्रन्योरशिप समिट (GES) में कहा, ‘मैं दुनिया भर के अपने उद्यमी दोस्तों को कहना चाहता हूं कि भारत और दुनिया के लिए यहां निवेश करें।’

उन्होंने जीएसटी, नोटबंदी और इनसॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड (IBC) जैसे कदमों का भी जिक्र किया। उनका कहना था, ‘मैं आप में से हर एक व्यक्ति को भारत की ग्रोथ की यात्रा में एक भागीदार बनने का निमंत्रण देता हूं। मैं आपको पूरे दिल से समर्थन का आश्वासन देता हूं।’

GES में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की बेटी इवांका अपने देश के डेलिगेशन की अगुवाई कर रही हैं। उन्होंने भारत को एक तेजी से बढ़ती इकनॉमी और दुनिया के लिए उम्मीद का एक प्रतीक बनाने के लिए सरकार की कोशिशों की प्रशंसा की।

इवांका ने कहा कि मोदी ने अपने उदाहरण (बचपन में चाय बेचने से लेकर प्रधानमंत्री बनने तक) से यह साबित किया है कि बड़ा बदलाव संभव है। इवांका ने कहा कि अब मोदी भारत के करोड़ों लोगों के मन में यही उम्मीद जगा रहे हैं।

मोदी ने कहा कि वह वर्ल्ड बैंक की ईज ऑफ डूइंग बिजनस रैंकिंग में भारत के 100वें स्थान से संतुष्ट नहीं हैं। उन्होंने कहा कि भारत को टॉप 50 में आने की जरूरत है।

उन्होंने बताया कि सरकार ने 1,200 से अधिक पुराने कानून रद्द कर दिए हैं और 21 सेक्टर्स में फॉरन डायरेक्ट इनवेस्टमेंट (FDI) के लिए 87 रूल्स में छूट दी है।

कंपनियों की रेग्युलेटरी रिक्वायरमेंट को पूरा करने में मदद के लिए बहुत सी सरकारी प्रक्रियाओं को ऑनलाइन किया गया है। इससे बिजनस के लिए माहौल बेहतर हुआ है और स्टार्टअप्स को मदद मिल रही है।

इवांका ने मोदी की तारीफ 
मोदी का कहना था कि बिजनस रैंकिंग में 3 वर्षों में भारत का स्थान 142 से 100 पर पहुंचना इन्हीं कोशिशों का नतीजा है। इवांका ने महिलाओं को सशक्त बनाए बिना मानवता की प्रगति अधूरी रहने के मोदी के अटूट विश्वास की प्रशंसा की।

उनका कहना था, ‘यह सोचिए कि अगर भारत लेबर फोर्स में जेंडर गैप को आधा कम कर लेता है तो देश की इकनॉमी अगले तीन वर्षों में 150 अरब डॉलर से अधिक बढ़ सकती है।’

बजरी का संकट गहराया, ठप होने लगे सरकारी निर्माण कार्य

कोटा। पहले जीएसटी के कारण निर्माण कार्य शुरू होने में देरी हुई और अब बजरी खनन पर रोक लगने से काम शुरू नहीं हो पा रहे हैं।शहर में नगर निगम और यूआईटी के कई निर्माण कार्य इन दिनों चल रहे हैं और स्वच्छता मिशन के तहत 10 करोड़ रुपए के कार्यों का 5 दिन पहले ही वर्कआॅर्डर जारी हुए हैं। ये कार्य दिसंबर तक पूरे करने हैं।

यूआईटी के बड़े प्रोजेक्ट तो बजरी के कारण अभी बंद नहीं हुए हैं, लेकिन ज्यादा दिन भी नहीं चल पाएंगे। उनके पास जो स्टॉक है वह ज्यादा दिनों का नहीं है।

-आनंदीलाल वैष्णव, सचिव यूआईटी

अचानक बजरी पर रोक के कारण इन कार्यों पर की गति पर भी ब्रेक लग गया। निगम ने ठेकेदारों पर दबाव बनाया तो उन्होंने सरेंडर कर दिया।

स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोटा में दिसंबर माह से पूर्व हर वार्ड में कम से कम दो आरसीसी के कचरा प्वॉइंट बनाने हैं। साथ ही सामुदायिक शौचालय तथा घर-घर टाॅयलेट बनवाकर शहर को ओडीएफ करना है।

स्वच्छता मिशन के कार्य टाइम बाउंड हैं और उसके लिए बजरी का संकट रहा है। ठेकेदारों से कहा गया है कि वे उन कार्यों को पहले करें, जिनमें बजरी की आवश्यकता कम हो।

प्रेमशंकर शर्मा एसई, नगर निगम

इसके लिए नगर निगम ने हाल ही में 10 करोड़ रुपए के वर्कआॅर्डर जारी किए थे। जो नए कार्य स्वीकृत हुए हैं वह शुरू होते इससे पहले ही बजरी संकट गया।

सोमवार को नगर निगम में कांट्रेक्टर्स एसई प्रेमशंकर शर्मा से मिले और कार्य समय पर पूरा नहीं कर पाने के लिए कहा।

उनका कहना था कि बजरी है ही नहीं, जिनके पास थोड़ी सी है वह भी कई गुना अधिक दाम मांग रहे हैं। ऐसे में कार्य पूरा कर पाना संभव नहीं है। बजरी खनन पर रोक हटने तक इंतजार करना होगा।

बनास के अलावा विकल्प नहीं
शहर में बजरी बनास नदी से ही आती है। इस पर रोक के बाद जो विकल्प हैं वह काफी महंगे हैं। मध्यप्रदेश से बजरी सकती है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन महंगा पड़ता है।

क्रेशर डस्ट काफी है,लेकिन उसका उपयोग सीधे प्लास्टर या चुनाई में नहीं कर सकते। उसे केवल 25 प्रतिशत तक बजरी में मिलाकर काम ले सकते हैं। इसके अलावा क्रेशर डस्ट को यदि और अधिक छाना जाए तो उसका उपयोग हो सकता है, लेकिन ऐसे प्लांट दिल्ली में ही हैं। दिल्ली से मंगवाना भी महंगा पड़ेगा।

ये कार्य भी होंगे प्रभावित
शहरमें यूआईटी के बड़े प्रोजेक्ट मोदी काॅलेज फ्लाईओवर, बैराज ब्रिज रंगपुर ब्रिज का काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत दशहरा मैदान का कार्य चल रहा है। हालांकि इन प्रोजेक्ट में अभी रुकावट नहीं आई, इनके पास पुराना स्टॉक है, लेकिन वह भी ज्यादा दिनों का नहीं है। इसके अलावा वार्डों में चल रहे छोटे-छोटे नाली, पटान, सीसी रोड के कार्य भी ठप हो चुके हैं।

जेईई मेन्स : डायबिटिक स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर में ले जा सकेंगे दवाएं, फल

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कोटा। सीबीएसई ने जेईई मेन्स में बैठने वाले डायबिटिक स्टूडेंट्स को राहत प्रदान की है। अब यह स्टूडेंट्स एग्जाम सेंटर में खाने की सामग्री शुगर की टैबलेट ले जा सकेंगे। अब तक इन सामग्रियों के सेंटर पर ले जाने पर रोक लगी हुई थी।

सीबीएसई इससे पहले अपने बोर्ड एग्जाम में भी डायबिटिक बच्चों के लिए यह सुविधा शुरू कर चुका है। सीबीएसई की ओर से जारी नोटिफिकेशन में बताया गया है कि छात्र अपने साथ केला, सेब संतरा ले जा सकते हैं। इसके साथ ही शुगर टैबलेट लेकर जाने पर भी कोई पाबंदी नहीं रहेगी।

इस नए आदेश से उन बच्चों को काफी राहत मिलेगी, जो बीमारी के कारण पूरी एकाग्रता से एग्जाम नहीं दे पाते थे। जेईई मेन्स का ऑनलाइन एग्जाम 15 16 अप्रैल को होगा। ऑफलाइन एग्जाम 8 अप्रैल को होना है।

1 दिसंबर से शुरू होगा रजिस्ट्रेशन : जेईईमेन्स का रजिस्ट्रेशन 1 दिसंबर से होगा। जो करीब 1 माह तक चलेगा। जेईई मेन्स यूनिट में छात्रों की जिज्ञासाओं को शांत करने के लिए वेबसाइट पर एफएक्यू जारी कर दिए हैं।

पानी की बोतल भी ले जा सकेंगे छात्र
डायबिटिक स्टूडेंट पानी की बोतल को भी ले जा सकते हैं। यह बोतल ट्रांसपेरेंट होनी चाहिए। चॉकलेट कैंडी, सैंडविच जैसे पैक्ड फूड पर रोक रहेगी। दरअसल डायबिटिक स्टूडेंट्स को निश्चित समय में कुछ खाना होता है, लेकिन एग्जाम की अवधि लंबी होने के कारण वह कुछ खा नहीं पाते। इससे पहले सेंटर में किसी भी तरह की सामग्री ले जाने पर पाबंदी थी।

6 विदेशी सेंटर्स पर भी होगा जेईई एडवांस
इस साल भी विदेशी छात्रों को मेन्स एग्जाम नहीं देना पड़ेगा। आईआईटी ने विदेशी छात्रों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है। इसके तहत भारत के अलावा अन्य देशों के 6 सेंटर्स पर भी एग्जाम होगा।

इसमें आदिस आबादा, कोलंबो, ढाका, दुबई, काठमांडू और सिंगापुर को शामिल किया गया है। सार्क देशों के स्टूडेंट्स को देश या विदेश में सेंटर लेने के लिए शुल्क 160 यूएस डाॅलर जीएसटी चुकाना होगा। नॉन सार्क देशों के लिए 300 यूएस डाॅलर जीएसटी चुकाना होगा। 

रुला रही हैं प्याज की कीमतें, दिल्ली में 80 रुपए किलो तक पहुंचे दाम

नई दिल्ली । कमजोर आपूर्ति के चलते राजधानी दिल्ली में प्याज की खुदरा कीमतें 80 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच गई हैं। ट्रेड डेटा के मुताबिक सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि अन्य शहरों में भी प्याज की कीमतों में उछाल देखने को मिला है।

ट्रेड डेटा के मुताबिक अन्य मेट्रो शहरों में प्याज 50 से 70 रुपए प्रति किलो के भाव से बिक रहा है। गुणवत्ता (क्वालिटी) और स्थानीयता के आधार पर इनमें अंतर देखा जा रहा है। आजाद पुर मंडी जिसे एशिया के बड़े सब्जी बाजारों में से एक माना जाता है, वहां पर प्याज की कीमतें 50 से 60 रुपए प्रति किलो के स्तर पर पहुंच चुकी हैं।

ट्रेडर्स की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक कुछ जगहों पर प्याज 80 रुपए प्रतिकिलो के भाव पर बिक रहा है।
क्यों महंगा हो रहा है थोक और खुदरा कीमतों में इस तेजी का कारण प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों की ओर से कमजोर आवक है।

इन प्रमुख राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटका और मध्य प्रदेश शामिल हैं। महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी जिसे प्याज के पैमाने पर एशिया का सबसे बड़ा बाजार कहा जाता है में आवक में 47 फीसद की गिरावट देखने को मिली है। इस गिरावट के साथ यह 12,000 क्विंटल प्रतिदिन पर आ गई है जो कि पहले 22,933 क्विंटल प्रतिदिन हुआ करती थी।

अगर लासलगांव में प्याज की बात करें तो यहां पर प्याज 33 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बिक रहा है, जबकि एक साल पहले यहां भाव 7 रुपए 50 पैसे प्रतिकिलो हुआ करता था।