नई दिल्ली। राजस्थान कैडर के 1985 बैच के आईएएस बद्री नारायण शर्मा को जीएसटी व्यवस्था में राष्ट्रीय मुनाफाखोरी रोधी प्राधिकरण का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
जीएसटी के तहत घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं को न देने की शिकायतों को ध्यान में रखते हुए प्राधिकरण का गठन किया गया है।
किसी ग्राहक को लगता है कि उसे घटी कर दर का लाभ नहीं मिल रहा है तो वह प्राधिकरण में इसकी शिकायत कर सकता है।
राजस्थान कैडर के 1985 बैच के आईएएस शर्मा फिलहाल राजस्व विभाग में अतिरिक्त सचिव हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 16 नवंबर को पांच सदस्यीय प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी।
उन्हें पदोन्नत कर सचिव के पद के स्तर पर इस प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया गया है। वह जीएसटी बनाने और इसे लागू करने से जुड़े रहे हैं। राजस्व विभाग में आने से पहले वह ऊर्जा मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव के पद पर भी रह चुके हैं।
शर्मा की संयुक्त सचिव और उससे ऊंचे पद के चार वरिष्ठ अधिकारी सहायता करेगें और उनकी नियुक्ति तकनीकी सदस्य के रूप में की गयी है।
उनमें हिमाचल प्रदेश के कर न्यायाधिकरण के अध्यक्ष जे सी चौहान, कोलकाता में जीएसटी के प्रमुख आयुक्त बिजय कुमार, मेरठ में पदस्थ जीएसटी के प्रमुख आयुक्त सी एल महार और एडीजी सिस्टम्स चेन्नई में पदस्थ आर भाग्यदेवी शामिल हैं।
हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जीएसटी व्यवस्था के तहत राष्ट्रीय मुनाफाखोरी-रोधी प्राधिकरण के गठन को मंजूरी दी थी। इस प्राधिकरण के गठन के पीछे मकसद नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था में घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाना है।
अब सिर्फ 50 ऐसी वस्तुएं जीएसटी की 28 प्रतिशत के ऊंचे कर स्लैब में रह गई हैं, जबकि कई वस्तुओं पर कर की दर को घटाकर पांच प्रतिशत किया गया है।