कोटा। पहले जीएसटी के कारण निर्माण कार्य शुरू होने में देरी हुई और अब बजरी खनन पर रोक लगने से काम शुरू नहीं हो पा रहे हैं।शहर में नगर निगम और यूआईटी के कई निर्माण कार्य इन दिनों चल रहे हैं और स्वच्छता मिशन के तहत 10 करोड़ रुपए के कार्यों का 5 दिन पहले ही वर्कआॅर्डर जारी हुए हैं। ये कार्य दिसंबर तक पूरे करने हैं।
यूआईटी के बड़े प्रोजेक्ट तो बजरी के कारण अभी बंद नहीं हुए हैं, लेकिन ज्यादा दिन भी नहीं चल पाएंगे। उनके पास जो स्टॉक है वह ज्यादा दिनों का नहीं है।
-आनंदीलाल वैष्णव, सचिव यूआईटी
अचानक बजरी पर रोक के कारण इन कार्यों पर की गति पर भी ब्रेक लग गया। निगम ने ठेकेदारों पर दबाव बनाया तो उन्होंने सरेंडर कर दिया।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत कोटा में दिसंबर माह से पूर्व हर वार्ड में कम से कम दो आरसीसी के कचरा प्वॉइंट बनाने हैं। साथ ही सामुदायिक शौचालय तथा घर-घर टाॅयलेट बनवाकर शहर को ओडीएफ करना है।
स्वच्छता मिशन के कार्य टाइम बाउंड हैं और उसके लिए बजरी का संकट रहा है। ठेकेदारों से कहा गया है कि वे उन कार्यों को पहले करें, जिनमें बजरी की आवश्यकता कम हो।
–प्रेमशंकर शर्मा एसई, नगर निगम
इसके लिए नगर निगम ने हाल ही में 10 करोड़ रुपए के वर्कआॅर्डर जारी किए थे। जो नए कार्य स्वीकृत हुए हैं वह शुरू होते इससे पहले ही बजरी संकट गया।
सोमवार को नगर निगम में कांट्रेक्टर्स एसई प्रेमशंकर शर्मा से मिले और कार्य समय पर पूरा नहीं कर पाने के लिए कहा।
उनका कहना था कि बजरी है ही नहीं, जिनके पास थोड़ी सी है वह भी कई गुना अधिक दाम मांग रहे हैं। ऐसे में कार्य पूरा कर पाना संभव नहीं है। बजरी खनन पर रोक हटने तक इंतजार करना होगा।
बनास के अलावा विकल्प नहीं
शहर में बजरी बनास नदी से ही आती है। इस पर रोक के बाद जो विकल्प हैं वह काफी महंगे हैं। मध्यप्रदेश से बजरी सकती है, लेकिन ट्रांसपोर्टेशन महंगा पड़ता है।
क्रेशर डस्ट काफी है,लेकिन उसका उपयोग सीधे प्लास्टर या चुनाई में नहीं कर सकते। उसे केवल 25 प्रतिशत तक बजरी में मिलाकर काम ले सकते हैं। इसके अलावा क्रेशर डस्ट को यदि और अधिक छाना जाए तो उसका उपयोग हो सकता है, लेकिन ऐसे प्लांट दिल्ली में ही हैं। दिल्ली से मंगवाना भी महंगा पड़ेगा।
ये कार्य भी होंगे प्रभावित
शहरमें यूआईटी के बड़े प्रोजेक्ट मोदी काॅलेज फ्लाईओवर, बैराज ब्रिज रंगपुर ब्रिज का काम चल रहा है। स्मार्ट सिटी के तहत दशहरा मैदान का कार्य चल रहा है। हालांकि इन प्रोजेक्ट में अभी रुकावट नहीं आई, इनके पास पुराना स्टॉक है, लेकिन वह भी ज्यादा दिनों का नहीं है। इसके अलावा वार्डों में चल रहे छोटे-छोटे नाली, पटान, सीसी रोड के कार्य भी ठप हो चुके हैं।